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'बेबी डौल' की मादक अदाएं और 'गुलछर्रे' उडाती मस्तियाँ

ताज़ा सुर ताल 2014 -10  ताज़ा सुर ताल में आज चर्चा इस माह के सबसे हिट गीत की. पोर्न स्टार सनी लियोनि अब तक के सबसे बोल्ड अवतार में अवतरित होने वाली हैं फिल्म रागिनी एम् एम् एस २  में. फिल्म में मुक्तलिफ़ संगीतकारों ने योगदान दिया है. सबसे अधिक चर्चा में है बेबी डौल  गीत जो इन दिनों हर पार्टी में धूम मचा रहा है. मीत बंधुओं और अनजान की तिकड़ी ने इस गीत के लिए एक अनूठी रिदम का चयन किया है, जिसे सुनकर कदम बरबस ही थिरक उठते हैं. कुमार के शब्द भी पूरी तरह मेल खाते हैं गीत के थीम से. जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि मीत बंधू अपने रचित हर गीत में अपनी आवाज़ का तडका अवश्य लगाते हैं, लेकिन गीत की प्रमुख गायिका है कनिका कपूर जिनकी आवाज़ और अदायगी में एक अंतरास्ट्रीय अपील है, शायद ये बॉलीवुड में उनका पहला गीत है पर उन्होंने बेहद ऊर्जा के साथ गीत को अंजाम दिया है. तो लीजिए सुनिए और झूमिए बेबी डोल  के संग  आज का दूसरा गीत भी कुछ थिरकता मचलता ही है. नुपुर अस्थाना निर्देशित बेवकूफियां  की कहानी लिखी है हबीब फैज़ल ने. फिल्म के संगीतकार हैं रघु दीक्षित, जो एक बेहद ...

वफ़ा और ज़फा की शर्तों के बीच कैद एक नगमा

खरा सोना गीत - है इसी में प्यारा की आबरू   प्रस्तोता - दीप्ति सक्सेना  स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टर्जी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन 

MH370 विमान में लापता हुए लोगों के लिए मंगलकामना करता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया'

विशेष प्रस्तुति  MH370 विमान में लापता हुए लोगों को समर्पित  MH370 विमान के लापता हुए आज 10 दिन बीत चुके हैं। सिविल एविएशन के इतिहास में शायद यह सबसे बड़ी रहस्यमय घटना है जिसने पूरे विश्व को दहला दिया है। इतना विशाल विमान, 239 लोग, यकायक कैसे ग़ायब हो गए बिना किसी सुराग़ के! आज 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' इस विशेष प्रस्तुति के माध्यम से MH370 विमान में लापता हुए लोगों के शीघ्र वापसी की मंगलकामना करता है। आस-पास मम्मी, पापा, कहाँ हो आप? मुस्कुराकर 'गूड-बाइ' कहा था उस रात को एअरपोर्ट पर याद है ना? और कहा था सुबह बेजिंग् पहुँचते ही फ़ोन करेंगे रात भर मुन्नी करवट बदलती रही आप दोनों के बिना सोने की आदत जो नहीं किसी तरह सुबह हुई और पूछने लगी "मम्मी-पापा का फ़ोन आया?" क्या जवाब देता उसे? फ़ोन तो आया था पर एअरवेज़ का। आपने कहा था कि बस दस दिनों की ही तो बात है तो लीजिये आज पूरे दस दिन हो गये अब तो आपके वापसी का भी समय हो गया अब तो चले आइये! मुन्नी अपने चीनी खिलौनों का इन्तज़ार कर रही है दादा-दादी मुरझा चुके हैं नाना-नानी ख़ामोश बैठे ...

होली पर सुनिए एक कमचर्चित गीत

खरा सोना गीत - आओ रे आओ खेलो होली   प्रस्तोता - मीनू सिंह स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टर्जी  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन 

होली पर्व पर सभी पाठकों / श्रोताओं को हार्दिक मंगलकामना

स्वरगोष्ठी – 159 में आज रंग-गुलाल के उड़ते बादलों के बीच धमार का धमाल ‘होली में लाज ना कर गोरी...’  अबीर-गुलाल के उड़ते सतरंगी बादलों के बीच सप्तस्वरों के माध्यम से सजाई गई ‘स्वरगोष्ठी’ की इस महफिल में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत प्रेमियों का होली के मदमाते परिवेश में हार्दिक स्वागत करता हूँ। भारतीय पर्वों में होली एक ऐसा पर्व है, जिसमें संगीत-नृत्य की प्रमुख भूमिका होती है। जनसामान्य अपने उल्लास की अभिव्यक्ति के लिए देशज संगीत से लेकर शास्त्रीय संगीत का सहारा लेता है। इस अवसर पर विविध संगीत शैलियों के माध्यम से होली की उमंग को प्रस्तुत करने की परम्परा है। इन सभी भारतीय संगीत शैलियों में होली की रचनाएँ प्रमुख रूप से उपलब्ध हैं। मित्रों, पिछली तीन कड़ियों में हमने संगीत की विविध शैलियों में राग काफी के प्रयोग पर चर्चा की है। राग काफी फाल्गुनी परिवेश का चित्रण करने में समर्थ होता है। श्रृंगार रस के दोनों पक्ष, संयोग और वियोग, की सहज अभिव्यक्ति राग काफी के स्वरों से की जा सकती है। आज के अंक में हम होली के उल्लास और उमंग की अभ...

होली के रंगों के साथ वापसी 'एक गीत सौ कहानियाँ' की...

एक गीत सौ कहानियाँ - 24   ‘मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे...’ हम रोज़ाना न जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और उन्हें गुनगुनाते हैं। पर ऐसे बहुत कम ही गीत होंगे जिनके बनने की कहानी से हम अवगत होंगे। फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का साप्ताहिक स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। एक लम्बे अन्तराल के बाद आज से इस स्तम्भ का पुन: शुभारम्भ हो रहा है। आज इसकी 24-वीं कड़ी में जानिये फ़िल्म 'मुग़ल-ए-आज़म' के गीत "मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे..." के बारे में...  'मु ग़ल-ए-आज़म', 1960 की सर्वाधिक चर्चित फ़िल्म। के. आसिफ़ निर्देशित इस महत्वाकांक्षी फ़िल्म की नीव सन् 1944 में रखी गयी थी। दरअसल बात ऐसी थी कि आसिफ़ साहब ने एक नाटक पढ़ा। उस नाटक की कहानी शाहंशाह अकबर के राजकाल की पृष्ठभूमि में लिखी गयी थी। कहानी उन्हें अच्छी लगी और उन्होंने इस पर एक बड़ी फ़िल्म बनाने की सोची। लेकिन उन्हें उस वक़्त यह अन्दाज़ा भी नहीं हुआ होगा कि उनके इस...

जुगनी उडी गुलाबी पंख लेकर इस होली पर

ताज़ा सुर ताल - 2014 - 10 दोस्तों इस रविवार को दुनिया भर में मनाया गया महिला दिवस. आज जो दो गीत हम आपके लिए चुनकर लेकर आये हैं वो भी नारी शक्ति के दो मुक्तलिफ़ रूप दर्शाने वाले हैं. पहला गीत है गुलाब गैंग  का... कलगी हरी है, चोंच गुलाबी, पूँछ है उसकी पीली हाय, रंग से हुई रंगीली रे चिड़िया, रंग से हुई रंगीली  ... नेहा सरफ के लिखे इस खूबसूरत गीत में गौर कीजिये कि उन्होंने इस चिड़िया की चोंच गुलाबी  रंगी है, यही बदलते समय में नारी की हुंकार को दर्शाता है. वो अब दबी कुचली अबला बन कर नहीं बल्कि एक सबल और निर्भय पहचान के साथ अपनी जिंदगी संवारना चाहती है. शौमिक सेन के स्वरबद्ध इस गीत को आवाज़ दी है कौशकी चक्रवर्ति ने. गुलाब गैंग  में ९० के दशक की दो सुंदरियाँ, माधुरी दीक्षित और जूही चावला पहली बार एक साथ नज़र आयेगीं. फिल्म कैसी है ये आप देखकर बताएं, फिलहाल सुनिए ये गीत जो इस साल होली को एक नए रंग में रंगने वाली है.  ) कितने काफिले समय के/  धूल फांकते गुजरे हैं/  मेरी छाती से होकर/  मटमैली चुनर सी  / बिछी रही आसमां पे मैं... कोख में ही दबा दी...