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मैंने देखी पहली फिल्म : अनुराग शर्मा की यादों से झांकती दो फ़िल्में

मैंने देखी पहली फ़िल्म : अनुराग शर्मा   भारतीय सिनेमा के शताब्दी वर्ष में ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ द्वारा आयोजित विशेष अनुष्ठान में प्रत्येक गुरुवार को हम आपके लिए सिनेमा के इतिहास पर विविध सामग्री प्रस्तुत कर रहे हैं। माह के दूसरे और चौथे गुरुवार को आपके संस्मरणों पर आधारित ‘मैंने देखी पहली फिल्म’ स्तम्भ का प्रकाशन करते हैं। आज माह का चौथा गुरुवार है, इसलिए आज हम प्रस्तुत कर रहे हैं, गैर-प्रतियोगी संस्मरण। आज का यह संस्मरण, रेडियो प्लेबैक इण्डिया के संचालक-मण्डल के सदस्य अनुराग शर्मा का है। ‘गीत’ के गीत में फूलों की सुगन्ध है तो ‘पुष्पांजलि’ के गीत में राधा के लिए कृष्ण की व्यग्रता मे री आयु चार-पाँच वर्ष की थी जब हम लोग जम्मू के तालाब तिल्लो के एक नये बन रहे इलाक़े में किराये पर रहने आये थे। दिन में स्कूल जाना और शाम को अपने मित्रों के साथ तरह-तरह के खेल खेलना। आस-पास नहरें, खड्डों, पत्थरों और जंगली झाड़ियों की भरमार थी। जल्दी ही मैं आक और लेंटाना के पौधों को पहचानने लगा। छोटे-छोटे लाल बेर हम बच्चों के पसन्दीदा थे, जिन्हें डोगरी में गरने कह

रबिन्द्र संगीत (पहला भाग) - एक चर्चा संज्ञा टंडन के साथ

प्लेबैक इंडिया ब्रोडकास्ट (१४) रबिंद्रसंगीत एक विशिष्ट संगीत पद्धति के रूप में विकसित हुआ है। इस शैली के कलाकार पारंपरिक पद्धति में ही इन गीतों को प्रस्तुत करते हैं। बीथोवेन की संगीत रचनाओं(सिम्फनीज़) या विलायत ख़ाँ के सितार की तरह रबिंद्रसंगीत अपनी रचनाओं के गीतात्मक सौन्दर्य की सराहना के लिए एक शिक्षित, बुद्धिमान और सुसंस्कृत दर्शक वर्ग की मांग करता है। १९४१ में गुरूदेव की मृत्यु हो गई परन्तु उनका गौरव और उनके गीतों का प्रभाव अनन्त है। उन्होंने अपने गीतों में शुद्ध कविता को सृष्टिकर्त्ता, प्रकृति और प्रेम से एकीकृत किया है। मानवीय प्रेम प्रकृति के दृश्यों में मिलकर सृष्टिकर्त्ता के लिए समर्पण (भक्ति) में बदल जाता है। उनके 2000 अतुल्य गीतों का संग्रह गीतबितान(गीतों का बागीचा) के रूप में जाना जाता है। (पूरा टेक्स्ट यहाँ पढ़ें ) आईये आज के ब्रोडकास्ट में शामिल होईये संज्ञा टंडन के साथ, रविन्द्र संगीत पर इस चर्चा के पहले भाग में. स्क्रिप्ट है सुमित चक्रवर्ती की और आवाज़ है संज्ञा टंडन की    या फिर यहाँ से डाउनलोड करें

कहानी पॉडकास्ट - एक पढ़ी लिखी स्त्री - क्रांति त्रिवेदी - शेफाली गुप्ता

'बोलती कहानियाँ' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने देवेन्द्र पाठक "मुन्ना" की आवाज़ में प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य " मध्यम वर्गीय कुत्ता " का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार क्रांति त्रिवेदी की कहानी " एक पढ़ी लिखी स्त्री ", जिसको स्वर दिया है शेफाली गुप्ता ने। एक पढ़ी लिखी स्त्री का पाठ्य अभिव्यक्ति पर उपलब्ध है। इस कहानी का कुल प्रसारण समय 8 मिनट 19 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मध्य प्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष कैलाश पंत ने 30 अक्टूबर 2010 को घोषणा की कि मध्यप्रदेश में हर वर्ष युवा कथाकारों के लिए क्रांति त्रिवेदी पुरस्कार दिया जायेगा। क्रांति त्रिवेदी  ~ जन