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चित्रकथा - 62: हिन्दी फ़िल्मों के महिला गीतकार (भाग-1)

अंक - 62 हिन्दी फ़िल्मों के महिला गीतकार (भाग-1) "अंबर की एक पाक सुराही..."  ’रेडियो प्लेबैक इंडिया’ के सभी पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! फ़िल्म जगत एक ऐसा उद्योग है जो पुरुष-प्रधान है। अभिनेत्रियों और पार्श्वगायिकाओं को कुछ देर के लिए अगर भूल जाएँ तो पायेंगे कि फ़िल्म निर्माण के हर विभाग में महिलाएँ पुरुषों की तुलना में ना के बराबर रही हैं। जहाँ तक फ़िल्मी गीतकारों और संगीतकारों का सवाल है, इन विधाओं में तो महिला कलाकारों की संख्या की गिनती उंगलियों पर की जा सकती है। आज ’चित्रकथा’ में हम एक शोधालेख लेकर आए हैं जिसमें हम बातें करेंगे हिन्दी फ़िल्म जगत के महिला गीतकारों की, और उनके द्वारा लिखे गए यादगार गीतों की। आज का यह अंक समर्पित है महिला फ़िल्म गीतकारों को!  अ गर यह पूछा जाए कि किस महिला गीतकार की रचनाएँ सबसे ज़्यादा फ़िल्मों में सुनाई दी हैं, तो शायद इसका सही जवाब होगा मीराबाई। एक तरफ़ जहाँ यह एक सुन्दर और मन को शान्ति प्रदान करने वाली बात है, वहीं दूसरी ओर यह एक दुर्भाग्यजनक बात भी है कि जिस दे

चित्रकथा - 60: प्यारेलाल वडाली को श्रद्धा सुमन, वडाली ब्रदर्स के फ़िल्मी गीतों के ज़रिए

अंक - 60 प्यारेलाल वडाली को श्रद्धा सुमन, वडाली ब्रदर्स के फ़िल्मी गीतों के ज़रिए "मंदिर मस्जिद मैकद भी रंग दे..." 9 मार्च 2018 को जाने-माने सूफ़ी गायक जोड़ी वडाली ब्रदर्स के प्यारेलाल वडाली का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बड़े भाई पूरनचन्द वडाली के साथ प्यारेलाल वडाली ने ’वडाली ब्रदर्स’ के नाम से जोड़ी बनाई और पंजाबी सूफ़ी संगीत की निरन्तर सेवा की। वडाली बंधुओं की रचनाएँ सुनते हुए श्रोता ट्रान्स में चले जाते हैं, एक अजीब सा आकर्षण है इनकी गायकी में जो श्रोताओं को सम्मोहित करते हैं, मंत्रमुग्ध करते हैं। वडाली ब्रदर्स हमेशा फ़िल्मों में गाने से दूर दूर ही रहे, लेकिन क्योंकि ’चित्रकथा’ एक फ़िल्मी स्तंभ है, इसलिए इसमें वडाली ब्रदर्स के फ़िल्मी गीतों पर नज़र डालना ज़रूरी हो जाता है। तो आइए पढ़ें और जाने कि वडाली ब्रदर्स ने किन किन फ़िल्मों में अपनी आवाज़ दी है। आज के ’चित्रकथा’ का यह अंक समर्पित है वडाली ब्रदर्स पर, और हम देते हैं स्वर्गीय प्यारेलाल वडाली को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि! व डाली ब्रदर्स का ताल्लुख़ अमृत्सर से

चित्रकथा - 59: शम्मी आंटी को श्रद्धांजलि उनके संघर्ष की कहानी के साथ

अंक - 59 शम्मी आंटी को श्रद्धांजलि "प्यार की दुनिया में यह पहला क़दम..." 24 April 1929 – 6 March 2018 6 मार्च 2018 को जानीमानी अभिनेत्री शम्मी (शम्मी आंटी) का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एक सशक्त अभिनेत्री, एक मिलनसार इंसान, और एक ख़ूबसूरत सितारा, यानी कि शम्मी आंटी। जी हाँ, प्यार से लोग उनके नाम के साथ "आंटी" लगाते हैं। शम्मी आंटी ने शुरुआत बतौर फ़िल्म नायिका की थीं, फिर आगे चल कर चरित्र अभिनेत्री और फिर टेलीविज़न के परदे पर भी ख़ूब लोकप्रियता हासिल की। अधिकतर कलाकारों का संघर्ष जहाँ उनके अरिअर के शुरुआती समय में होता है, वहाँ शम्मी जी का संघर्ष उस समय शुरु हुआ जब वो अपने करिअर के शीर्ष पर थीं। ऐसा क्यों? यही हम जानने की कोशिश करेंगे आज के ’चित्रकथा’ के इस अंक में। तो आइए पढ़ें शम्मी आंटी के संघर्ष की कहानी। आज के ’चित्रकथा’ का यह अंक समर्पित है अभिनेत्री शम्मी (आंटी) की पुण्य स्मृति को! श म्मी आंटी का असली नाम था नरगिस रबाड़ी। मात्र तीन वर्ष की आयु में पिता को खोने के बाद, उनकी माँ ने धार्म

चित्रकथा - 58: श्रीदेवी के होठों पर कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़

अंक - 58 श्रीदेवी के होठों पर कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ "तुम्हें क्या मर जाऊँ तो मर जाऊँ मैं तुम किस काम के..." चली गईं श्रीदेवी! बॉलीवूड की पहली फ़ीमेल सुपरस्टार का दर्जा रखने वाली इस ख़ूबसूरत अभिनेत्री के अचानक इस तरह चले जाने से पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई है। आज ’चित्रकथा’ में श्रीदेवी की ही बातें। श्रीदेवी की लोकप्रियता का अंदाज़ा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके अंतिम संस्कार में 25,000 से भी अधिक लोग शामिल हुए। श्रीदेवी एक सशक्त अदाकारा तो थीं ही, उनकी एक ख़ास बात यह भी थी कि उन पर जो गीत फ़िल्माए जाते, उनमें से अधिकतर अपने ज़माने के सुपरहिट गीत बन जाते। यूं तो उनके लिए सबसे अधिक पार्श्वगायन आशा भोसले ने किया है, लेकिन श्रीदेवी का नाम लेते ही जिस गीत की याद सबसे पहली आती है, वह है "हवा हवाई", जिसकी गायिका हैं कविता कृष्णमूर्ति। कविता जी ने भी श्रीदेवी के लिए बहुत से गाने गायी हैं। तो क्यों ना आज के इस अंक में हम उन गीतों की चर्चा करें जो कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ में सजे थे श्रीदेवी के होठों पर! प्रस्तुत है यह विशेषालेख ’श्रीदेव

होली विशेष:: श्रीदेवी पर फ़िल्माया संभवत: एकमात्र होली गीत

होली विशेष : श्रीदेवी पर फ़िल्माया एकमात्र होली गीत "होली आयी रे, आयी रे, रंग बरसे.." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का नमस्कार! आप सभी को होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। इस अवसर पर अभिनेत्री श्रीदेवी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए आइए सुनें उन पर फ़िल्माया हुआ सम्भवत: एकमात्र होली गीत। यह गीत है 1979 की फ़िल्म ’सोलवाँ सावन’ का, जो श्रीदेवी की बतौर नायिका पहली हिन्दी फ़िल्म रही। इस गीत को गाया है वाणी जयराम और साथियों ने, गीत लिखा है नक्श ल्यालपुरी ने, और संगीतबद्ध किया है जयदेव ने। प्रस्तुति : सुजॉय चटर्जी  रेडियो प्लेबैक इण्डिया  

चित्रकथा - 57: इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 9)

अंक - 57 इस दशक के नवोदित नायक (भाग - 9) "फ़टा पोस्टर निकला हीरो..." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! स्वागत है आप सभी का ’चित्रकथा’ स्तंभ में। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें हम लेकर आते हैं सिनेमा और सिनेमा-संगीत से जुड़े विषय। श्रद्धांजलि, साक्षात्कार, समीक्षा, तथा सिनेमा के विभिन्न पहलुओं पर शोधालेखों से सुसज्जित इस साप्ताहिक स्तंभ की आज 57-वीं कड़ी है। हर रोज़ देश के कोने कोने से न जाने कितने युवक युवतियाँ आँखों में सपने लिए माया नगरी मुंबई के रेल्वे स्टेशन पर उतरते हैं। फ़िल्मी दुनिया की चमक-दमक से प्रभावित होकर स्टार बनने का सपना लिए छोटे बड़े शहरों, कसबों और गाँवों से मुंबई की धरती पर क़दम रखते हैं। और फिर शुरु होता है संघर्ष। मेहनत, बुद्धि, प्रतिभा और क़िस्मत, इन सभी के सही मेल-जोल से इन लाखों युवक युवतियों में से कुछ गिने चु