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राग मेघ मल्हार की फुहार में भीगे फ़िल्मी गीत

राग मेघ मल्हार पर आधारित फ़िल्मी गीत  स्क्रिप्ट : कृष्णमोहन मिश्र  स्वर एवं प्रस्तुति : संज्ञा टंडन 

बोलती कहानियाँ: मुंशी प्रेमचन्द कृत अग्निसमाधि

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने माधवी चारुदत्ता के स्वर में अनुराग शर्मा की व्यंग्यात्मक कहानी " सम्बन्ध " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचन्द की मार्मिक कहानी अग्निसमाधि जिसे स्वर दिया है हिन्दी और मराठी की एक सफल वॉइस ओवर आर्टिस्ट माधवी चारुदत्ता ने। उनके स्वर में आचार्य विनोबा भावे द्वारा धुले जेल में मराठी भाषा में दिये गए गीता प्रवचन यहाँ सुने जा सकते हैं। प्रस्तुत कथा का गद्य " भारत कोश " पर उपलब्ध है। "अग्निसमाधि" का कुल प्रसारण समय 28 मिनट 18 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहू

बिजलियाँ गिराती अदाओं से ज़रा बच के

गोल्ड सीरिस - खरा सोना गीत (अंक ५) शोख नज़र की बिजलियाँ ... फिल्म  - वो कौन थी स्वर - आशा भोसले शब्द - राजा मेहदी अली खान संगीत - मदन मोहन स्क्रिप्ट - सुजॉय चट्टरजी प्रस्तुतकर्ता  - लिंटा मनोज एपिसोड निर्देशिका - संज्ञा टंडन

स्वरगोष्ठी में आज : राग भूपाली के दो रंग

    स्वरगोष्ठी – 128 में आज भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति – 8 राग भूपाली पर आधारित एक मनभावन गीत- ‘पंख होते तो उड़ आती रे...’ इन दिनों ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक मंच ‘स्वरगोष्ठी’ पर जारी है, लघु श्रृंखला ‘भूले-बिसरे संगीतकार की कालजयी कृति’। इस श्रृंखला की आठवीं कड़ी के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों की इस संगोष्ठी में उपस्थित हूँ और आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपको राग-आधारित कुछ ऐसे फिल्मी गीत सुनवा रहे हैं, जो छः दशक से भी पूर्व के हैं। रागों के आधार के कारण ये गीत आज भी सदाबहार गीत के रूप में हमारे बीच प्रतिष्ठित हैं। परन्तु इनके संगीतकार हमारी स्मृतियों में धूमिल हो गए हैं। इस श्रृंखला को प्रस्तुत करने का हमारा उद्देश्य यही है कि इन कालजयी, राग आधारित गीतों के माध्यम से हम उन भूले-बिसरे संगीतकारों को स्मरण करें। आज के अंक में हम आपको भारतीय संगीत के एक अत्यन्त मधुर राग ‘भूपाली’ पर आधारित, फिल्म ‘सेहरा’ का एक गीत सुनवाएँगे और इस गीत के विस्मृत संगीतकार रामलाल का स्मरण करेंगे। इसके साथ ही हम

सिने पहेली – 72 - मुकाबले का दूसरा सप्ताह

सिने पहेली – 72 मुकाबले का दूसरा सप्ताह     सि ने पहेली के 72वें अंक में सभी प्रतियोगियों का मैं आपका साथी अमित तिवारी स्वागत करता हूँ.  पहला अंक मिला जुला रहा. सबसे पहले सभी प्रश्नों के सही जवाब देकर लखनऊ के प्रकाश गोविन्द जी पहले अंक के सरताज़ प्रतियोगी बने हैं.  पंकज मुकेश जी एक बार थोड़ा सा लड़खड़ा गए थे पर शानदार वापसी करते हुए उन्होंने पूरे अंक बटो र लिए.  क्या बात है पंकज जी.  लगता है कि इस बार का सेगमेंट कांटे का रहेगा. सभी प्रतियोगी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. आज की पहेली में कुल पाँच सवाल हैं लेकिन कुछ सवालों में कुछ  और सवाल हैं और अंक विभाजन थोड़ा अलग है.  सवाल और अंकों पर ध्यान दीजियेगा. आज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ. इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है। आज से इस प्रतियोगिता में जुड़ कर भी आप महाविजेता बन सकते हैं। यही इस प्रतियोगिता की विशेषता है। इस प्रतियोगिता के नियमों का उल्लेख नीचे किया गया है, ध्यान दीजियेगा।  तो  आइए, आरम्भ करते हैं, आज की पह

सुरीला है ये आग का दरिया - 'इस्सक' तेरा

प्रे म कहानियां और वो भी कालजयी प्रेम कथाएं फिल्मकारों को सदा से ही प्रेरित करती आईं है. हीर राँझा हो सोहनी महिवाल या फिर रोमियो जूलियट, इन अमर प्रेम कहानियों में कुछ तो ऐसा है जो दर्शक बार बार इन्हें देखने के लिए लालायित रहते हैं. रोमियो जूलियट शेक्सपियर की अमर कृति है, जिस पर अब तक ढेरों फ़िल्मी कहानियां आधारित रहीं है. एक बार फिर इस रचना का भारतीयकरण हुआ है मनीष तिवारी निर्देशित इस्सक  में जहाँ राँझना  के बाद एक बार फिर दर्शकों के देखने को मिलेगी बनारस की पृष्ठभूमि. खैर देखने की बात होगी बाद में फिलहाल जान लें कि इस इस्सक  में सुनने लायक क्या क्या है... मोहित  चौहान की सुरीली आवाज़ ऐसे लगती है जैसे पहाड़ों में गूंजती हवा हो, और अगर गीत रोमानी हो तो कहना ही क्या, एल्बम की शुरुआत इसी रेशमी आवाज़ से होती है इस्सक तेरा  एक खूबसूरत प्रेम गीत है. जितने सुन्दर शब्द है मयूर पूरी के, सचिन जिगर की जोड़ी ने इसे उतने ही नर्मो नाज़ुक अंदाज़ में स्वरबद्ध किया है. एल्बम को एक दिलकश शुरुआत देता है ये गीत.  अगले  गीत में रशीद खान की आवाज़ है, गहरी और मर्म को भेदती, झीनी रे झीनी  गीत के शब्दकार ह

छला जिस लूटेरे ने उसी का है इंतज़ार...

गोल्ड सीरीस, खरा सोना गीत 04 रुला के गया सपना मेरा लता मंगेशकर शैलेन्द्र एस डी बर्मन शो स्क्रिप्ट : सुजॉय चट्टर्जी स्वर : अन्तरा चक्रवर्ती प्रस्तुति : संज्ञा टंडन