ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 211 २८ सितंबर १९२९। मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्म हुआ था एक बच्ची का। कहा जाता है कि गंगा नदी शिव जी की जटा से इस धरती पर उतरी थी, पर सुर की गंगा तो स्वर्ग से सीधे इस बच्ची के गले में उतर गई और तब से लेकर आज तक हम सब को अपनी उस आवाज़ के बारिश से भीगो रही है जिस आवाज़ की तारीफ़ में कुछ कहना सिवाय वक़्त के बरबादी के और कुछ भी नहीं है। दोस्तों, कितने ख़ुशनसीब हैं वो लोग जिनका जन्म इस बच्ची के जन्म के बाद हुआ। अफ़सोस तो उन लोगों के लिए होता है जो इस सुर गंगा में नहाए बिना ही इस धरती से चले गए। ये बच्ची आगे चलकर बनी ना केवल इस देश की आवाज़, बल्कि युं भी कह सकते हैं कि ये आवाज़ है पिछली सदी की आवाज़, इस सदी की आवाज़, और आगे आनेवाली तमाम सदियों की आवाज़। फ़िल्म संगीत में हम और आप जैसे संगीत प्रेमियों की अपनी अपनी पसंद नापसंद होती है, मगर हर किसी के पसंद की राहें जिस एक लाजवाब मंज़िल पर जा कर मिल जाती हैं, उस मंज़िल का नाम है सुरों की मलिका, कोकिल कंठी, मेलडी क्वीन, सुर साम्राज्ञी, भारत रत्न, लता मंगेशकर। आज से 'ओल्ड इज़ गोल्ड' पर शुरु हो रहा है लता जी पर केन्...