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राग भीमपलासी - एक चर्चा संज्ञा टंडन के साथ

स्वर एवं प्रस्तुति - संज्ञा टंडन  स्क्रिप्ट - कृष्णमोहन मिश्र 

मैंने देखी पहली फिल्म प्रतियोगिता का परिणाम

भारतीय सिनेमा के सौ साल – 30 मैंने देखी पहली फ़िल्म : कृष्णमोहन मिश्र बैंड वाले मेरे पसन्द के गीत की धुन नहीं बजाते थे भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का मैं सजीव सारथी नए वर्ष 2013 में हार्दिक स्वागत करता हूँ। गत जून मास के दूसरे गुरुवार से हमने आपके संस्मरणों पर आधारित प्रतियोगिता ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का आयोजन किया था। इस स्तम्भ में हमने आपके प्रतियोगी संस्मरण और रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक मण्डल के सदस्यों के गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत किये हैं। आज के इस समापन अंक में हम ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ संचालक मण्डल के सदस्य कृष्णमोहन मिश्र का गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत कर रहे हैं। कृष्णमोहन जी ने 1955 में मोतीलाल और निगार सुल्ताना अभिनीत फिल्म ‘मस्ताना’ देखी थी। इस फिल्म के गीतकार राजेन्द्र कृष्ण और संगीतकार मदनमोहन थे। इस संस्मरण के साथ-साथ हम आपके प्रतियोगी संस्मरणों के परिणामों की घोषणा भी करेंगे। उ म्र के पहले दशक की कि

संगीत 2012 - कैसा था संगीत के लिहाज से बीता वर्ष -एक अवलोकन

वर्ष २०१२ में श्रोताओं ने क्या क्या सुना, किसे पसंद किया और किसे सिरे से नकार दिया, किन गीतों ने हमारी धडकनों को धड़कने के सबब दिया, किन शब्दों ने हमारे ह्रदय को झकझोरा, और किन किन फनकारों की सदाएं हमारी रूह में उतर कर अपनी जगह बनने में कामियाब रहीं, आईये इस पोडकास्ट में सुनें पूरे वर्ष के संगीत का एक मुक्कमल लेखा जोखा. साथ ही किन संगीत योद्धाओं को हमारे श्रोताओं ने दिया वर्ष-सर्वश्रेष्ठ का खिताब, ये भी जाने. कुछ कदम थिरकाने वाले गीतों के संग आईये अलविदा कहें वर्ष २०१२ को और स्वागत करें २०१३ का. नववर्ष आप सबके लिए मंगलमय हो. इसी कामना के साथ प्रस्तुत है रेडियो प्लेबैक का ये पोडकास्ट. 

संगीतकार नौशाद के 94वें जन्मदिवस पर विशेष -2

स्वरगोष्ठी-102 में आज   संगीतकार नौशाद के 94 वें जन्मदिवस पर विशेष -2     खमाज, केदार, सोहनी, वृन्दावनी सारंग और भैरवी में पगे नौशाद के गीत    क्षिति, पी.के. और प्रकाश संगीत-पहेली के महाविजेता बने ‘स्वरगोष्ठी’ के 102वें अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र एक बार पुनः आप सब संगीत-प्रेमियों के बीच उपस्थित हूँ। आपको स्मरण ही होगा कि गत रविवार को हमने फिल्म जगत के यशस्वी संगीतकार नौशाद अली के 94वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व से जुड़े कुछ प्रसंगों का स्मरण किया था। पिछले अंक में हमने नौशाद के संगीतबद्ध, 1946 से लेकर 1955 के बीच कुछ राग-आधारित गीतों का चयन किया था। आज हम उससे अगले दशक अर्थात 1956 से लेकर 1967 के बीच के कुछ राग-आधारित गीत आपको सुनवाएँगे। ये गीत खमाज, केदार, सोहनी, वृन्दावनी सारंग और भैरवी रागों पर आधारित हैं जिनका रसास्वादन आप करेंगे।    इसके साथ ही आज के इस अंक में हम ‘स्वरगोष्ठी’ के वार्षिक महाविजेता और उप-विजेताओ की घोषणा भी कर रहे हैं। आ रम्भ से ही नौशाद ने अपने संगीत को उत्तर प्रदेश के लोक संगीत और राग आधा

वर्ष की अंतिम 'सिने पहेली' में आज 2012 की फ़िल्मों से जुड़ी पहेली

29 दिसम्बर, 2012 सिने-पहेली - 52  में आज   पहचानिये 2012 के कुछ फ़िल्मी चेहरों को 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। 'सिने पहेली' की 50-वीं कड़ी को लेकर जो विवाद/ गतिरोध उत्पन्न हुआ है, यह निर्णय लिया गया था कि प्रतियोगियों के मतदान के द्वारा इस निर्णय तक पहुँचा जाये कि उस एपिसोड को निरस्त कर दोबारा प्रस्तुत किया जाये या नहीं। कुल 12 प्रतियोगियों ने मतदान किया है और आश्चर्यजनक रूप से 6 प्रतियोगियों ने पक्ष में और 6 प्रतियोगियों ने विपक्ष में मतदान किया है। दूसरे शब्दों में मतदान से भी कोई रास्ता हमें नहीं मिल पाया है। अत: हमने यह फ़ैसला लिया है कि 'सिने पहेली-50' को प्रतियोगिता से पूरी तरह से हटा दिया जाये, तथा 41 से लेकर 49-वीं कड़ियों के परिणामों के आधार पर ही पाँचवें सेगमेण्ट के विजेता घोषित किये जायें। तो ये रहे 'सिने पहेली' के पाँचवें सेगमेण्ट के विजेताओं के नाम... प्रथम स्थान गौतम केवलिया, बीकानेर  क्षिति तिवारी, जबलपुर विजय कुमार व्यास, बीकानेर द्वितीय स्थान पंकज मुकेश, बें

मैंने देखी पहली फिल्म : सुमन दीक्षित

स्मृतियों के झरोखे से : भारतीय सिनेमा के सौ साल – 29 जुड़वा बहनों की कहानी से माँ ने मुझे प्रेरित करने का प्रयास किया भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान- ‘स्मृतियों के झरोखे से’ में आप सभी सिनेमा प्रेमियों का हार्दिक स्वागत है। गत जून मास के दूसरे गुरुवार से हमने आपके संस्मरणों पर आधारित प्रतियोगिता ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ का आयोजन किया है। इस स्तम्भ में हमने आपके प्रतियोगी संस्मरण और रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक मण्डल के सदस्यों के गैर-प्रतियोगी संस्मरण प्रस्तुत किये हैं। पिछले अंक में प्रस्तुत किये गए प्रतियोगी संस्मरण को हमने इस श्रृंखला का समापन संस्मरण घोषित किया था। परन्तु हमे विलम्ब से हमारी एक श्रोता/पाठक का एक और संस्मरण प्राप्त हो गया। आज के अंक में उसी संस्मरण को प्रस्तुत कर रहे हैं। अब हम इस प्रतियोगिता का परिणाम जनवरी के दूसरे गुरुवार को घोषित करेंगे। ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ प्रतियोगिता के आज के समापन अंक में हम प्रस्तुत कर रहे है, लखनऊ निवासी, एक गृहणी श्रीमती सुमन दीक्षित का संस्मरण। सुम

मिलिए "सिगरेट की तरह" के संगीतकार सुदीप बैनर्जी से

ग़ज़ल गायक और संगीतकार सुदीप बैनर्जी 50 से भी अधिक एलबम्स को स्वरबद्ध कर चुके हैं. आशा भोसले, जगजीत सिंह, उस्ताद राशिद खान, हरिहरण, रूप कुमार राठोड, अनूप जलोटा, सुरेश वाडकर, शान, श्रेया घोषाल, और कैलाश खेर जैसे ढेरों बड़े फनकारों के साथ काम कर चुके हैं. "चौसर", "लव तुम्हारा' और अभी हाल ही में प्रदर्शित "सिगरेट की तरह" के इनके संगीतबद्ध गीतों को हम आप सुन चुके हैं. गायक संगीतकार के रूप में इनकी ताज़ा एल्बम "इरशाद" को वर्ष २०१२ की सर्वश्रेष्ठ गज़ल एल्बम के लिए नामांकित किया गया है. सुदीप आज हमारे साथ हैं अपने संगीत और अपनी ताज़ा फिल्म के बारे कुछ बातें हमारे साथ बांटने के लिए, उनसे हुई हमारी बातचीत का आनंद लें  सजीव – नमस्कार सुदीप , स्वागत है आपका रेडियो प्लेबॅक इंडिया पर … और बधाई आपको आपकी नयी फिल्म ‘ सिगरेट की तरह ’ के लिए … सुदीप – बहुत बहुत शुक्रिया सजीव जी.. सजीव – फिल्म में आपके दो गीत हैं , सबसे पहले तो इस फिल्म के बारे में कुछ विस्तार से बताएँ … सुदीप – ये एक मर्डर मिस्टरी फिल्म है जहाँ एक भोला भाला लड़का जो लखनऊ स