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BAATON BAATON MEIN-11: INTERVIEW OF LYRICIST PT. NARENDRA SHARMA'S DAUGHTER SMT. LAVANYA SHAH

बातों बातों में - 11 गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा की पुत्री श्रीमती लावण्या शाह से सुजॉय चटर्जी की बातचीत "दर भी था, थी दीवारें भी, माँ, तुमसे घर घर कहलाया..."   नमस्कार दोस्तो। हम रोज़ फ़िल्म के परदे पर नायक-नायिकाओं को देखते हैं, रेडियो-टेलीविज़न पर गीतकारों के लिखे गीत गायक-गायिकाओं की आवाज़ों में सुनते हैं, संगीतकारों की रचनाओं का आनन्द उठाते हैं। इनमें से कुछ कलाकारों के हम फ़ैन बन जाते हैं और मन में इच्छा जागृत होती है कि काश, इन चहेते कलाकारों को थोड़ा क़रीब से जान पाते, काश; इनके कलात्मक जीवन के बारे में कुछ जानकारी हो जाती, काश, इनके फ़िल्मी सफ़र की दास्ताँ के हम भी हमसफ़र हो जाते। ऐसी ही इच्छाओं को पूरा करने के लिए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' ने फ़िल्मी कलाकारों से साक्षात्कार करने का बीड़ा उठाया है। । फ़िल्म जगत के अभिनेताओं, गीतकारों, संगीतकारों और गायकों के साक्षात्कारों पर आधारित यह श्रॄंखला है 'बातों बातों में', जो प्रस्तुत होता है हर महीने के चौथे शनिवार को। आज अगस्त 2015 के चौथे शनिवार के दिन प्रस्तुत है सुप्रसिद्ध कवि, गीतकार

आज विशेष प्रस्तुति दुर्गा महाअष्टमी पर

नवरात्रि पर्व पर विशेष प्रस्तुति   या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नमः   प्रिय मित्रों, इन दिनों पूरे देश में नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। दस दिनों के इस महाउत्सव का आज आठवाँ दिन है। इस दिन की महत्ता का अनुभव करते हुए हम आज के निर्धारित स्तम्भ 'सिने पहेली' के स्थान पर यह विशेष अंक प्रस्तुत कर रहे हैं। 'सिने पहेली' का अगला अंक अब अगले शनिवार को प्रकाशित होगा। जिन प्रतियोगियों ने पिछली पहेली का अभी तक जवाब नहीं भेजा है, वो अपना जवाब हमें बृहस्पतिवार शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं।  'सिने पहेली' के स्थान पर श्री श्री दुर्गा महाअष्टमी के पवित्र उपलक्ष्य पर आइए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के आर्काइव से एक अनमोल पोस्ट का दोबारा स्वाद लें, जो 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' के अन्तर्गत 16 दिसम्बर 2010 को प्रकाशित किया गया था। लावण्या शाह दोस्तों, हमने महान कवि, दार्शनिक और गीतकार पण्डित नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह जी से सम्पर्क किया कि वो अ

ब्लोग्गर्स चोयिस में आज लावण्या शाह की पसंद

व् धीर , गंभीर, सजग, बाह्यमुखी, सौन्दर्य से भारी लावण्या शाह जी को कौन साहित्यकार ब्लॉगर नहीं जानता, गीतकार/कवि पंडित नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री और लता जी की मुहँ बोली बहिन हैं ये. चलिए आज जानते हैं उनकी पसंद के ख़ास 3 गाने कौन से हैं-  1 ) Satyam Shivam Sunderam ( Title song )  Singer : Lata ji :  Lyricist : Pt. Narendra Sharma  MD : Laxmikant / Pyarelal  Raj Kapoor Production 2 ) Nain Diwane Ek nahee mane Film : Afsar AFSAR was first film produced by Dev Anand after  forming Navketan wirh his brothers Chetan and Vijay Anand  Singer :  Suraiya Jamaal Sheikh (June 15, 1929 - January 31, 2004)  was a singer and actress in Indian films, and was popularly known as  Suraiya in the film industry.  She became a superstar in the 1940s and 50s during the time when actors sang their own songs. Music By : S D Burman..Link :  3 ) Baje Re Muraliya Baje  This music is supreme combi

ओल्ड इज़ गोल्ड - शनिवार विशेष - 47 "मेरे पास मेरा प्रेम है"

पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री लावण्या शाह से लम्बी बातचीत भाग १ भाग २ अब आगे... 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का इस 'शनिवार विशेषांक' में। पिछले दो सप्ताह से आप इसमें आनंद ले रहे हैं सुप्रसिद्ध कवि, साहित्यकार और गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह से की गई हमारी बातचीत का। पहले भाग में पंडित जी के पारिवारिक पार्श्व और शुरुआती दिनों का हाल आपनें जाना। और दूसरी कड़ी में लावण्या जी नें बताया कि किस तरह से उनके पिता का बम्बई आना हुआ और फ़िल्म-जगत में किस तरह से उनका पदार्पण हुआ। आइए बातचीत आगे बढ़ाते हैं। प्रस्तुत है लघु शृंखला 'मेरे पास मेरा प्रेम है' की तीसरी कड़ी। सुजॉय - लावण्या जी, 'हिंद-युग्म आवाज़' पर आपका हम स्वागत करते हैं, नमस्कार! लावण्या जी - नमस्ते! सुजॉय - लावण्या जी, फ़िल्म जगत के किन किन कलाकारों के साथ आपके परिवार का पारिवारिक सम्बंध रहा है? इसमें एक नाम लता मंगेशकर जी का अवश्य है । लता जी के साथ आपके पारिवारिक संबम्ध के बारे में हम विस्तार से जानना चाहे

ओल्ड इज़ गोल्ड - शनिवार विशेष - 46 - "मेरे पास मेरा प्रेम है"

पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री लावण्या शाह से लम्बी बातचीत - भाग-2 पहले पढ़ें भाग १ 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'शनिवार विशेषांक' में। पिछले शनिवार से हमनें इसमें शुरु की है शृंखला 'मेरे पास मेरा प्रेम है', जो कि केन्द्रित है सुप्रसिद्ध कवि, साहित्यकार और गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह से की गई हमारी बातचीत पर। आइए आज प्रस्तुत है इस शृंखला की दूसरी कड़ी। सुजॉय - लावण्या जी, एक बार फिर हम आपका स्वागत करते है 'आवाज़' पर, नमस्कार! लावण्या जी - नमस्ते! सुजॉय - लावण्या जी, पिछले हफ़्ते हमारी बातचीत आकर रुकी थी पंडित जी के आयुर्वेद ज्ञान की चर्चा पर। साथ ही आपनें पंडित जी के शुरुआती दिनों के बारे में बताया था। आज बातचीत हम शुरु करते हैं उस मोड़ से जहाँ पंडित जी मुंबई आ पहुँचते हैं। हमने सुना है कि पंडित जी ३० वर्ष की आयु में बम्बई आये थे भगवती चरण वर्मा के साथ। यह बताइए कि इससे पहले उनकी क्या क्या उपलब्धियाँ थी बतौर कवि और साहित्यिक। बम्बई आकर फ़िल्म जगत से जुड़ना क्यों ज़रूरी हो गया? लावण्या जी -

ओल्ड इज़ गोल्ड - शनिवार विशेष - 45 "मेरे पास मेरा प्रेम है"

पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री लावण्या शाह से लम्बी बातचीत भाग-१ 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के दोस्तों, नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'शनिवार विशेषांक' में। शनिवार की इस साप्ताहिक प्रस्तुति होती है ख़ास, आम प्रस्तुतियों से ज़रा हट के, जिसमे हम कभी साक्षात्कार, कभी विशेषालेख, और कभी आप ही के भेजे ई-मेल शामिल करते हैं। आज इस इस स्तंभ में हम शुरु कर रहे हैं फ़िल्म जगत के सुप्रसिद्ध गीतकार, उत्तम साहित्यकार, कवि, दार्शनिक, आयुर्वेद के ज्ञाता और विविध भाषाओं के महारथी, स्व: पंडित नरेन्द्र शर्मा की सुपुत्री लावण्या शाह से की हुई लम्बी बातचीत पर आधारित लघु शृंखला 'मेरे पास मेरा प्रेम है'। आज प्रस्तुत है इस शृंखला की पहली कड़ी। लावण्या जी से ईमेल के माध्यम से लम्बी बातचीत की है आपके इस दोस्त सुजॉय नें। सुजॉय - लावण्या जी, आपका बहुत बहुत स्वागत है 'आवाज़' पर, नमस्कार! लावण्या जी - नमस्ते, सुजॉय भाई, आपका व 'हिंद-युग्म' का आभार जो आपने आज मुझे याद किया। सुजॉय - यह हमारा सौभाग्य है आपको पाना, और आप से आपके पापाजी, यानी पंडित जी के बारे में जानना। युं तो आप नें उन

ई मेल के बहाने यादों के खजाने - जब माँ दुर्गा के विविध रूपों से मिलवाया लावण्या जी ने

'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष - ईमेल के बहाने यादों के ख़ज़ाने' के साथ हम हाज़िर हैं। जैसा कि नवरात्री और दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है चारों तरफ़, और आज है महानवमी। यानी कि नवरात्री की अंतिम रात्री और दुर्गा पूजा का भी अंतिम दिन। कल विजयादशमी के दिन दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन से यह उत्सव सम्पन्न होता है। तो क्यों ना आज इस अंक में हम माता रानी की आराधना करें। दोस्तों, हमने महान कवि, दार्शनिक और गीतकार पंडित नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह जी से सम्पर्क किया कि वो अपने पिताजी के बारे में हमें कुछ बताएँ जिन्हें हम अपने पाठकों के साथ बाँट सकें। तब लावण्या जी ने ही यह सुझाव दिया कि क्यों ना नवरात्री के पावन उपलक्ष्य पर पंडित जी द्वारा संयोजित देवी माँ के कुछ भजन प्रस्तुत किए जाएँ। लावण्या जी के हम आभारी हैं कि उन्होंने हमारे इस निवेदन को स्वीकारा और ईमेल के माध्यम से हमें माँ दुर्गा के विविध रूपों के बारे में लिख भेजा और साथ ही पंडित जी के भजनों के बारे में बताया। तो आइए अब पढ़ते हैं लावण्या जी का ईमेल। ********************** ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिक

इस बार का कवि सम्मेलन रश्मि प्रभा के संग

सुनिए पॉडकास्टिंग के इस नए प्रयोग को रश्मि प्रभा नमस्कार! दोस्तो, हम एक फिर हाज़िर हैं इस माह के आपके अंतिम रविवार और अंतिम दिन को इंद्रधनुषी बनाने के लिए। जी हाँ, आपको भी इसका पूरे एक महीने से इंतज़ार होगा। तो इंतज़ार की घड़िया ख़त्म। सुबह की चाय पियें और साथ ही साथ हमारे इस पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का रस लेते रहें, जिसमें भावनाओं और अभिव्यक्तियों के विविध रंग समाहित हैं। सुबह की चाय के साथ ही क्यों, इसका आनंद शाम की शिकंजी के साथ भी लें। पिछले महीने हमें रश्मि प्रभा के रूप में साहित्य-सेवा की एक नई किरण मिलीं हैं। कविता-मंच पर ये कविताएँ तो लिख ही रही हैं, इस बार के कवि-सम्मेलन के संयोजन का दायित्व भी इन्हीं ने सम्हाला है। और आगे भी अपनी ओर से बेहतरीन प्रयास करते रहने का वचन दिया है। इस बार के कवि सम्मेलन की सबसे ख़ास बात यह है कि इस बार दुनिया के अलग-अलग कोनों से कुल 19 कवि हिस्सा ले रहे हैं। संचालिका को लेकर यह संख्या 20 हो जाती है। और यह इत्तेफाक ही है कि इस बार जहाँ 10 महिला कवयिता हैं, वहीं 10 पुरुष कवयिता। कम से कम इस स्तर पर रश्मि प्रभा स्त्री-पुरुष समानता के तत्व को मूर्त करने म