Skip to main content

Posts

Showing posts with the label sujoy chatterjee

है जिसकी रंगत शज़र-शज़र में, ख़ुदा वही है.. कविता सेठ ने सूफ़ियाना कलाम की रंगत ही बदल दी हैं

महफ़िल ए कहकशाँ 14 कविता सेठ  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है कविता सेठ की आवाज़ में यह सूफी नज़्म| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

यह ऐसी प्यास है जिसे मुद्दत से मिले मयखाना... सुनते हैं फिर एक बार जगजीत सिंह को

महफ़िल ए कहकशाँ 13 जगजीत सिंह  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है हस्ती की गज़ल और जगजीत सिंह की आवाज़| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

आओ फिर से दिया जलाएं.... आव्हान उन सबके लिए जो किसी भी तरह की प्रेरणा चाहते हैं

महफ़िल ए कहकशाँ 12 अटल बिहारी वाजपेयी और लता मंगेशकर  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है लता मंगेशकर की आवाज़ में अटल बिहारी वाजपेयी की नज़्म| मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

नाज़ था खुद पर मगर ऐसा न था...... 'कहकशाँ’ में आज छाया की माया

 महफ़िल ए कहकशाँ 11 छाया गाँगुली  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में   आज पेश है छाया गाँगुली की आवाज़, इब्राहिम अश्क के बोल और भूपिंदर सिंह का संगीत । मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

आज की महफ़िल में सुनिए क्यों संगीतकार खय्याम दस वर्ष की छोटी उम्र में घर से भाग गए?

खय्याम  महफ़िल ए कहकशाँ 8 दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए आशा भोंसले की गाई और खय्याम साहब द्वारा संगीतबद्ध यह ग़ज़ल | मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

अँखियाँ नूं चैन न आवे...बाबा नुसरत की रूहानी आवाज़ आज महफ़िल ए कहकशां में

महफ़िल ए कहकशां  4 नुसरत फ़तेह अली खान दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए नुसरत फ़तेह अली खान साहब के रूहानी स्वर में एक जुदाई गीत. मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

‘जाओ रे जोगी तुम जाओ रे...’ - एक दिन के अन्दर बन कर तैयार हुआ था यह गीत

एक गीत सौ कहानियाँ - 53   ‘ जाओ रे जोगी तुम जाओ रे... ’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 53वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'आम्रपाली' के मशहूर गीत "जाओ रे जोगी तुम जाओ रे" से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।  फ़ि ल्म संगीत जगत में कुछ स

"कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जायेगा...", क्या अपने अन्तिम समय का आभास हो चला था शक़ील बदायूंनी को?

एक गीत सौ कहानियाँ - 34   ‘आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले . ..’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 34-वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'राम और श्याम' के गीत "आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले" के बारे में।  जावेद बदायूंनी हि न्दी सिने संगीत जग

क्या लगाई तुमने ये कसम कसम से...

खरा सोना गीत - देखो कसम से  छेड़ छाड़ और मस्ती से भरे इस युगल गीत को फिर से याद करें हमारे प्रस्तोता अनुज श्रीवास्तव  के साथ, स्क्रिप्ट है सुजोय  की और प्रस्तुति सहयोग है संज्ञा टंडन  का. 

तुझे ओर की तम्मंना मुझे तेरी आरज़ू है....

खरा सोना गीत - जिसे तू कबूल कर ले  चंद्रमुखी के समर्पण को उभरता ये गीत है जिसमें लोक संगीत की भी महक है, जानिये इस गीत से जुडी कुछ और बातें हमारी प्रस्तोता श्वेता पाण्डेय के साथ, स्क्रिप्ट है सुजोय  की और प्रस्तुति है संज्ञा टंडन  की.  

दुनिया के सवालों में उलझी एक मार्मिक रचना

खरा सोना गीत - दुनिया करे सवाल तो  हमारे प्रस्तोता अनुज श्रीवास्तव के साथ आईये ताज़ा करें मीना कुमारी और लता की जुगलबंदी का ये गीत जिसे साहिर-रोशन के रचे बहतरीन गीतों में गिना जाता रहा है. स्क्रिप्ट है सुजोय की और प्रस्तुति है संज्ञा टंडन की  

जालिम ज़माना क्या जाने नाज़ुक दिल का हाल, सुनिए सहगल के स्वरों में

खरा सोना गीत - गम दिए मुस्तकिल   प्रस्तोता - दीप्ती सक्सेना  स्क्रिप्ट - सुजोय चट्टरज़ी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन  

ठंडी हवा हो काली घटा हो तो मन क्यों न झूमें

खरा सोना गीत - ठंडी हवा काली घटा   प्रस्तोता - संज्ञा टंडन  स्क्रिप्ट सुजोय चट्टरज़ी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन  

कभी आपने सुना है फ़िल्म 'संगम' के इस कमचर्चित गीत को?

एक गीत सौ कहानियाँ - 28   ‘ आई लव यू... ’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कप्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 28-वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म 'संगम' के एक कमचर्चित गीत के बारे में ...   'संगम', 1964 की राज कपूर की महत्वाकांक्षी फ़िल्म। बेहद कामयाब। यह राज कपूर की पहली रंगीन फ़िल्म

जीवन के अंतिम सच से जुडी एक जरूरी सीख मुकेश के इस गीत में

खरा सोना गीत - जो चला गया उसे भूल जा   प्रस्तोता - अंतरा चक्रवर्ती  स्क्रिप्ट - सुजोय चट्टरजी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन

"बजाओ रे बजाओ, इमानदारी से बजाओ, पचास हज़ार खर्च कर दिये..."

एक गीत सौ कहानियाँ - 27   ‘ जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़ ...’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कप्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 27-वीं कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आये हैं फ़िल्म 'आपकी कसम' के मशहूर गीत "जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़" से संबंधित कुछ दिलचस्प तथ्यों की जानकारियाँ