बच्चो,
बहुत दिनों से अपनी व्यस्तताओं की वजह से मीनू आंटी ने हमारे लिए कोई उपहार नहीं लाया था। लेकिन बहुत व्यस्त होने के बावजूद भी वो अपने आपको रोक नहीं पाईं और आज एक रिकॉर्डिंग लेकर चली ही आईं। इस बार इन्होंने सीमा सचदेव की कविता 'चाँद पे होता घर जो मेरा' का पॉडकास्ट तैयार किया है। चलिए सुनते हैं।
नीचे ले प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
बहुत दिनों से अपनी व्यस्तताओं की वजह से मीनू आंटी ने हमारे लिए कोई उपहार नहीं लाया था। लेकिन बहुत व्यस्त होने के बावजूद भी वो अपने आपको रोक नहीं पाईं और आज एक रिकॉर्डिंग लेकर चली ही आईं। इस बार इन्होंने सीमा सचदेव की कविता 'चाँद पे होता घर जो मेरा' का पॉडकास्ट तैयार किया है। चलिए सुनते हैं।
नीचे ले प्लेयर से सुनें.
(प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।)
यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें)
VBR MP3 | 64Kbps MP3 | Ogg Vorbis |
Comments
मैं तो परीलोक जा पहुँचा..
Aap ki madhur aawaj ne seema ji ki rachan ki khoobsurati aur bhi barha di....yash