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ऑडियो लघुकथा: उड़नपरी

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में सुधीर द्विवेदी की लघुकथा "जंग" का वाचन सुना था।

आज प्रस्तुत है अर्चना तिवारी की लघुकथा उड़नपरी, जिसे स्वर दिया है शीतल माहेश्वरी ने।

प्रस्तुत लघुकथा "उड़नपरी" का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 21 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

हमने बच्चों को कच्ची मिट्टी ही समझ रखा है। जबकि वास्तविकता यह है कि सृष्टि ने पहले से ही हर बच्चे में रचनात्मकता भर कर हमें सौंपा है।
अर्चना तिवारी

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी


"ममा मैं सलवार-कुर्ता नहीं पहनूंगी, मुझे गर्मी लगती है।"
(अर्चना तिवारी की लघुकथा 'उड़नपरी' से एक अंश)


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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड कर लें:
उड़नपरी MP3

#27th Story, Udanpari; Arati Tiwari; Hindi Audio Book/2018/27. Voice: Sheetal Maheshwari

Comments

Kapil shastri said…
सुन्दर लघुकथा।
बन्धु कुशावर्ती लखनऊ मो०: ९७२१८.९९२६८ said…
अर्चना तिवारी की सन्देशपरक मार्मिक लघुकथा को प्रभावों के अनुरूप भरसक अलग-अलग चरित्रों के स्वर में वाचिका ने पढा़,कथ्य सम्प्रेषित भी हुआ।कहनी-लघुकथा में विवरण भी। श्रव्य-माध्यम में एक चरित्र होता है।यदि वाचक रचना में निहित विवरण को अपने स्वर में अन्य चरित्रों के भी स्वर से विलगाकर स्वाभाविकतया प्रतुत करने में पटु और प्रवीण नहीं है तो सभी चरित्रों के लिये पृथक-पृथक स्वर स्वतन्त्र रूप से लिये जाने चाहिये। बवजूद इस टिप्पणी के प्रस्तोता को बधाई!

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