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Showing posts with the label Famous stories

नसीहतों का दफ्तर - मुंशी प्रेमचंद

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "नसीहतों का दफ्तर" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने नीलम मिश्रा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी "बूढी काकी" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कथा " नसीहतों का दफ्तर ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 22 मिनट है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी एक रोज जब अक्षयकुमार कचहरी से आये तो सुन्दर और हँसमुख हेमवती ने एक रंगीन लिफाफा उनके हाथ में रख दिया। उन्होंने देखा तो अन्दर एक बहुत नफीस गुलाबी रंग का निमंत्रण था। (

बूढ़ी काकी - प्रेमचंद

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "बूढी काकी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "कातिल" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की मार्मिक कथा " बूढ़ी काकी ", जिसको स्वर दिया है नीलम मिश्रा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 28 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष प्रस्तुति ( प्रेमचंद की "बूढ़ी काकी" से एक अंश ) बूढ़ी काकी की कल्पना में पूड़ियों की तस्वीर नाचने लगी। ख़ूब लाल-लाल, फूली-फूली, नरम-नरम होंगीं। रूपा ने भली-भाँति

स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर मुंशी प्रेमचंद की विशेष कहानी

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "कातिल" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने भीष्म साहनी के जन्मदिन पर अनुराग शर्मा की आवाज़ में विशेष कहानी "चीफ़ की दावत" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की स्वाधीनता संग्राम की पृष्ठभूमि में लिखी गयी देशभक्त माँ-बेटे की द्वंद्वात्मक और मार्मिक कथा " कातिल ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 28 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष प्रस्तुति यह विधवा बड़ी सच

भीष्म साहनी के जन्मदिन पर विशेष "चीफ़ की दावत"

सुनो कहानी: भीष्म साहनी की "चीफ़ की दावत" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी झाँकी का पॉडकास्ट सुना था। आज आठ अगस्त को प्रसिद्ध लेखक, नाट्यकर्मी और अभिनेता श्री भीष्म साहनी का जन्मदिन है. इस अवसर पर आवाज़ की और से प्रस्तुत है उनकी एक कहानी। मैं तब से उनका प्रशंसक हूँ जब पहली बार स्कूल में उनकी कहानी "अहम् ब्रह्मास्मि" पढी थी। मेरी इच्छा आज सुनो कहानी में वही कहानी पढने की थी परन्तु यहाँ उपलब्ध न होने के कारण आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उनकी एक और प्रसिद्ध कहानी "चीफ की दावत" जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। आशा है आपको पसंद आयेगी। कहानी का कुल प्रसारण समय 20 मिनट 9 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के ल

प्रेमचंद के जन्मदिन पर विशेष "झाँकी"

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "झाँकी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अमिताभ मीत की आवाज़ में सआदत हसन मंटो की कहानी "आँखें" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी " झांकी ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 44 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन ३१ जुलाई पर विशेष प्रस्तुति सेठ घूरेलाल उन आदमियों में हैं, जिनका प्रात: को नाम ले लो, तो दिन-भर भोजन न मिले। उनके मक्खीचूसपने की सैकड़ों ही दंतकथाऍं नगर में प्रचलित हैं। ( प्रेमचंद की "झ

सुनो कहानी: आँखें - स'आदत हसन 'मंटो'

मंटो की "आँखें" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की एक छोटी कहानी " ज्ञानी " का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं सआदत हसन मंटो की "आँखें" , जिसको स्वर दिया है "किस से कहें" वाले अमिताभ मीत ने। इससे पहले आप अमिताभ मीत की आवाज़ में सआदत हसन मंटो की " कसौटी " और अनुराग शर्मा की आवाज़ में मंटो की अमर कहानी टोबा टेक सिंह और एक लघुकथा सुन चुके हैं। "आँखें" का कुल प्रसारण समय ११ मिनट और २३ सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था। ~ सआदत हसन मंटो (१९१२-१९५५) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी

सुनो कहानी: ज्ञानी - उपेन्द्रनाथ "अश्क"

उपेन्द्रनाथ अश्क की "ज्ञानी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने पारुल पुखराज की आवाज़ में उभरते हिंदी साहित्यकार गौरव सोलंकी की कहानी " "बाँहों में मछलियाँ" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उर्दू और हिंदी प्रसिद्ध के साहित्यकार उपेन्द्रनाथ अश्क की एक छोटी मगर सधी हुई कहानी "ज्ञानी" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। उर्दू के सफल लेखक उपेन्द्रनाथ 'अश्क' ने मुंशी प्रेमचंद मुंशी प्रेमचन्द्र की सलाह पर हिन्दी में लिखना आरम्भ किया। १९३३ में प्रकाशित उनके दुसरे कहानी संग्रह 'औरत की फितरत' की भूमिका मुंशी प्रेमचन्द ने ही लिखी थी। अश्क जी को १९७२ में 'सोवियत लै

सुनो कहानी: तुम्हारी बाँहों में मछलियाँ क्यों नहीं हैं

गौरव सोलंकी की "बाँहों में मछलियाँ" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको हिंदी कहानियाँ सुनवा रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "वैराग्य" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं उभरते हिंदी साहित्यकार गौरव सोलंकी की कहानी " "बाँहों में मछलियाँ" ", जिसको स्वर दिया है पारुल पुखराज ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 6 मिनट 25 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। प्रस्तुत कहानी का टेक्स्ट " कहानी कलश " पर उपलब्ध है. यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। 7 जुलाई, 1986 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के 'जिवाना गुलियान' गाँव में जन्मे गौरव सोलंकी ने कहानियाँ और उपन्यास भी लिखे हैं और कवितायें भी। हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी मैं कहता हूं कि मुझे फ़िल्म दे

सुनो कहानी: वैराग्य - मुंशी प्रेमचंद

मुंशी प्रेमचंद की "वैराग्य" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपेन्द्रनाथ अश्क की कहानी "पहेली" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी " वैराग्य ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 13 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी छि:छि:। तुम्हारे ऊपर निहोरा कौन कर सकता है? कैसी बात मुख से निकालती है? ऋण लेने में कोई लाज नहीं है। कौन रईस है जिस पर लाख दो-लाख का ऋण न हो? ( प्रेमचंद की "वैराग्य&q

सुनो कहानी: इस्तीफा

मुंशी प्रेमचन्द की "इस्तीफा" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की कहानी फ़र्क का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "इस्तीफा" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 21 मिनट 00 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी बेचारे दफ्तर के बाबू को आप चाहे ऑंखे दिखायें, डॉँट बतायें, दुत्कारें या ठोकरें मारों, उसक माथे पर बल न आयेगा। उसे अपने विकारों पर जो अधिपत्य होता हे, वह शायद किसी संयमी साधु में भी न हो। संतोष का पुतला, सब्र की

सुनो कहानी: विष्णु प्रभाकर जी के जन्मदिवस पर विशेष

विष्णु प्रभाकर की "फ़र्क" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में मुंशी प्रेमचंद की कहानी बांका ज़मींदार का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज विष्णु प्रभाकर जी के जन्मदिवस पर इस विशेष प्रस्तुति में हम लेकर आये हैं विष्णु प्रभाकर की "फ़र्क" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 41 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मेरे जीने के लिए सौ की उमर छोटी है ~ विष्णु प्रभाकर (१२ जून १९१२- ११ अप्रैल २००९) विष्णु प्रभाकर जी के जन्मदिवस पर विशेष हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी उधर के सैनिक आपको चाय के लिए बुला सकते हैं, जाइएगा नहीं। पता नहीं क्या हो जाए? आपकी पत्नी साथ में है और फिर कल हमने उनके छह तस्कर मार डाले थे। ( विष्णु प

सुनो कहानी: बाँका जमींदार

मुंशी प्रेमचन्द की "बाँका जमींदार" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने कनाडा निवासी स्वप्न मंजूषा की आवाज़ में ज्ञानप्रकाश विवेक की कहानी शिखर-पुरुष का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मुंशी प्रेमचन्द की चर्चित कहानी बाँका जमींदार , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 23 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी धरती में साधारण गुरुत्वाकर्षण के अलावा एक खास ताकत होती है, जो हमेशा धन को अपनी तरफ खींचती है। सूद और तमस्सुक और व्यापार, यह दौलत की बीच की मंजिलें हैं, जमीन उसकी आखिरी मंजिल है। (

सुनो कहानी: शिखर-पुरुष

ज्ञानप्रकाश विवेक की "शिखर-पुरुष" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने "किस से कहें" वाले अमिताभ मीत की आवाज़ में सआदत हसन मंटो की "कसौटी" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं चर्चित कहानीकार ज्ञानप्रकाश विवेक की शिखर-पुरुष , जिसको स्वर दिया है कनाडा निवासी स्वप्न मंजूषा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय ३६ मिनट ४० सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। ज्ञानप्रकाश विवेक की सबसे चर्चित कहानी ' शिखर-पुरुष ' का टेक्स्ट हिंद युग्म पर कहानी कलश में उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। ञानप्रकाश विवेक की कहानियों में सामाजिक विडम्बनाओं के विभिन्न मंजर उपस्थित रहते हैं। हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी चाय का कप है कोई परशुराम का धनुष नहीं। कहा नहीं था मैने, क्योंकि तुम्हें यह फब्

सआदत हसन मंटो की "कसौटी"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में श्रवण कुमार सिंह की कहानी 'बुतरखौकी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं सआदत हसन मंटो की "कसौटी" , जिसको स्वर दिया है "किस से कहें" वाले अमिताभ मीत ने। इससे पहले आप अनुराग शर्मा की आवाज़ में मंटो की अमर कहानी टोबा टेक सिंह और एक लघुकथा सुन चुके हैं। "कसौटी" का कुल प्रसारण समय १३ मिनट और ४४ सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पागलख़ाने में एक पागल ऐसा भी था जो ख़ुद को ख़ुदा कहता था। ~ सआदत हसन मंटो (१९१२-१९५५) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए एक नयी कहानी वह धर्मकांटा कहाँ है जिसके पलडों में हिन्दू और मुसलमान, ईसाई और यहूदी, काले और गोरे तुल सकते हैं? ( मंटो की "कसौटी" से एक अंश

बुतरखौकी - हक जन्म का मेरे मत छीनो

सुनो कहानी: श्रवण कुमार सिंह की कहानी 'बुतरखौकी' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम प्रत्येक शनिवार को आपको सुनवा रहे हैं चुनी हुई कहानियां जिनमें नए, पुराने, प्रसिद्ध, अल्प-परिचित सभी श्रेणी के रचनाकारों की बहुमूल्य कृतियाँ शामिल हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सआदत हसन अली मंटो की अमर कहानी 'टोबा टेक सिंह' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं श्रवण कुमार सिंह की सम-सामयिक कहानी 'बुतरखौकी' , जिसको स्वर दिया है शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 54 मिनट और 3 सेकंड। श्रवण कुमार सिंह की इस कहानी का टेक्स्ट हिंद युग्म पर कहानी कलश में उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। हक जन्म का मेरे मत छीनो, मुझमें भी आस चहकती है. ~ प्रदीप मनोरिया ( पतझड़ सावन वसंत बहार से साभार) निष्काम भाव से उसने थ

मंटो का जन्म दिन

मंटो की टोबा टेक सिंह जहाँ तक मंटो को भारत और पाकिस्तान में मिलने वाले सम्मान का सवाल है तो पाकिस्तान का समाज तो ख़ैर एक बंद समाज था और वहाँ उनकी कहानियों पर प्रतिबंध लगा और उन पर मुक़दमे चले। लेकिन मैं समझता हूँ कि भारत में प्रेमचंद के बाद यदि किसी लेखक पर काम हुआ है तो वह मंटो है। हिंदी में भी, उर्दू में भी। ~ कमलेश्वर (प्रसिद्ध लेखक और उपन्यासकार) 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'समस्या' का पॉडकास्ट सुना था। 11 मई को सआदत हसन अली मंटो का जन्म दिन है। इस अवसर पर आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मंटो की टोबा टेक सिंह , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: १७ मिनट २६ सेकंड। इस कहानी का टेक्स्ट बीबीसी हिन्दी पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अ

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'समस्या'

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'समस्या' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शोभा महेन्द्रू और अनुराग शर्मा की आवाज़ में मुंशी प्रेमचंद की कहानी 'आत्म-संगीत' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी समस्या , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 12 मिनट और 37 सेकंड। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी गरीब का रंग उड़ गया। थर-थर काँपने लगा। मुँह से एक शब्द भी न निकला। मेरी ओर अपराधी नेत्रों से ताकने लगा। ( प्रेमचंद की 'समस्

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'आत्म-संगीत'

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'आत्म-संगीत' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'स्‍वामिनी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी आत्म-संगीत , जिसको स्वर दिया है शोभा महेन्द्रू और अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 9 मिनट और 50 सेकंड। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी रानी का हृदय उछलने लगा। आह ! कितना मनोमुग्धकर राग था ! उसने अधीर होकर कहा—मॉँझी, अब देर न कर, नाव खोल, मैं एक क्षण

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'स्‍वामिनी'

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'स्‍वामिनी' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने शन्नो अग्रवाल की आवाज़ में मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'मंदिर और मस्जिद' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी 'स्‍वामिनी' , जिसको स्वर दिया है शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 37 मिनट और 0 सेकंड। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी जरा देर के लिए पति-वियोग का दु:ख उसे भूल गया। उसकी छोटी बहन और देवर दोनों काम करने गये हुए थे। शिवदास बाहर था। घर बिलक

सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'मंदिर और मस्जिद'

उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'मंदिर और मस्जिद' 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में ' मंटो की एक लघुकथा' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रेमचंद की अमर कहानी मंदिर और मस्जिद , जिसको स्वर दिया है लन्दन निवासी कवयित्री शन्नो अग्रवाल ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 28 मिनट और 12 सेकंड। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी इतना ही नहीं, उनके बगीचे में एक पंडित बारहों मॉस दुर्गा-पाठ भी किया करते थे. ( प्रेमचंद की 'मंदिर और मस्जिद' से एक अ