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'गन्दी बात' में भी बहुत कुछ अच्छा है प्रीतम दा के साथ

बॉ लीवुड में दक्षिण की सफल फिल्मों का रिमेक जोरों पे जारी है. सभी बड़े सुपर स्टार जैसे सलमान, अजय देवगन, अक्षय कुमार आदि इन फिल्मों से सफलता का स्वाद चख चुके हैं, अब शाहिद कपूर भी आ रहे हैं रेम्बो राजकुमार बनकर....ओह माफ कीजियेगा आर...राजकुमार बनकर. फिल्म के नाम में रेम्बो का इस्तेमाल वर्जित (कोपीराईट कारणों से) होने के कारण फिल्म के नाम में ये बदलाव करना पड़ा. फिल्म में संगीत है हिट मशीन प्रीतम का, आईये नज़र डालें इस फिल्म के एल्बम पर, और जानें कि संगीत प्रेमियों के लिए क्या है इस एक्शन कोमेडी फिल्म के गीतों में.  एल्बम के पहले तीन गीत पूरी तरह से दक्षिण के तेज रिदम वालों गीतों से प्रेरित हैं. इनमें प्रीतम की झलक कम और दक्षिण के संगीतकारों की छवि अधिक झलकती है. पहला गीत गन्दी बात एक मस्त मलंग गीत है जिसकी ताल और धुन इतनी जबरदस्त है कि सुनकर कोई भी खुद को कदम थिरकाने से नहीं रोक पायेगा. अनुपम अमोद के शब्द चटपटे हैं और कुछ पारंपरिक श्रोताओं को आपत्तिजनक भी लग सकते हैं. मिका की आवाज़ इस गीत के लिए एकदम सही चुनाव है पर गीत का सुखद आश्चर्य है कल्पना पटोवरी की जोशीली आवाज़ जिसने मि

‘दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे...’ : राग केदार में भक्तिरस

  स्वरगोष्ठी – 144 में आज रागों में भक्तिरस – 12 राग केदार के स्वरों से अभिसिंचित एक कालजयी भक्तिगीत ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की बारहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों, जारी श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम आपसे राग केदार में उपस्थित भक्तिरस पर चर्चा करेंगे। आपके समक्ष इस राग के भक्तिरस-पक्ष को स्पष्ट करने के लिए हम तीन भक्तिरस से पगी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। सबसे पहले हम 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘नरसी भगत’ का राग केदार पर आधारित एक प्रार्थना गीत और इसके बाद पण्डित जसराज के गायन और पण्डित हरिप्रसाद चौरसिया के बाँसुरी वादन की आकर्षक जुगलबन्दी में एक भजन भी आप सुनेगे।  प न्द्रहवीं शताब्दी के वैष्णव भक्त कवि नरसी मेहता के जीवन पर हिन्दी में दो

मास्टर ब्लास्टर सचिन को सलाम करती है आज की 'सिने पहेली'

सिने पहेली – 88 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों औ़र पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, कल सचिन तेन्दुलकर ने अपने जीवन के अन्तिम टेस्ट मैच में बल्लेबाज़ी करते हुए हमेशा के लिए पारी समाप्ति की घोषणा कर दी। इस मास्टर-ब्लास्टर के बारे में और क्या कहें, बस यही कह सकते हैं कि सचिन भारत का गर्व है। 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से सचिन को ढेरों शुभकामनायें हम देते हैं और आज की 'सिने पहेली' का यह एपिसोड उनके नाम करते हैं। सीधे-सीधे सचिन पर सिनेमा संबंधित सवाल तो नहीं उपलब्ध करा सकते, पर हाँ, क्रिकेट संबंधित फ़िल्मी सवाल ज़रूर पूछ सकते हैं, और हम यह मानते हैं और आप भी यह मानेंगे कि क्रिकेट का ज़िक्र और सचिन का ज़िक्र, एक ही बात है, क्योंकि सचिन ही क्रिकेट है, और क्रिकेट ही सचिन है। तो आइए शुरू करें आज की 'सिने पहेली'। आज की पहेली : खेल खेल में नीचे दिये हुए फ़िल्मी दृश्यों को ध्यान से देखिये और फ़िल्म पहचानिये। उपर पूछे गए सवालों के जवाब एक ही ई