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जीवन के अंतिम सच से जुडी एक जरूरी सीख मुकेश के इस गीत में

खरा सोना गीत - जो चला गया उसे भूल जा   प्रस्तोता - अंतरा चक्रवर्ती  स्क्रिप्ट - सुजोय चट्टरजी प्रस्तुति - संज्ञा टंडन

"बजाओ रे बजाओ, इमानदारी से बजाओ, पचास हज़ार खर्च कर दिये..."

एक गीत सौ कहानियाँ - 27   ‘ जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़ ...’ 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कप्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारी ज़िन्दगियों से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़ी दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह साप्ताहिक स्तंभ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 27-वीं कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आये हैं फ़िल्म 'आपकी कसम' के मशहूर गीत "जय जय शिवशंकर, काँटा लगे न कंकड़" से संबंधित कुछ दिलचस्प तथ्यों की जानकारियाँ

झूमती आ रही है सुबह प्यार की....

खरा सोना गीत -  रात के हमसफ़र    प्रस्तोता - अर्शाना सिंह  स्क्रिप्ट - सुजोय                  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन                  या फिर यहाँ से डाउनलोड करें 

मुखड़े पे बिखरे गेसुओं की दास्ताँ

खरा सोना गीत - मुखड़े पे गेसू आ गए  प्रस्तोता - रचिता टंडन  स्क्रिप्ट - सुजोय  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन                    या फिर यहाँ से डाऊनलोड कर सुने  

आइये आज सम्मानित करें 'सिने पहेली' प्रतियोगिता के विजेताओं को...

'सिने पहेली 'पुरस्कार वितरण सभा 'सिने पहेली' के सभी चाहनेवालों को सुजॉय चटर्जी का एक बार फिर से प्यार भरा नमस्कार। जैसा कि आप जानते हैं कि 'सिने पहेली' के महामुकाबले के अनुसार श्री प्रकाश गोविन्द और श्री विजय कुमार व्यास इस प्रतियोगिता के संयुक्त महाविजेता बने हैं, और साथ ही श्री पंकज मुकेश, श्री चन्द्रकान्त दीक्षित और श्रीमती क्षिति तिवारी सांत्वना पुरस्कार के हक़दार बने हैं। आज के इस विशेषांक के माध्यम से आइये इन सभी विजेताओं को इनके द्वारा अर्जित पुरस्कारों से सम्मानित करें। यह है 'सिने पहेली' प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण अंक। 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से महाविजेता को मिलता है 5000 रुपये का नकद इनाम। क्योंकि प्रकाश जी और विजय जी संयुक्त महाविजेता बने हैं, अत: यह राशि आप दोनों में समान रूप से विभाजित की जाती है।  श्री प्रकाश गोविन्द को 2500 रुपये की पुरस्कार राशि बहुत बहुत मुबारक़ हो! आपके बैंक खाते पर यह राशि ट्रान्सफ़र कर दी गई है। रेडियो प्लेबैक इंडिया : प्रकाश जी, इस पुरस्कार को स्वीकार

अभिनेत्री नन्दा को श्रद्धांजलि आज 'एक गीत सौ कहानियाँ' में...

एक गीत सौ कहानियाँ - 26   ‘अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम...’ "मुझे अभी-अभी पता चला कि अभिनेत्री नन्दा, जिसे हम बेबी नन्दा कहते थे, वो अब हमारे बीच नहीं रही। यह सुन कर मुझे बहुत दुख हुआ। बेबी नन्दा जब 4-5 साल की थी, तब उसने 'मन्दिर' फ़िल्म में मेरे छोटे भाई की भूमिका निभायी थी। मैं नन्दा के पिताजी मास्टर विनायक जी की कम्पनी में बतौर बाल कलाकार 1943 से काम करती थी। मेरी और नन्दा और उसकी बड़ी बहन मीना के साथ बड़ी दोस्ती थी। नन्दा की पहली फ़िल्म 'तूफ़ान और दीया' से मैंने नन्दा के लिए प्लेबैक शुरु किया। बहुत अच्छी इंसान थी। भगवान उसकी आत्मा को शान्ति दे।" --- लता मंगेशकर अ भिनेत्री नन्दा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। लता जी के उपर्युक्त शब्दों से पता चलता है कि कितना अन्तरंग रिश्ता रहा होगा दोनों में। आज नन्दा जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए लता जी के गाये और नन्दा जी पर फ़िल्माये फ़िल्म 'हम दोनो' के भजन "अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम" से बेहतर कोई रचना नहीं होगी। गाँधीवादी विचारधारा लिये राग गौड़ सारंग आधारित इस

अपने प्रेम पर विश्वास हो तो ऐसे गीत निकलते हैं दिल से

खरा सोना गीत - जीत ही लेंगें बाज़ी हम तुम   प्रस्तोता - मीनू सिंह  स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टर्जी  प्रस्तुति - संज्ञा टंडन 

और आज बारी है 'सिने पहेली' के महामुक़ाबले की....

सिने पहेली : महा-मुक़ाबला 'सिने पहेली' के सभी चाहने वालों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, आज वह दिन आ गया है जिसका शायद आप सभी को बेसब्री से इन्तज़ार था। जी हाँ, आज बारी है 'सिने पहेली' प्रतियोगिता की अन्तिम भिड़न्त, यानी महामुकाबले की। जैसा कि पिछले हफ़्ते हमें पाँच प्रतियोगी मिल गये हैं इस महामुकाबले के लिए, आप पाँचों के बीच होगा यह आख़िरी जंग और इसी जंग के परिणाम से घोषित होगा 'सिने पहेली' का महाविजेता। आगे बढ़ने से पहले आइए एक बार फिर जान लें कि कौन पाँच खिलाड़ियों ने क्वालिफ़ाई किया है इस महासंग्राम में। आप पाँचों को ढेरों शुभकामनाएँ और आप में से कोई भी जीत सकता है 'महाविजेता' का ख़िताब। अपने आप को ज़रा सा भी कम न समझें और जी-जान लगा दीजिये महाविजेता बनने के लिए। आपकी मेहनत ज़रूर रंग लायेगी। अब ज़्यादा समय न गँवाते हुए सीधे चलते हैं महामुक़ाबले के सवालों पर। तो ये रहे 10 सवाल जिन्हें आपको हल करने हैं- महा-मुक़ाबले के सवाल सिने पहेली के इस निर्णायक महामुक़ाबले के

'सिने पहेली' में आज संवादों के स्वर...

सिने पहेली –99 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों व पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आज 'सिने पहेली' का 99-वाँ अंक है और हम अपनी मंज़िल के बहुत ही करीब आ गये हैं। आज और अगली कड़ी के साथ दस सेगमेण्ट्स का यह सुहाना सफ़र समाप्त हो जायेगा और हमें मिल जायेंगे 'महाविजेता' बनने के महामुक़ाबले के पाँच महारथी। दोस्तों, इस महासफ़र में हमने आप से न जाने कितनी तरह की पहेलियाँ पूछीं हैं, और आप सब ने हर पहेली का समाधान ढूंढ ही निकाला, और यह साबित किया कि मेहनत, लगन और सूझ-बूझ से काम लें तो किसी भी पहेली को सुलझाया जा सकता है। इससे हमें अपनी ज़िन्दगी के लिए भी यही शिक्षा मिलती है कि मुश्किल की घड़ी में समझदारी, मेहनत और धैर्य से काम लेने पर हर उलझन, हर मुश्किल पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। चलिए अब शुरू करते हैं आज की पहेली। आज की पहेली : सुरीले संवाद आज की पहेली में हम आप के सामने रखेंगे कुछ संवाद जिन्हें कलाकारों ने या तो गीतों के बीच कहे हैं, या फिर इन संवादों को कविता या महज़ संवादों के रूप में ह

आज विशेष प्रस्तुति दुर्गा महाअष्टमी पर

नवरात्रि पर्व पर विशेष प्रस्तुति   या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नमः   प्रिय मित्रों, इन दिनों पूरे देश में नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। दस दिनों के इस महाउत्सव का आज आठवाँ दिन है। इस दिन की महत्ता का अनुभव करते हुए हम आज के निर्धारित स्तम्भ 'सिने पहेली' के स्थान पर यह विशेष अंक प्रस्तुत कर रहे हैं। 'सिने पहेली' का अगला अंक अब अगले शनिवार को प्रकाशित होगा। जिन प्रतियोगियों ने पिछली पहेली का अभी तक जवाब नहीं भेजा है, वो अपना जवाब हमें बृहस्पतिवार शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं।  'सिने पहेली' के स्थान पर श्री श्री दुर्गा महाअष्टमी के पवित्र उपलक्ष्य पर आइए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के आर्काइव से एक अनमोल पोस्ट का दोबारा स्वाद लें, जो 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' के अन्तर्गत 16 दिसम्बर 2010 को प्रकाशित किया गया था। लावण्या शाह दोस्तों, हमने महान कवि, दार्शनिक और गीतकार पण्डित नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह जी से सम्पर्क किया कि वो अ

आज की 'सिने पहेली' लता जी के नाम...

सिने पहेली – 82     "मुझसे चलता है सर-ए-बज़्म सुखन का जादू चाँद ज़ुल्फ़ों के निकलते है मेरे सीने से, मैं दिखाता हूँ ख़यालात के चेहरे सब को सूरतें आती हैं बाहर मेरे आईने से। हाँ मगर आज मेरे तर्ज़-ए-बयां का यह हाल अजनबी कोई किसी बज़्म-ए-सुखन में जैसे, वो ख़यालों के सनम और वो अल्फ़ाज़ के चाँद बेवतन हो गए हों अपने ही वतन में जैसे। फिर भी क्या कम है, जहाँ रंग न ख़ुशबू है कोई तेरे होंठों से महक जाते हैं अफ़कार मेरे, मेरे लफ़्ज़ों को जो छू लेती है आवाज़ तेरी सरहदें तोड़ के उड़ जाते हैं अशार मेरे। तुझको मालूम नहीं, या तुझे मालूम भी हो वो सियाह बख़्त जिन्हें ग़म ने सताया बरसों, एक लम्हे को जो सुन लेते हैं तेरा नग़मा फिर उन्हें रहती है जीने की तमन्ना बरसों। जिस घड़ी डूब के आहंग में तू गाती है आयतें पढ़ती है साज़ों की सदा तेरे लिए, दम बदम ख़ैर मनाते हैं तेरी चंग-ओ-रबाब सीने नये से निकलती है दुआ तेरे लिए। नग़मा-ओ-साज़ के ज़ेवर से रहे तेरा सिंगार हो तेरी माँग में तेरी ही सुरों की अफ़शां, तेरी तानों से तेरी आँख में काजल की लकीर हाथ म