Skip to main content

Posts

आशा गुप्ता आशु लिखित लघुकथा ममता की छांव में

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में शाहिद मंसूर "अजनबी" की लघुकथा माँ तो सबकी एक-जैसी होती है का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं आशा गुप्ता आशु लिखित लघुकथा ममता की छांव में , जिसे स्वर दिया है माधवी गणपुले ने। इस कहानी मुक्ति  का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इसका गद्य लेखिका के फेसबुक पृष्ठ पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। माना कि अभी नहीं जागे मेरे सोये हुये नसीब! पर एक दिन अपना होगा खुशियां होंगी करीब !!  ~  आशा गुप्ता "आशु" हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "मुझे उस दिन का इन्तजार

मारवा थाट के राग : SWARGOSHTHI – 219 : MARAVA THAAT

स्वरगोष्ठी – 219 में आज दस थाट, दस राग और दस गीत – 6 : मारवा थाट संगीत रचनाएँ राग मारवा और सोहनी की ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी नई लघु श्रृंखला ‘दस थाट, दस राग और दस गीत’ की छठें अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। इस लघु श्रृंखला में हम आपसे भारतीय संगीत के रागों का वर्गीकरण करने में समर्थ मेल अथवा थाट व्यवस्था पर चर्चा कर रहे हैं। भारतीय संगीत में सात शुद्ध, चार कोमल और एक तीव्र, अर्थात कुल 12 स्वरों का प्रयोग किया जाता है। एक राग की रचना के लिए उपरोक्त 12 में से कम से कम पाँच स्वरों की उपस्थिति आवश्यक होती है। भारतीय संगीत में ‘थाट’, रागों के वर्गीकरण करने की एक व्यवस्था है। सप्तक के 12 स्वरों में से क्रमानुसार सात मुख्य स्वरों के समुदाय को थाट कहते है। थाट को मेल भी कहा जाता है। दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति में 72 मेल का प्रचलन है, जबकि उत्तर भारतीय संगीत में दस थाट का प्रयोग किया जाता है। इन दस थाट का प्रचलन पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे जी ने प्रारम्भ

"छू कर मेरे मन को...", क्यों राजेश रोशन को अपने पैसे से इस गीत को रेकॉर्ड करना पड़ा?

एक गीत सौ कहानियाँ - 59   ‘ छू कर मेरे मन को...’  रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, हम रोज़ाना रेडियो पर, टीवी पर, कम्प्यूटर पर, और न जाने कहाँ-कहाँ, जाने कितने ही गीत सुनते हैं, और गुनगुनाते हैं। ये फ़िल्मी नग़में हमारे साथी हैं सुख-दुख के, त्योहारों के, शादी और अन्य अवसरों के, जो हमारे जीवन से कुछ ऐसे जुड़े हैं कि इनके बिना हमारी ज़िन्दगी बड़ी ही सूनी और बेरंग होती। पर ऐसे कितने गीत होंगे जिनके बनने की कहानियों से, उनसे जुड़े दिलचस्प क़िस्सों से आप अवगत होंगे? बहुत कम, है न? कुछ जाने-पहचाने, और कुछ कमसुने फ़िल्मी गीतों की रचना प्रक्रिया, उनसे जुड़ी दिलचस्प बातें, और कभी-कभी तो आश्चर्य में डाल देने वाले तथ्यों की जानकारियों को समेटता है 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' का यह स्तम्भ 'एक गीत सौ कहानियाँ'। इसकी 59-वीं कड़ी में आज जानिये फ़िल्म ’याराना’ के मशहूर गीत "छू कर मेरे मन को, किया तूने क्या इशारा..." के बारे में जिसे किशोर कुमार ने गाया था।  रबीन्द्र