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सिने पहेली # 2

सिने-पहेली # 2 (9 जनवरी 2012) रेडियो प्लेबैक इण्डिया के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, 'सिने-पहेली' की दूसरी कड़ी लेकर मैं हाज़िर हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी का शुक्रिया अदा करता हूँ कि इस नए स्तंभ को आप सब नें सराहा, जिसका सबूत है आपके ईमेल जो हमें cine.paheli@yahoo.com के आइडी पर लिख भेजे हैं। तो चलिए, आज दूसरी बार के लिए तैयार हो जाइए अपने-अपने फ़िल्मी ज्ञान को आज़माने के लिए, अपने दिमाग़ पर ज़ोर डालने के लिए। आपको याद दिला दूँ कि इस स्तंभ में हर सप्ताह हम आपसे पाँच सवाल पूछने वाले हैं, जिनका जवाब आपको हमें लिख भेजने हैं। हर सप्ताह पिछले सप्ताह के विजेताओं के नाम घोषित किए जायेंगे, और ५० अंकों के बाद 'महा-विजेता' भी चुना जाएगा और उन्हें 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से पुरस्कृत भी किया जाएगा। प्रतियोगिता के नियम हम बाद में बतायेंगे, पहले आइए आपको बताएँ आज के पाँच सवाल जिन्हें हल करने है सिर्फ़ आपको ********************************************* सवाल-1: गोल्डन वॉयस गोल्डन वॉयस के लिए आज हमने चुना है एक विदाई गीत। इस गीत क

९ जनवरी- आज का गाना

गाना:  मतवाली नार ठुमक ठुमक चली जाये चित्रपट: एक फूल चार कांटे संगीतकार: शंकर जयकिशन गीतकार:  शेलेन्द्र गायक: मुकेश मतवाली नार ठुमक ठुमक चली जाये इन कदमों पे किस का जिया ना झुक जाये मतवाली नार ... फूल बदन मुखड़ा यूँ दमके बादल में ज्यों बिजली चमके गीत सुना के तू छम छम के ललचाये, छुप जाये, आय हाय मतवाली नार ... ये चंचल कजरारी आँखें ये चितचोर शिकारी आँखें गैइ दिल चीर कटारी अँखें मुस्काये, शामाये, झुक जाये मतवाली नार ...

‘आज गावत मन मेरो....’ : गीत उस्तादों के, चर्चा राग- देसी की

पंडित डी वी पलुस्कर  हिन्दी फिल्मों का इतिहास १९५३ में प्रदर्शित संगीतमय फिल्म ‘बैजू बावरा’ के उल्लेख के बिना अधूरा ही रहेगा। संगीतकार नौशाद को भारतीय संगीत के रागों के प्रति कितनी श्रद्धा थी, इस फिल्म के गीतों को सुन कर स्पष्ट हो जाता है। अपने समय के जाने-माने संगीतज्ञों को फिल्म संगीत के मंच पर लाने में नौशाद अग्रणी रहे हैं। आज की गोष्ठी में हम फिल्म ‘बैजू बावरा’ के एक गीत के माधम से प्रकृति के रंगों को बिखेरने में सक्षम राग ‘देसी’ अथवा ‘देसी तोड़ी’ पर चर्चा करेंगे। स्वरगोष्ठी – 51 उस्ताद अमीर खान और डी वी पलुस्कर न ये वर्ष के एक नये अंक और एक नये शीर्षक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र आपकी इस सुरीली गोष्ठी में उपस्थित हूँ। विगत एक वर्ष तक आपका प्रिय स्तम्भ ‘सुर संगम’, अब आपके सुझावों के अनुरूप न केवल नये शीर्षक, बल्कि नये कलेवर के साथ आपके सम्मुख प्रस्तुत है। मित्रों, इस बदले हुए स्वरूप में अब आपकी सहभागिता भी रहेगी। आज की ‘स्वरगोष्ठी’ में हमारी चर्चा के विषय हैं- राग देसी, उस्ताद अमीर खान, पण्डित दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर (डी.वी. पलुस्कर),संगीतकार नौशाद और फिल्म बैजू बावरा। म

८ जनवरी- आज का गाना

गाना: मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का चित्रपट: बरसात की रात संगीतकार: रोशन गीतकार: साहिर गायिका: लता मंगेशकर मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का कैसी खुशी लेके आया चाँद, ईद का मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का - २ ज़ुल्फ़ मचलके खुल खुल जाये चाल में मस्ती घुल घुल जाये, घुल घुल जाये ऐसी खुशी आज मिली आज मिली ऐसी खुशी आँखों मैं नाम नहीं, नींद का मुझे मिल गया बहाना ... जागती आँखें बुनती हैं सपने तुझको बिठाके पहलू में अपने, पहलू में अपने दिल की लगी ऐसी बड़ी ऐसी बड़ी दिल की लगी आँखों मैं नाम नहीं नींद का मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का कैसी खुशी लेके आया चाँद ईद का मुझे मिल गया बहाना तेरी दीद का

७ जनवरी- आज की कलाकार - बिपाशा बासु - जन्मदिन मुबारक

७ जनवरी जन्मदिन है हिन्दी फिल्म अभिनेत्री बिपासा बासु का.  फिल्म अजनबी में नकारात्मक भूमिका से शुरुआत करने वाली बिपासा आज एक सफल अभीनेत्री मानी जाती हैं.इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेअर का नवोदित अभीनेत्री का पुरस्कार मिला था. उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया. कुछ नाम हैं, राज़,जिस्म,नो एंट्री,ओमकारा,अपहरण,धूम २ आदि. रेडियो प्लेबैक इंडिया की ओर से उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएँ उनकी ही फिल्मो के दस गानों से.

बोलती कहानियाँ - बेचारा भला आदमी - हरिशंकर परसाई

'बोलती कहानियाँ' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अमित तिवारी की आवाज़ में हरिशंकर परसाई की कहानी " टार्च बेचने वाले " का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य " बेचारा भला आदमी ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 4 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया अधिक जानकारी के लिए कृपया हमें admin@radioplaybackindia.com पर संपर्क करें

आज का कलाकार - ए. आर. रहमान- जन्मदिन मुबारक

आज ६ जनवरी जन्मदिन है ए. आर. रहमान का. जन्म के समय उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था जिसे बाद में बदलकर वे ए आर रहमान बने.सुरों के बादशाह रहमान ने हिंदी के अलावा अन्य कई भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है. टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी. रहमान गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं.ए. आर. रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल हुआ.इसी फिल्म के गीत जय हो... के लिए सर्वश्रेष्ठ साउंडट्रैक कंपाइलेशन और सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीत की श्रेणी में दो ग्रैमी पुरस्कार मिले. रहमान ने संगीत की आगे की शिक्षा मास्टर धनराज से प्राप्त की और मात्र ११ वर्ष की उम्र में अपने बचपन के मित्र शिवमणि के साथ रहमान बैंड रुट्स के लिए की-बोर्ड (सिंथेसाइजर) बजाने का कार्य करते.  वे इलियाराजा के बैंड के लिए काम करते थे.१९९१ में रहमान ने अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु किया.११९२ में उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म रोजा में संगीत देने का मौका मिला.उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर