On the auspicious occasion of world music day #radioplaybackindia officially announcing it's very own music label called #Saptak.
#Saptak is beginning it's journey with its debut song #Daud Please like official page of Saptak #Daud is now streaming on Spotify, Amazon Music, JioSaavn, Itunes and other digital channels. Sajeev Sarathie Lubhanu Priy #saptakmusicthatconnects #radioplaybackindia Spotify https://open.spotify.com/album/6wjnOz2os0eZ7JZTkvMlMr Apple Music https://music.apple.com/us/album/daud-the-race-that-never-ends-feat-lubhanu-priy-single/1572715085?uo=4 iTunes https://music.apple.com/us/album/daud-the-race-that-never-ends-feat-lubhanu-priy-single/1572715085?uo=4&app=itunes&at=1001lry3&ct=dashboard Amazon music https://music.amazon.in/albums/B097CLLQRP?trackAsin=B097CLDRLR&ref=dm_sh_3g08BLCB3gOYVMvkhStOFDd4P Jio Swaan https://www.jiosaavn.com/song/daud---the-race-that-never-ends-feat.-lubhanu-priy/SCYIB0EIUmA YouTube https://youtu.be/ZUPMaoEjMKQ Show your love, follow us wherever you like to listen to our music, support original content and independent music artists #SaptakMusicThatConnects #SaptakRPI Rishi S Composer Lubhanu Priy Krishna Raaj Kuhoo Gupta Subhojit Shaw Ramesh Chellamani Jibin George Sebastian J.m. Soren K Niran Kumar Amartya Bobo Rahut Abhijit Ghoshal Alok Ranjan Jha Atul Satya Koushik Manjeera Ganguly Hirendra Jha Hazel D'souza Meera Iyer Jayesh Singer Reetessh Khare Kavita Seth Pravesh Mallick Susheel Pandompadam Sujatha Mohan Sangya Tandon Arvind Tiwari Wasim Akram Sunita Yadav Yunus Khan Murtaza Ali Khanसुर संगम में आज -भारतीय संगीताकाश का एक जगमगाता नक्षत्र अस्त हुआ -पंडित भीमसेन जोशी को आवाज़ की श्रद्धांजली
सुर संगम - 05 भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चेरी बनाकर अपने कंठ में नचाते रहे। भा रतीय संगीत-नभ के जगमगाते नक्षत्र, नादब्रह्म के अनन्य उपासक पण्डित भीमसेन गुरुराज जोशी का पार्थिव शरीर पञ्चतत्त्व में विलीन हो गया. अब उन्हें प्रत्यक्ष तो सुना नहीं जा सकता, हाँ, उनके स्वर सदियों तक अन्तरिक्ष में गूँजते रहेंगे. जिन्होंने पण्डित जी को प्रत्यक्ष सुना, उन्हें नादब्रह्म के प्रभाव का दिव्य अनुभव हुआ. भारतीय संगीत की विविध विधाओं - ध्रुवपद, ख़याल, तराना, भजन, अभंग आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से सात दशकों तक उन्होंने संगीत प्रेमियों को स्वर-सम्मोहन में बाँधे रखा. भीमसेन जोशी की खरज भरी आवाज का वैशिष्ट्य जादुई रहा है। बन्दिश को वे जिस माधुर्य के साथ बदल देते थे, वह अनुभव करने की चीज है। 'तान' को वे अपनी चे...
Comments