संगीत समीक्षा - हीरोईन संवेदनशील विषयों को अपनी समग्रता के साथ परदे पर उतारने के लिए जाने जाते हैं निर्देशक मधुर भंडारकर. तब्बू से लेकर रवीना, प्रियंका तक जितनी भी हेरोईनों ने उनके साथ काम किया है अपने करियर की बेहतरीन प्रस्तुति दी है, ऐसे में जब फिल्म का नाम ही हेरोईन हो, तो दर्शकों को उम्मीद रहेगी कि उनकी फिल्म, माया नगरी में एक अभिनेत्री के सफर को बहुत करीब से उजागर करेगी. जहाँ तक उनकी फिल्मों के संगीत का सवाल है वो कभी भी फिल्म के कथा विषय के ऊपर हावी नहीं पड़ा है. चलिए देखते हैं फिल्म “हेरोईन” के संगीत का हाल – मधुर की फिल्म “फैशन” में जबरदस्त संगीत देने वाले सलीम सुलेमान को ही एक बार फिर से आजमाया गया है “हेरोईन” के लिए. गीतकार हैं निरंजन आयंगर. आईटम गीतों के प्रति हमारे फिल्मकारों की दीवानगी इस हद तक बढ़ गयी है कि और कुछ हो न हो एक आईटम गीत फिल्म में लाजमी है, ऐसे ही एक आईटम गीत से अल्बम की शुरुआत होती है- हलकट जवानी. मुन्नी और शीला की तर्ज पर एक और थिरकती धुन, मगर हलकट जवानी पूरी तरह से एक बनावटी गीत लगता है. चंद दिनों बाद कोई शायद ही इस गीत को सुनना पसंद करेगा. प