आशा भोसले, किशोर कुमार और साथियों की आवाज़ों में राहुल देव बर्मन की यह कम्पोज़िशन बनी थी मजरूह सुलतानपुरी के बोलों पर। १९८० की इस फ़िल्म में ऋषी कपूर और नीतू सिंह की हिट जोड़ी नज़र आई थी। वैसे यह फ़िल्म 'खेल खेल में', 'दूसरा आदमी', 'रफ़ू चक्कर' जैसी फ़िल्मों की तरह सुपरहिट तो नहीं थी और न ही फ़िल्म के अन्य गीतों नें लोगों के दिलों में कुछ ख़ास जगह बनाई, पर फ़िल्म का यह शीर्षक गीत ख़ूब चला था।