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"तुझे देखा तो यह जाना सनम..." - 1000 सप्ताह पूर्ति पर DDLJ के इस गीत से जुड़ी कुछ बातें

एक गीत सौ कहानियाँ - 49   ‘ तुझे देखा तो यह जाना सनम...’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के मंच पर प्रकाशित और प्रसारित होने वाले साप्ताहिक स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ' के सभी श्रोता-पाठकों को नये वर्ष 2015 की पहली कड़ी में सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 49वीं कड़ी में आज जानिये 1995 की फ़िल्म &

2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड भाग - 2

नववर्ष विशेष 2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड  - भाग 2  The Unsung Melodies of 2014 रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ। स्वागत है आप सभी का साल 2015 की प्रथम प्रस्तुति में। आज हम वर्ष के दूसरे दिन आपके मनोरंजन के लिए हम लेकर आए हैं इस विशेष प्रस्तुति का दूसरा भाग। साल 2014 हिन्दी फ़िल्म-संगीत के लिए अच्छा ही कहा जा सकता है; अच्छा इस दृष्टि से कि इस वर्ष जनता को बहुत सारे हिट गीत मिले, जिन पर आज की युवा पीढ़ी ख़ूब थिरकी, डान्स क्लब की शान बने, FM चैनलों पर बार-बार लगातार ये गाने बजे। "बेबी डॉल", "जुम्मे की रात है", "मुझे प्यार ना मिले तो मर जावाँ", "पलट तेरा ध्यान किधर है", "आज ब्लू है पानी पानी", "तूने मारी एन्ट्री यार", "सैटरडे सैटरडे", "दिल से नाचे इण्डिया वाले", जैसे गीत तो जैसे सर चढ़ कर बोले साल भर। लेकिन इन धमाकेदार गीतों की चमक-दमक के पीछे गुमनाम रह गए कुछ ऐसे सुरीले नग़मे जिन्हें

2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड - भाग 1

नववर्ष विशेष 2014 के कमचर्चित सुरीले गीतों की हिट परेड  - भाग 1 The Unsung Melodies of 2014 रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार और नववर्ष 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ! स्वागत है आप सभी का साल 2015 की प्रथम प्रस्तुति में। आज वर्ष के पहले और दूसरे दिन आपके मनोरंजन के लिए हम लेकर आए हैं यह विशेष प्रस्तुति। साल 2014 हिन्दी फ़िल्म-संगीत के लिए अच्छा ही कहा जा सकता है; अच्छा इस दृष्टि से कि इस वर्ष जनता को बहुत सारे हिट गीत मिले, जिन पर आज की युवा पीढ़ी ख़ूब थिरकी, डान्स क्लब की शान बने, FM चैनलों पर बार-बार लगातार ये गाने बजे। "बेबी डॉल", "जुम्मे की रात है", "मुझे प्यार ना मिले तो मर जावाँ", "पलट तेरा ध्यान किधर है", "आज ब्लू है पानी पानी", "तूने मारी एन्ट्री यार", "सैटरडे सैटरडे", "दिल से नाचे इण्डिया वाले", जैसे गीत तो जैसे सर चढ़ कर बोले साल भर। लेकिन इन धमाकेदार गीतों की चमक धमक के पीछे गुमनाम रह गए कुछ ऐसे सुरीले नग़मे जिन्हें अग

नववर्ष विशेष: 1934 से 2014 -- 9 दशक, 9 गीत

नववर्ष विशेष बीते नौ दशकों के नौ चुनिन्दा गीत और उनसे जुड़ी कुछ यादें विदा 2014 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आज साल 2014 का अंतिम दिन है। एक और साल बीत गया और एक और नया साल दरवाज़े पर दस्तक देने के लिए बेताब हो रहा है। फ़िल्म संगीत के इतिहास में आज जब हम पीछे मुड़ कर देखते हैं तो ध्यान आता है कि आठ दशक तो पूरे हो ही चुके हैं, नवे दशक के भी चार साल बीत चुके हैं। इस दशकों में फ़िल्म संगीत अनेक दौर से गुजरता गया और एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में ढलता गया। 2014 से पीछे की तरफ़ चलें तो 2004, 1994, 1984, 1974.... से लेकर 1934 तक के नौ दशकों का यह सुरीला सफ़र बड़ा ही सुहाना रहा। तो आज इस विशेष दिन के अवसर पर क्यों ना पिछले 9 दशकों के इन 9 सालों से 9 गीत चुन कर उनके साथ जुड़ी कुछ स्मृतियों को आपके सामने रखे जायें। तो आनन्द लीजिये आज की इस नववर्ष विशेष प्रस्तुति का, और साथ ही स्वीकार कीजिए नववर्ष की हमारी हार्दिक शुभकामनायें।  1934: "प्रेम नगर में बनाऊंगी घर मैं" (चण्डीदास) उमा शशि और

वरुण कुमार जायसवाल की कथा लाज

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में विनय के. जोशी की लघुकथा " ईमानदार " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं वरुण कुमार जायसवाल की छोटी सी लेकिन मर्मस्पर्शी कथा लाज जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "लाज" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वर्तमान राजनीति में सबसे बड़ी कमी आदर्शवाद को व्यावहारिक पहलू में ढाल पाने की क्षमता का अभाव है। ~  वरुण कुमार जायसवाल हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "एक मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए ये रकम बड़ी तो थी ही फिर भी

‘हमें तुमसे प्यार कितना...’ : SWARGOSHTHI – 200 : RAG BHAIRAVI

स्वरगोष्ठी – 200 में आज शास्त्रीय संगीतज्ञों के फिल्मी गीत – 9 : राग भैरवी विदुषी परवीन सुल्ताना से सुनिए भैरवी के स्वरों में पिरोया गीत - ‘हमें तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते...’  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के 200वें अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। वर्ष 2014 के इस समापन अंक के साथ ही शास्त्रीय, उपशास्त्रीय, लोक और फिल्म संगीत पर केन्द्रित हमारे साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ की चार वर्षों की यात्रा पूर्ण होती है। हमारी इस यात्रा में असंख्य संगीतानुरागी सहयात्री बने। उन सभी का नामोल्लेख इस एक अंक में सम्भव नहीं है। हमारे कुछ श्रोता और पाठक समय-समय पर अपने सुझावों और फरमाइशों से अवगत कराते रहते हैं। आपके सुझावों के आधार पर ही हम आगामी अंकों की रूपरेखा निर्धारित करते हैं। वर्ष 2014 में लगभग 12 संगीत प्रेमियों ने हमारी संगीत पहेली में भाग लिया, जिनमें से 4-5 प्रतिभागी तो नियमित थे। ‘स्वरगोष्ठी’ के इस 200वें अंक के माध्यम से हम सभी पाठको, श्रोताओं, सुझाव देने वालों और पहेल

बातों बातों में - INTERVIEW OF ACTOR, MODEL & FORMER CRICKETER SAJIL KHANDELWAL

  बातों बातों में - 03 फिल्म अभिनेता व पूर्व-क्रिकेटर सजिल खण्डेलवाल से सुजॉय चटर्जी की बातचीत " मेहनत ज़रूर रंग लाती है..."  नमस्कार दोस्तों। हम रोज़ फ़िल्म के परदे पर नायक-नायिकाओं को देखते हैं, रेडियो-टेलीविज़न पर गीतकारों के लिखे गीत गायक-गायिकाओं की आवाज़ों में सुनते हैं, संगीतकारों की रचनाओं का आनन्द उठाते हैं। इनमें से कुछ कलाकारों के हम फ़ैन बन जाते हैं और मन में इच्छा जागृत होती है कि काश, इन चहेते कलाकारों को थोड़ा क़रीब से जान पाते। काश, परदे से इतर इनके जीवन के बारे में कुछ मालूमात हो जाती, काश, इनके फ़िल्मी सफ़र की दास्ताँ के हम भी हमसफ़र हो जाते। ऐसी ही इच्छाओं को पूरा करने के लिए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' ने बीड़ा उठाया है फ़िल्मी कलाकारों से साक्षात्कार करने का। फ़िल्मी अभिनेताओं, गीतकारों, संगीतकारों और गायकों के साक्षात्कारों पर आधारित यह श्रृंखला है 'बातों बातों में', जो प्रस्तुत होता है हर महीने के चौथे शनिवार के दिन। आज दिसम्बर, 2014 के चौथे शनिवार के दिन प्रस्तुत है अभिनेता, मॉडल और पूर्व-क्रिकेटर सजिल खण्डेलवाल से सु