ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 381/2010/81 'ओ ल्ड इज़ गोल्ड' के सभी सुननेवालों व पाठकों का हम फिर एक बार इस महफ़िल में हार्दिक स्वागत करते हैं। दोस्तों, इन दिनों आप जम कर आनंद ले रहे होंगे IPL Cricket matches के सीज़न का। अपने अपने शहर के टीम को सपोर्ट भी कर रहे होंगे। क्रिकेट खिलाड़ियो की बात करें तो उनमें से कुछ बल्लेबाज़ हैं, कुछ गेंदबाज़, और कुछ हैं ऐसे जिन्हे हम 'ऒल राउंडर' कहते हैं। यानी कि जो क्रिकेट के मैदान पर दोनों विधाओं में पारंगत है, गेंदबाज़ी मे भी और बल्लेबाज़ी में भी। कुछ इसी तरह से फ़िल्म संगीत के मैदान में भी कई खिलाड़ी ऐसे हुए हैं, जो अपने अपने क्षेत्र के 'ऒल-राउंडर' रहे हैं। ये वो खिलाड़ी हैं जो ज़रूरत के मुताबिक़, बदलते वक़्त के मुताबिक़, तथा व्यावसायिक्ता के साथ साथ अपने स्तर को गिराए बिना एक लम्बी पारी खेली हैं। ऐसे 'ऒलराउंडर' खिलाड़ियों में एक नाम आता है गीतकार आनंद बक्शी का। जी हाँ, आनंद बक्शी साहब, जिन्होने फ़िल्मी गीत लेखन में एक नई क्रांति ही ला दी थी। बक्शी साहब को फ़िल्मी गीतों का 'ऒल-राउंडर' कहना किसी भी तरह की अतिशयोक्ति...