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कार्टूनिस्ट काजल कुमार रचित लोकतंतर

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में उन्हीं की लघुकथा "खान फ़िनॉमिनॉन " का पाठ सुना था।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट काजल कुमार की व्यंग्यात्मक लघुकथा लोकतंतर जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने।

कहानी "लोकतंतर" का गद्य कथा कहानी ब्लॉग पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 4 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

कवि, कथाकार और कार्टूनिस्ट काजल कुमार के बनाए चरित्र तो आपने देखे ही हैं। उनकी व्यंग्यात्मक लघुकथायेँ "एक था गधा" और "ड्राइवर" आप पहले सुन चुके हैं। काजल कुमार दिल्ली में रहते हैं।

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

सरकार में इस तरह से एडवांस देने का कोई सिस्टम नहीं है।
 (काजल कुमार रचित "लोकतंतर" से एक अंश)





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 यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें:
लोकतंतर MP3

#14th Story, Loktantra: Kajal Kumar/Hindi Audio Book/2014/14. Voice: Anurag Sharma

Comments

अनुराग जी बहुत देर बाद आपकी आवाज़ में कहानी सुनी। काजल जी कहानिया भी लिखते हैं ये भी भूल गयी। ब्लॉगिंग का अपना ही आनंद था। फोन पर वो बात नहीं बनती। आप को और काजल जी को शुभकामनाएं।
वाह.

धन्‍यवाद अनुराग जी. शब्‍दों को चि‍त्र का रूप केवल केवल स्‍वर ही दे सकते हैंं. आपके पाठन से इसमें रंगत भर दी. धन्‍यवाद.
Smart Indian said…
आभार!

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