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बोलती कहानियाँ: खेल (ऑडियो)

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा " विश्वसनीय " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उषा छाबड़ा की बालकथा " खेल ", उन्हीं के स्वर में। इस बालकथा का टेक्स्ट उनके ब्लॉग अनोखी पाठशाला पर उपलब्ध है। इस बालकथा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 8 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। इंसानियत की मशाल सब मिलकर उठाएँ जश्न मानवता का एक जुट हों मनाएँ चलो सब एक हो नया गीत गुनगुनाएँ प्रेम के संदेश को जन जन में फैलाएँ ~ उषा छाबड़ा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "बड़ी हुई तो क्या हुआ। मैं तो उससे बात भी नहीं करूंगा।"

सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा विश्वसनीय

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको नई-पुरानी, प्रसिद्ध-अल्पज्ञात, मौलिक-अनूदित, हर प्रकार की हिंदी कहानियाँ सुनवाते रहे हैं। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में कविता वर्मा की लघुकथा " अहसास " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सुदर्शन रत्नाकर की लघुकथा " विश्वसनीय ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 53 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। सुदर्शन रत्नाकर अनेक साहित्यक संस्थानों द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित। हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा वर्ष 2013-14 का 'श्रेष्ठ महिला रचनाकार' का पुरस्कार। केन्द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित। हरियाणा साहित्य

अहसास: कविता वर्मा की लघुकथा

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विश्व प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार अभिमन्यु अनत की कथा " रंग " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं कविता वर्मा की लघुकथा " अहसास ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। कविता वर्मा कहानी संग्रह 'परछाइयों के उजाले ' को अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान से सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कहानी संग्रह का प्रथम पुरस्कार मिला। सेतु, नई दुनिया, दैनिक भास्कर पत्रिका, डेली न्यूज़, गर्भनाल, पत्रिका, समाज कल्याण में कई लेख लघुकथा और कहानियों का प्रकाशन। कादम्

अभिमन्यु अनत की लघुकथा 'रंग'

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में कुणाल शर्मा की लघुकथा निशक्त घुटने का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार श्री अभिमन्यु अनत की एक लघुकथा रंग जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "रंग" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 35 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। भारतीय साहित्य अकादमी के मानद महत्तर सदस्य (ऑनरेरी फ़ैलो) श्री अभिमन्यु अनत मॉरिशस के प्रसिद्ध साहित्यकार और चित्रकार हैं। वे कविता, उपन्यास, निबंध, नाटक आदि विधाओं के लिये प्रसिद्ध हैं। अनत जी का जन्म 9 अगस्त 1937 को हुआ था। अभिमन्यु अनत का साहित्य अनेक विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में सम्मलित है। भारत और मॉरिशस में उन पर अनेक

निशक्त घुटने (लघुकथा) - कुणाल शर्मा

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन के अवसर पर आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में मुंशी प्रेमचंद  की भावमय कथा  राष्ट्र का सेवक  का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं युवा लेखक कुणाल शर्मा की एक लघुकथा  निशक्त घुटने  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " सेतु द्वैभाषिक पत्रिका " पर उपलब्ध है। "निशक्त घुटने" का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 27 अप्रैल 1981 को अम्बाला (हरियाणा) में जन्मे कुणाल शर्मा कहानी, लघुकथा, तथा कविताएँ लिखते हैं। एम. ए. (अंग्रेजी) बी.एड शिक्षित कुणाल आजकल एक सरकारी विद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। ह

राष्ट्र का सेवक: मुंशी प्रेमचंद

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में राधेश्याम भारतीय  की लघुकथा  मुआवज़ा  का पाठ सुना था। 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन के अवसर पर आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं उन्हीं की एक भावमय कथा राष्ट्र का सेवक  जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्में भी बनी हैं और अनेक रेडियो व टीवी कार्यक्रम भी। उनकी पहली हिन्दी कहानी स

राधेश्याम भारतीय की लघुकथा "मुआवज़ा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अर्चना चावजी की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार भीष्म साहनी की कथा " दो गौरय्या " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं राधेश्याम भारतीय की लघुकथा " मुआवज़ा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 42 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। लघुकथा का गद्य ' सेतु पत्रिका ' पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। राधेश्याम भारतीय जन्म: 15.07.1974; हसनपुर, करनाल शिक्षा: एम.ए हिंदी, एम.फिल, पीएच.डी सम्पर्क: नसीब विहार कालोनी, घरौंडा, करनाल-132114 ईमेल: rbhartiya74@gmail.com हर सप्ताह "बोलती कहानियाँ" पर सुनें एक नयी कहानी “साब जी, हमें भी कुछ मुआवजा दे दीजिए!” ( राधेश्याम भ

भीष्म साहनी की "दो गौरय्या"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अर्चना चावजी की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई के व्यंग्य " देशभक्ति की पॉलिश " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं भीष्म साहनी की कथा " दो गौरय्या ", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 18 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। भीष्म साहनी (1915-2003) हर शुक्रवार को "बोलती कहानियाँ" पर सुनें एक नयी कहानी "घर के अंदर भी यही हाल है। बीसियों तो चूहे बसते हैं।" ( भीष्म साहनी की "दो गौरय्या" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें। (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि

हरिशंकर परसाई की देशभक्ति की पॉलिश

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अनुराग शर्मा  की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार स्वयं प्रकाश की कहानी " अकाल मृत्यु " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हरिशंकर परसाई का व्यंग्य " देशभक्ति की पॉलिश ", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 11 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। ।  ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शुक्रवार को "बोलती कहानियाँ" पर सुनें एक नयी कहानी "दोस्त, इतना लिखकर भारत माता तो चली गईं ..." ( हरिशंकर परसाई की "देशभक्ति की पॉलिश" से एक अंश ) नीचे के प्ले

स्वयं प्रकाश की कथा अकाल मृत्यु

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में रबींद्रनाथ ठाकुर की कथा भिखारिन का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं स्वयं प्रकाश की कथा अकाल मृत्यु , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 51 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा का पद्य हिंदी समय पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: स्वयं प्रकाश जन्म: 20 जनवरी, 1947 सम्मान: राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार, वनमाली स्मृति पुरस्कार, सुभद्राकुमारी चौहान पुरस्कार, पहल पुरस्‍कार हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी इम्मी के हाथ में एक छींका था जिसमें

रबीन्द्र नाथ ठाकुर की कहानी भिखारिन

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अर्चना चावजी  की आवाज़ में हिंदी साहित्यकार प्रेमचंद की कहानी " बड़े भाई साहब " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं रबीन्द्र नाथ ठाकुर की एक कहानी " भिखारिन ", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 16 मिनट 12 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।  पक्षी समझते हैं कि मछलियों को पानी से ऊपर उठाकर वे उनपर उपकार करते हैं।  ~ रबीन्द्र नाथ ठाकुर (1861-1941)  हर सप्ताह यहाँ सुनें एक नयी कहानी  उसके पास काफ़ी रुपये हो गये थे।  ( रबीन्द्र नाथ ठाकुर की "भिखारिन" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें। (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले

प्रेमचंद की 'बड़े भाई साहब' ऑडियो

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने पूजा अनिल के स्वर में  प्रमिला वर्मा की लघुकथा  कारा मत नापो मिन्नी का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रेमचंद की कहानी  बड़े भाई साहब , जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 50 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मुंशी प्रेमचंद हिंदी और उर्दू के प्राख्यात कथाकार हैं। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह सुनिए हिन्दी में एक नयी कहानी मेरा जी पढने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना प

बोलती कहानियाँ: कारा मत नापो मिन्नी

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने  अर्चना चावजी  के स्वर में  मालती जोशी की कहानी  आखरी शर्त का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रमिला वर्मा की कहानी कारा मत नापो मिन्नी , जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 24 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखिका: प्रमिला वर्मा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "मान जाओ निम्मो”  ( प्रमिला वर्मा  कृत " कारा मत नापो मिन्नी " से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लि

उषा छाबड़ा का साक्षात्कार - सजीव सारथी

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अर्चना चावजी के स्वर में मालती जोशी की लघुकथा आखरी शर्त का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं बाल साहित्य के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम, उषा छाबड़ा, जिनसे बातचीत कर रहे हैं, रेडियो प्लेबैक इंडिया के संस्थापक व प्रमुख सम्पादक, सजीव सारथी। तो आइये, जानें उषा जी की साहित्य यात्रा को। प्रस्तुत साक्षात्कार का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। उषा जी साहित्यिक अभिरुचि वाली अध्यापिका हैं। वे पिछले उन्नीस वर्षों से दिल्ली पब्लिक स्कूल ,रोहिणी में अध्यापन कार्य में संलग्न हैं। उन्होंने कक्

मालती जोशी की कहानी आखरी शर्त

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में   मधुदीप गुप्ता की लघुकथा मज़हब का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मालती जोशी के कथा संग्रह "दर्द का रिश्ता" से एक कहानी आखरी शर्त , जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 17 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 4 जून 1934 को औरंगाबाद में जन्मी मालती जोशी लगभग चार दशकों से हिंदी कथा लेखन कर रही हैं। पत्र-पत्रिकाओं के अलावा उनकी कहानियाँ आकाशवाणी से भी प्रसारित हुई हैं तथा उनपर दूरदर्शन में धारावाहिक बने हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नय

मधुदीप गुप्ता की लघुकथा - मज़हब

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में (स्वर्गीय) डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मधुदीप गुप्ता की लघुकथा मज़हब , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 51 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। लेखक: मधुदीप गुप्ता जन्म: 1-5-1950; दुजाना (हरियाणा) सम्प्रति: निदेशक, दिशा प्रकाशन लघुकथा शृंखला ‘पड़ाव और पड़ताल’ के 20 खण्डों के सम्पादन/संयोजन हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी हाँ बाबा, आप सोजुद्दीन हैं।  (मधुदीप गुप्ता की लघुकथा 'मज़हब&

डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि ऑडियो

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में  राम निवास बाँयला  की लघुकथा  पवित्रता का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं (स्वर्गीय) डॉ. सतीश दुबे की लघुकथा श्रद्धांजलि,  जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 2 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। हिंदी लघुकथा के पुरोधा डॉ. सतीश दुबे का जन्म 12 नवम्बर 1940 को हुआ था।  उनके आठ लघुकथा संग्रह, छह कथा संग्रह और दो उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके उपन्यास डेरा-बस्ती का सफ़रनामा पर एक फ़

राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार युगल की लघुकथा  पेट का कछुआ का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं  राम निवास बाँयला की लघुकथा पवित्रता जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “प्रस्तुत लघुकथा के लेखक श्री राम निवास बाँयला जिला सीकर, राजस्थान निवासी हैं। उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। हर सप्ताह यहीं पर सुनें ए

युगल की लघुकथा पेट का कछुआ

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने  पूजा अनिल  के स्वर में रश्मि रविजा के उपन्यास काँच के शामियाने के एक अंश का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध लेखक और पत्रकार युगल की लघुकथा   पेट का कछुआ  जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस लघुकथा का गद्य अंतर्राष्ट्रीय द्वैभाषिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “17 अक्टूबर 1925 को जन्मे लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार, कथाकार सह वयोवृद्ध पत्रकार श्री युगल लघुकथा के विधागत गठन के प्रमुख सर्जकों में शामिल हैं। उनके तीन उपन्यास, तीन कहानी सं

काँच के शामियाने - रश्मि रविजा

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। इस शृंखला में पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार खलील जिब्रान की लघुकथा " आनंद और पीड़ा " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं रश्मि रविजा के चर्चित उपन्यास काँच के शामियाने का एक अंश जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने। प्रस्तुत अंश का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 17 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस उपन्यास की अधिक जानकारी रश्मि रविजा के ब्लॉग  अपनी, उनकी, सबकी बातें उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। “मंजिल मिले ना मिले, ये ग़म नहीं मंजिल की जुस्तजू में, मेरा कारवां तो है।” ‍‍ - रश्मि रविजा हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी