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राग हमीर : SWARGOSHTHI – 257 : RAG HAMIR

स्वरगोष्ठी – 257 में आज दोनों मध्यम स्वर वाले राग – 5 : राग हमीर मालिनी राजुरकर और मोहम्मद रफी से सुनिए राग हमीर की प्रस्तुतियाँ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी श्रृंखला – ‘दोनों मध्यम स्वर वाले राग’ की पाँचवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-रसिकों का एक बार पुनः हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय संगीत के कुछ ऐसे रागों की चर्चा कर रहे हैं, जिनमें दोनों मध्यम स्वरों का प्रयोग किया जाता है। संगीत के सात स्वरों में ‘मध्यम’ एक महत्त्वपूर्ण स्वर होता है। हमारे संगीत में मध्यम स्वर के दो रूप प्रयोग किये जाते हैं। स्वर का पहला रूप शुद्ध मध्यम कहलाता है। 22 श्रुतियों में दसवाँ श्रुति स्थान शुद्ध मध्यम का होता है। मध्यम का दूसरा रूप तीव्र या विकृत मध्यम कहलाता है, जिसका स्थान बारहवीं श्रुति पर होता है। शास्त्रकारों ने रागों के समय-निर्धारण के लिए कुछ सिद्धान्त निश्चित किये हैं। इन्हीं में से एक सिद्धान्त है, “अध्वदर्शक स्वर”। इस सिद्धान्त के अनुसार राग का मध्यम स्वर महत्त्वपूर्ण हो जाता

विशेष: सियाचेन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि

'चित्रशाला - 7 (विशेष प्रस्तुति) सियाचेन में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि गांधीजी के लिखे और मन्ना डे के गाए प्रार्थना गीत से विश्व के सर्वोच्च मिलिटरी ज़ोन सियाचेन पर तैनात भारतीय जवान "तुम ज़िन्दगी से जीते नहीं पर लड़े तो थे, यह बात कम नहीं कि तुम ज़िद पर अड़े तो थे, यह ग़म रहेगा कि हम बचा न सके तुम्हें, वरना हमें बचाने वहाँ तुम खड़े तो थे!" सियाचेन में शहीद हुए हमारे जवानों की शान में इनसे बेहतर शायद कोई पंक्तियाँ नहीं! विविध भारती की उद्‍घोषक ममता सिंह कहती हैं, "हमें अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि जब हम चॉकलेट केक पोपकोर्न खा रहे हैं, टेलीविज़न पर नोबिता, छोटा भीम, मिकी माउस देख रहे हैं, उस वक़्त कुछ बच्चों के पापा सरहद पर तैनात हैं और देश की हिफ़ाज़त कर रहे हैं। वो फोन पर उनसे कहते हैं, अगली बार आना तो हेलीकॉप्टर ले आना। अगली बार न हेलीकॉप्टर आता है। न पापा।" यूनुस ख़ान के शब्दों में, "आम जिंदगी में कितनी बार याद आता है कि हमारे फौजी सरहदों पर बेहद मुश्किल हालात में अपना फ़र्ज़ निभा रहे हैं। मुश्किल ड्यूटी, अकेलापन, तकल

संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य कूड़ा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने उषा छाबड़ा के स्वर में उन्हीं की शिक्षाप्रद लघुकथा " स्वेटर " का पाठ सुना था। आज अनुराग शर्मा  के स्वर में हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, संतोष त्रिवेदी का व्यंग्य  कूड़ा । हिन्दी के स्थापित साहित्यकार संतोष त्रिवेदी साहित्यिक अभिरुचि वाले अध्यापक हैं। वे लम्बे समय से दिल्ली में अध्यापन कार्य के साथ-साथ स्वतंत्र लेखन में संलग्न हैं। इस कहानी कूड़ा का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 29 सेकंड है। इस कहानी "कूड़ा" का गद्य फेसबुक पर उपलब्ध है. सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। अब के बरस उनका यही फरमान है, इंसान बस लूटा हुआ सामान है। ~ संतोष त्रिव