इस शुक्रवार आवाज़ पर हैं, १६ वर्षीय युवा संगीतकार. कोलकत्ता के सुभोजेत का, स्वरबद्ध किया गीत " आवारा दिल ", यह गीत भी बिल्कुल वैसे ही बना है, जैसे अब तक, युग्म के अधिकतर गीत बने हैं, अर्थात अलग अलग, तीन शहरों में बैठे गीतकार, संगीतकार और गायक ने, व्यक्तिगत रूप से बिना मिले, इन्टरनेट के माध्यम से टीम बना कर मुक्कमल किया है, यह गीत भी. यहाँ कोलकत्ता के सुभोजेत को साथ मिला, दिल्ली के गीतकार सजीव सारथी का, और नागपुर के गायक, सुबोध साठे का. सजीव का युग्म के लिए यह आठवां सोलो गीत है, और सुबोध ने यहाँ चौथी बार अपनी गायकी का जौहर दिखाया है.
अपना पहला गीत सुभोजेत ने, उन आवारा क़दमों को समर्पित किया हैं, जो जीवन नाम के सफर में, हर पल को भरपूर जीते हैं, सुख-दुःख, धूप-छांव, हर मुकाम से हँस कर गुजरते हैं, और जहाँ जाते हैं बस खुशियाँ बाँटते हैं.
तो सुनिए मस्ती भरा, यह गीत, और अपनी बेबाक समीक्षा से इस टीम का मार्गदर्शन करें.
"आवारा दिल" को सुनने के लिए नीचे के प्लेयर पर क्लिक करें.
This 16 years old composer, from Dumdum Cantt, Kolkatta, is the youngest of the bunch we have, Subhojet is really a found, for Hind Yugm. teamed with Sajeev Sarathie and Subodh Sathe, here we bring his first ever song for you - Awaara Dil. This song is all about the fullness of life, where one enjoy every moment, in all its beauty, without complaining, but singing and dreaming,all the time, with all the hopes in heart and a smile on face, even while walking through, the tough roads of life journey.
So friends, enjoy this song, and leave your fair comments, we hope that you will surely enjoy this presentation.
To listen to "Awaara Dil" please click on the player
चित्र - संगीतकार सुभोजेत (ऊपर), और अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करते सुबोध साठे (नीचे )
गीत के बोल - आवारा दिल
उड़ता उड़ता मैं फिरूं दीवाना,
ख़ुद से, जग से, सब से बेगाना,
ये हवा ये फिजा, ये हवा ये फिजा,
है ये साथी मेरे, हमसफ़र-
है ये साथी मेरे, हमसफ़र-
आवारा दिल .... आवारा दिल....
आवारा दिल....आवारा दिल....
धूप में छाँव में ,
चलूँ सदा झूमता,
और बरसातों में,
फिरता हूँ भीगता,
साहिल की रेत पे बैठ कभी.
आती जाती लहरों को ताकता रहूँ,
मस्त बहारों में लेट कभी,
भंवरों के गीतों की शोखी सुनूँ,
आवारा दिल.....
रास्तों पे बेवजह,
ढूंडू मैं उसका पता,
जाने किस मोड़ पर,
मिले वो सुबह,
पलकों पे सपनों की झालर लिए,
आशा के रंगों में ढलता रहूँ,
जन्मों की चाहत को मन में लिए,
पथिरीली राहों पे चलता चलूँ,
आवारा दिल....
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
SONG # 03, SEASON # 02, " AWAARA DIL " ( RELEASED ON 18/07/2008 ) @ AWAAZ (PODCAST)
MUSIC @ HIND YUGM, WHERE MUSIC IS A PASSION
अपना पहला गीत सुभोजेत ने, उन आवारा क़दमों को समर्पित किया हैं, जो जीवन नाम के सफर में, हर पल को भरपूर जीते हैं, सुख-दुःख, धूप-छांव, हर मुकाम से हँस कर गुजरते हैं, और जहाँ जाते हैं बस खुशियाँ बाँटते हैं.
तो सुनिए मस्ती भरा, यह गीत, और अपनी बेबाक समीक्षा से इस टीम का मार्गदर्शन करें.
"आवारा दिल" को सुनने के लिए नीचे के प्लेयर पर क्लिक करें.
This 16 years old composer, from Dumdum Cantt, Kolkatta, is the youngest of the bunch we have, Subhojet is really a found, for Hind Yugm. teamed with Sajeev Sarathie and Subodh Sathe, here we bring his first ever song for you - Awaara Dil. This song is all about the fullness of life, where one enjoy every moment, in all its beauty, without complaining, but singing and dreaming,all the time, with all the hopes in heart and a smile on face, even while walking through, the tough roads of life journey.
So friends, enjoy this song, and leave your fair comments, we hope that you will surely enjoy this presentation.
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चित्र - संगीतकार सुभोजेत (ऊपर), और अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करते सुबोध साठे (नीचे )
गीत के बोल - आवारा दिल
उड़ता उड़ता मैं फिरूं दीवाना,
ख़ुद से, जग से, सब से बेगाना,
ये हवा ये फिजा, ये हवा ये फिजा,
है ये साथी मेरे, हमसफ़र-
है ये साथी मेरे, हमसफ़र-
आवारा दिल .... आवारा दिल....
आवारा दिल....आवारा दिल....
धूप में छाँव में ,
चलूँ सदा झूमता,
और बरसातों में,
फिरता हूँ भीगता,
साहिल की रेत पे बैठ कभी.
आती जाती लहरों को ताकता रहूँ,
मस्त बहारों में लेट कभी,
भंवरों के गीतों की शोखी सुनूँ,
आवारा दिल.....
रास्तों पे बेवजह,
ढूंडू मैं उसका पता,
जाने किस मोड़ पर,
मिले वो सुबह,
पलकों पे सपनों की झालर लिए,
आशा के रंगों में ढलता रहूँ,
जन्मों की चाहत को मन में लिए,
पथिरीली राहों पे चलता चलूँ,
आवारा दिल....
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
SONG # 03, SEASON # 02, " AWAARA DIL " ( RELEASED ON 18/07/2008 ) @ AWAAZ (PODCAST)
MUSIC @ HIND YUGM, WHERE MUSIC IS A PASSION
Comments
My best wishes with you always.
regards
RD
J.M.SOREN
मेरे एक मित्र संदीप की माने तो उसी के शब्दों में,
"hindyugm sahi ja raha hai...i have started to enjoy it...
gaane dheere dheere improve honge...par sabse badiya baat concept hai....sab log alag alag jagah rehte hue gaane compose kar rahe hain....ye bahut sahi hai..."
सजीव जी आपको और आपकी पूरी टीम को बधाई जो इस तरह का आपने प्रयास किया...
bahut sundar rachna ban pari hai,prayas sarahneey hai,khas taur par humare yuva sangeetkaar badhai aur prashansa ke patr hain.
sangeet sanyojan yahan jyada achha nahi ban para..aur gana kuchh jyada sapat ho gaya hai,yah ek tarah se sahi bhi hai taki yah saral rahe,kavita pradhan rahe,,lekin kavita jab geet ka roop le le to geet ke jo avyav hote hain unki bhi anivaryata ho jati hai.
rachna bahut achhi hai,lekin technically kamjor hai,lekin jaisa vidit hai ki sara kaam online ho raha hai,isliye mana ja sakta hai ki pareshani ho rahi hogi,lekin ab hum is excuse se mukti pa len to hi achha,online bhi is'se behtar kaam hota hai...isliye prayas jari rakhen aur geet ki dhun,bol aur awaaz ke sath-sath iske technical pakshon par bhi dhyan den,packaging aur impressive honi chahiye.
udaharanaarth aaj ek photographer ka kaam photo kheechne ke baad hi shuru hota hai,asal kaam photo kheechne me nahi balki uski editing me hota hai...asha hai prayas jaldi hi safalta ka marg prasast karenge.
asha hai jald hi gaanon ki studio-recording bhi prarambh hogi! shubh kamnayen!!badhai!!!
dhanyawaad!
-janmejay
अब तक मैने जितने गाते उनमें अबतक के सर्वश्रेष्ठों में सर्वश्रेष्ठ है।
सुभोजेत बहुत कम उम्र के हैं, फिर भी उन्हें गीत के भाव की गहरी समझ है। सुभोजेत के अगले गीत का इंतज़ार रहेगा।
Congrats to all three of you...Great work team..
Shailesh
Toronto
Congrates to all.
Avaneesh Tiwari
सुन्दर... गाते रहो .. गुनगुनाते रहो !!
~ रिपुदमन
Keep goin on.....
Wishes
आज हर बात में कह्ते हैं की हम भूल गए
बड़े भोले है, बड़े ढूध के धोये हैं आज
पी के जब प्यार में बहके थे कदम भूल गए
हमसे कांटे भी निकलवाये थे तलवों से कभी
आ के मंजिल पे सभी राह के ग़म भूल गए
अब तो कह्ते हो की भाते ही नही हमको "गुलाब"
आपके दिल् को कभी था ये वहम भूल गए
संगीत भी सहज और मधुर है।
I have worked closely with Subodh and Sajeev. They are always good at what they do!
--Vishwa Deepak 'tanha'
meaningful lyrics...
the singing is also good but still i guess can be improved by him again.
For the Music Composer, try to record this song with authentic Instruements...it will sound more lively.
Lastly...a soul touching creation...keep it up.
बहुत ही मधुर... एक और सफल प्रयत्न के लिए बधाई !!!
--श्रुति
fantastic music with such a nice voice of our dear Subodh Sathe. wonderful combination.
May God bless you with a sucessful future.
regards
Manuj Mehta
mujhe ye last geet se jayada behatar laga
saral shabad aur aawaj ki madhurta man ko shaant kar gayi
Congrats !