Skip to main content

Posts

बोलती कहानियाँ - सुमन पाटिल का व्यंग्य चमचासन

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में प्रसिद्ध फिल्म इतिहासकार, पत्रकार और लेखक शिशिर कृष्ण शर्मा द्वारा कश्मीर के मार्मिक हालात पर लिखित हृदयस्पर्शी कहानी " खत जो लिखा नहीं गया " सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं सुमन पाटिल द्वारा लिखित व्यंग्य चमचासन जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत व्यंग्य का गद्य " सुरभित सुमन " ब्लॉग पर उपलब्ध है। " चमचासन " का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 31 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। गाओ इसलिए कि कर्म है गीत गाओ इसलिए कि धर्म है गीत गाओ इसलिए कि प्रेम है गीत गाओ इसलिए कि अहोभाव है गीत गाओ इसलिए कि जीवन है गीत  ~ सुमन पाटिल

‘कान्हा रे नन्दनन्दन...’ : राग केदार में एक प्रार्थना गीत

स्वरगोष्ठी – 134 में आज रागों में भक्तिरस – 2 ‘हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें...’   ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी है, भारतीय संगीत के विविध रागों में भक्तिरस की उपस्थिति विषयक लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान रागों और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। दरअसल भारतीय संगीत की मूल अवधारणा ही भक्तिरस पर आधारित है। वैदिक काल के उपलब्ध प्रमाणों से यह स्पष्ट हो जाता है कि तत्कालीन संगीत का स्वरूप धर्म और आध्यात्म से प्रभावित था। परन्तु वेदों से पूर्व काल के भी कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं, जिनसे उक्त काल के संगीत में भी भक्ति संगीत की अवधारणा की पुष्टि होती है। ‘स्वरगोष्ठी’ के आज के अंक में हम आपसे इन तथ्यों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही आप सुप्रसिद्ध गायक उस्ताद राशिद खाँ के स्वरों में राग केदार में निबद्ध कृष्ण-वन्दना से युक्त एक खयाल और 1971 में प्रदर्शित फिल्म ‘गुड्डी’ से राग केदार पर ही आधारित एक लोकप्रिय प्रार्थना गीत भी सुनेगे। व र्ष 1922 म

सिने पहेली – 77

सिने पहेली – 7 7     सिने पहेली के 7 7 वें अंक में आप सभी का स्वागत है. पिछले सप्ताह की पहेली थोड़ी सी शायद कठिन हो गयी थी . हमारे केवल एक ही प्रतियोगी पूर्ण अंक प्राप्त करने में सफल रहे और जाहिर है कि सरताज विजेता का ख़िताब भी उन्होंने अपने नाम कर दिया. सरताज प्रतियोगी का ख़िताब मिला है पंकज मुकेश जी  को. बधाई आपको. क्षिती जी आप इतना अच्छा खेल रही हैं लेकिन इस बार आपने भाग नहीं लेकर अपना स्थान गवां दिया. कृपया नियमित भाग लीजिये. अभी भी मौका है. इस बार की पहेली में भी हम आपको कुछ गानों के शुरुआती हिस्से को सुनवाएँगे और आपको उसे सुनकर उस गाने से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने है. हाँ आप सबकी सुविधा के लिए हिंट भी दिए गए हैं. ये गाने आप सबने कई बार सुने होंगे.  इस बार के सवालों के अंक है पूरे 15. आज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ. इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं. इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है . आज से इस प्रतियोगिता में ज