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बोलती कहानियाँ - आखिर बेटा हूँ तेरा

'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने  अनुराग शर्मा   की आवाज़ में  प्रसिद्ध कथाकार पंकज सुबीर   की कहानी   " एक रात "   का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं समीर लाल   की कहानी " आखिर बेटा हूं तेरा ", जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी   ने।  कहानी "आखिर बेटा हूँ तेरा" का कुल प्रसारण समय 4 मिनट 48 सेकंड है। इस बार हमने इस प्रसारण  में कुछ नये प्रयोग किये हैं। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।  यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। ऐसा नहीं कि मेरे पास शब्द न थे मगर बेहतर शब्दों की तलाश में भटकता रहा और लोग रचते चले गये।  मेरे भाव किसी और की कलम से शब्द पा गये।  ~  समीर लाल हर शुक्रवार को सुनें  एक नयी कहानी उसे 5 बजे बसुआ को उठाकर चाय नाश्ता देना होता था। फिर उसके लिये दो

२४ फरवरी - आज का गाना

गाना:  मुहब्बत ऐसी धड़कन है चित्रपट: अनारकली संगीतकार: सी. रामचंद्र गीतकार: राजिंदर कृशन गायिका: लता मंगेशकर इस इंतेज़ार\-ए\-शौक को जनमों की प्यास है इक शमा जल रही है, तो वो भी उदास है मुहब्बत ऐसी धड़कन है, (जो समझाई नहीं जाती) \- २ ज़ुबां पर दिल की बेचैनी, (कभी लाई नहीं जाती) \- २ मुहब्बत ऐसी धड़कन है चले आओ, चले आओ, तक़ाज़ा है निगाहों का \- २ तक़ाज़ा है निगाहों का किसी की आर्ज़ू ऐसे, (तो ठुकराई नहीं जाती) \- २ मुहब्बत ऐसी धड़कन है, (जो समझाई नहीं जाती) \- २ मुहब्बत ऐसी धड़कन है (मेरे दिल ने बिछाए हैं सजदे आज राहों में) \- २ सजदे आज राहों में जो हालत आशिक़ी की है, (वो बतलाई नहीं जाती) \- २ मुहब्बत ऐसी धड़कन है, (जो समझाई नहीं जाती) \- २ मुहब्बत ऐसी धड़कन है

आर्टिस्ट ऑफ द मंथ - गीतकार सजीव सारथी

सजीव सारथी का नाम इंटरनेट पर कलाकारों की जुगलबंदी करने के तौर पर भी लिया जाता है. वर्चुएल-स्पेस में गीत-संगीत निर्माण की नई और अनूठी परम्परा की शुरूआत करने का श्रेय सजीव सारथी को दिया जा सकता है. मात्र बतौर एक गीतकार ही नहीं, बल्कि अपने गीत संगीत अनुभव से उन्होंने "पहला सुर", "काव्यनाद" और "सुनो कहानी" जैसी अलबमों और अनेकों संगीत आधारित योजनाओं के निर्माण में भी रचनात्मक सहयोग दिया, और हिंदी की सबसे लोकप्रिय संगीत वेब साईटों (आवाज़, और रेडियो प्लेबैक इंडिया) का कुशल संचालन भी किया. अपने ५ वर्षों के सफर में सजीव ने इन्टरनेट पर सक्रिय बहुत से कलाकारों के साथ जुगलबंदी की हैं. आज सुनिए उन्हीं की जुबानी उनके अब तक के संगीत सफर की दास्तान, उन्हें के रचे गीतों की चाशनी में लिपटी...