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ऑडियो: व्यंग्य - आलोचना (शरद जोशी)

'सुनो कहानी' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा लिखित लघुकथा "बिग क्लाउड 2016" का पॉडकास्ट उन्हीं के स्वर में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं शरद जोशी लिखित व्यंग्य "आलोचना", जिसको स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने।

प्रस्तुत व्यंग्य का गद्य "हिन्दी समय" पर उपलब्ध है। "आलोचना" का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 41 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।



लेखन मेरा निजी उद्देश्य है ... मैं इससे बचकर जा भी नहीं सकता।
~ पद्मश्री शरद जोशी (जन्म 21 मई 1931; उज्जैन)

हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी

"लेखक का साहित्य के विकास में महत्व है या नहीं है यह विवादास्पद विषय हो सकता है पर किसी साहित्यिक के विकास में किसी आलोचक का महत्व सर्वस्वीकृत है।"
(शरद जोशी के व्यंग्य "आलोचना" से एक अंश)

नीचे के प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)

यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड कर लें:
आलोचना MP3

#22nd Story, Alochana: Sharad Joshi/Hindi Audio Book/2019/22. Voice: Sheetal Maheshwari

Comments

Anonymous said…
When some one searches for his required thing, thus
he/she wishes to be available that in detail, thus that thing is
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