जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा....सुनिए समृद्ध भारत की कहानी राजेंद्र कृष्ण की जुबानी
ओल्ड इस गोल्ड शृंखला # 722/2011/162 आ ज स्वतन्त्रता दिवस के पावन पर्व पर आप सब संगीत-प्रेमियों को ‘आवाज़’ परिवार की ओर से बहुत-बहुत बधाई। आज के पावन दिन को ही ध्यान में रख कर हम ‘ओल्ड इज गोल्ड’ स्तम्भ पर श्रृंखला ‘वतन के तराने’ प्रस्तुत कर रहे हैं। दोस्तों, इस श्रृंखला में हम गीतों के बहाने कुछ ऐसे महान स्वतन्त्रता सेनानियों की चर्चा कर रहे हैं जिन्होने विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की बलि चढ़ा दी। आज के अंक में हम वीरांगना लक्ष्मीबाई के त्याग और बलिदान का स्मरण करेंगे और एक प्यारा सा गीत सुनेंगे, जिसमें अपने राष्ट्रीय गौरव का गुण-गान किया गया है। 19नवम्बर, 1835 को काशी (वाराणसी) में महाराष्ट्रीय ब्राह्मण मोरोपन्त और भगीरथ बाई के घर एक विलक्षण कन्या का जन्म हुआ। कन्या का नाम रखा गया- मनु। मनु के जन्म के कुछ ही समय बाद मोरोपन्त के आश्रयदाता चिमोजी अप्पा का निधन हो गया। चिमोजी अप्पा बिठूर (कानपुर) में निर्वासित जीवन बिता रहे पेशवा बाजीराव के भाई थे। अपने समय के सशक्त पेशवा का परिवार अंग्रेजों के षड्यंत्रके कारण ही छिन्न-भिन्न होकर अलग-अलग स्थानों पर निर्वा