स्वरगोष्ठी – 343 में आज
फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी – 10 : ठुमरी भैरवी
नारी-कण्ठ पर सुशोभित ठुमरी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’
विदुषी गिरिजा देवी |
ठुमरी भैरवी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ : गायिका गौहर जान
ठुमरी भैरवी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ : गायिका रसूलन बाई
ठुमरी भैरवी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ : गायिका सिद्धेश्वरी देवी
ठुमरी भैरवी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ : विदुषी गिरिजा देवी
ठुमरी भैरवी : ‘रस के भरे तोरे नैन...’ : हीरादेवी मिश्र : फिल्म - गमन
संगीत पहेली
‘स्वरगोष्ठी’
के 343वें अंक की संगीत पहेली में आज हम आपको 1944 में प्रदर्शित एक
पुरानी फिल्म से एक ठुमरिनुमा गीत का एक अंश सुनवा रहे हैं। गीत के इस अंश
को सुन कर आपको निम्नलिखित तीन में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर देने
हैं। यदि आपको तीन में से केवल एक ही प्रश्न का उत्तर ज्ञात हो तो भी आप
प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। इस वर्ष के अन्तिम अंक की ‘स्वरगोष्ठी’
तक जिस प्रतिभागी के सर्वाधिक अंक होंगे, उन्हें इस वर्ष के पाँचवें सत्र
का विजेता घोषित किया जाएगा।
1 – इस गीतांश को सुन कर बताइए कि आपको किस राग का अनुभव हो रहा है?
2 – इस गीत में प्रयोग किये गए ताल का नाम बताइए।
3 – इस गीत में पाँचवें दशक की किस अभिनेत्री और गायिका की आवाज़ है?
आप उपरोक्त तीन मे से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर केवल swargoshthi@gmail.com या radioplaybackindia@live.com पर ही शनिवार 18 नवम्बर, 2017 की मध्यरात्रि से पूर्व तक भेजें। आपको यदि उपरोक्त तीन में से केवल एक प्रश्न का सही उत्तर ज्ञात हो तो भी आप पहेली प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। COMMENTS
में दिये गए उत्तर मान्य हो सकते हैं, किन्तु उसका प्रकाशन पहेली का उत्तर
देने की अन्तिम तिथि के बाद किया जाएगा। विजेता का नाम हम उनके शहर,
प्रदेश और देश के नाम के साथ ‘स्वरगोष्ठी’ के 345वें अंक में
प्रकाशित करेंगे। इस अंक में प्रस्तुत गीत-संगीत, राग, अथवा कलासाधक के
बारे में यदि आप कोई जानकारी या अपने किसी अनुभव को हम सबके बीच बाँटना
चाहते हैं तो हम आपका इस संगोष्ठी में स्वागत करते हैं। आप पृष्ठ के नीचे
दिये गए COMMENTS के माध्यम से तथा swargoshthi@gmail.com अथवा radioplaybackindia@live.com पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सकते हैं।
पिछली पहेली के विजेता
‘स्वरगोष्ठी’
की 341वीं कड़ी की पहेली में हमने आपको वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म –
“स्वामी” से ली गई ठुमरी का अंश सुनवा कर आपसे तीन में से किन्हीं दो
प्रश्नों का उत्तर पूछा था। पहले प्रश्न का सही उत्तर है, राग किरवानी, दूसरे प्रश्न का सही उत्तर है, ताल – कहरवा और तीसरे प्रश्न का सही उत्तर है, स्वर – के.जे. येशुदास।
इस अंक की पहेली प्रतियोगिता में तीनों प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले हमारे प्रतिभागी हैं - वोरहीज, न्यूजर्सी से डॉ. किरीट छाया, चेरीहिल न्यूजर्सी से प्रफुल्ल पटेल, पेंसिलवेनिया, अमेरिका से विजया राजकोटिया, जबलपुर, मध्यप्रदेश से क्षिति तिवारी और हैदराबाद से डी. हरिणा माधवी।
आशा है कि हमारे अन्य पाठक / श्रोता भी नियमित रूप से साप्ताहिक स्तम्भ
‘स्वरगोष्ठी’ का अवलोकन करते रहेंगे और पहेली प्रतियोगिता में भाग लेंगे।
उपरोक्त सभी प्रतिभागियों को ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की ओर से हार्दिक
बधाई।
अपनी बात
मित्रों,
‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी हमारी
श्रृंखला “फिल्मों के आँगन में ठुमकती पारम्परिक ठुमरी” की इस समापन कड़ी
में आपने राग भैरवी की पारम्परिक ठुमरी को पाँच वरिष्ठ गायिकाओं की आवाज़
में रसास्वादन किया। इन ठुमरियों के माध्यम से आपने ठुमरी गीतों की लगभग एक
शताब्दी की यात्रा को महसूस किया। आपके अनुरोध पर पुनर्प्रसारित इस
श्रृंखला को अब हम यहीं विराम देते हैं। अगले अंक से हम एक नई श्रृंखला
आरम्भ करेंगे। नई श्रृंखला में भी हम आपसे फिल्मी ठुमरियों पर चर्चा करेंगे
और शास्त्रीय और उपशास्त्रीय संगीत और रागों पर चर्चा करेंगे और सम्बन्धित
रागों तथा इस संगीत शैली में निबद्ध कुछ रचनाएँ भी प्रस्तुत करेंगे। हमारी
आगामी श्रृंखलाओं के लिए विषय, राग, रचना और कलाकार के बारे में यदि आपकी
कोई फरमाइश हो तो हमें swargoshthi@gmail.com पर अवश्य लिखिए। अगले अंक में रविवार को प्रातः 8 बजे हम ‘स्वरगोष्ठी’ के इसी मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का स्वागत करेंगे।
वाचक स्वर : संज्ञा टण्डन
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
आलेख व प्रस्तुति : कृष्णमोहन मिश्र
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