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नसीहतों का दफ्तर - मुंशी प्रेमचंद

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "नसीहतों का दफ्तर" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने नीलम मिश्रा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी "बूढी काकी" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कथा " नसीहतों का दफ्तर ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 22 मिनट है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी एक रोज जब अक्षयकुमार कचहरी से आये तो सुन्दर और हँसमुख हेमवती ने एक रंगीन लिफाफा उनके हाथ में रख दिया। उन्होंने देखा तो अन्दर एक बहुत नफीस गुलाबी रंग का निमंत्रण था। (

पञ्च परमेश्वर (मुंशी प्रेमचंद)

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने  अनुराग शर्मा  के स्वर में ज्योत्सना सिंह की कहानी ' भावनाओं का सम्बल ' सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक प्रेरक कथा पञ्च परमेश्वर जिसे स्वर दिया है  अनुराग शर्मा  ने। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्में भी बनी हैं और अनेक रेडियो व टीवी कार्यक्रम भी। उनकी पहली हिन्दी कहानी सरस्वती पत्रिका के दिसंबर 1915 के अंक में &quo

शंखनाद - मुंशी प्रेमचंद

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "शंखनाद" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी "विजय" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कथा " शंखनाद ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 17 मिनट 54 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी इस तरह की सभाऍं कितनी ही बार हो चुकी थीं, परन्तु इस देश की सामाजिक और राजनीतिक सभाओं की तरह इसमें भी कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता था। ( प्रेमचंद की "शंखनाद" से एक अंश ) नी

प्रेमचंद की कथा बंद दरवाज़ा

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में  अशोक भाटिया  की लघुकथा  पापा जब बच्चे थे  का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, उषा छाबड़ा  के स्वर में मुंशी प्रेमचंद की कथा बंद दरवाज़ा । बंद दरवाज़ा  का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 40 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।       प्रेमचंद के जन्मदिन 31 जुलाई पर विशेष प्रस्तुति मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह सुनिए हिन्दी में एक नयी कहानी उसकी शरारतें शुरू हो गईं। कभी कलम पर हाथ बढाया कभी कागज़ पर। ( प्रेमचंद की 'बंद दरवाज़ा' स

प्रेमचंद के जन्मदिन पर विशेष "झाँकी"

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "झाँकी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अमिताभ मीत की आवाज़ में सआदत हसन मंटो की कहानी "आँखें" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की कहानी " झांकी ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 44 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) मुंशी प्रेमचंद के जन्मदिन ३१ जुलाई पर विशेष प्रस्तुति सेठ घूरेलाल उन आदमियों में हैं, जिनका प्रात: को नाम ले लो, तो दिन-भर भोजन न मिले। उनके मक्खीचूसपने की सैकड़ों ही दंतकथाऍं नगर में प्रचलित हैं। ( प्रेमचंद की "झ

स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर मुंशी प्रेमचंद की विशेष कहानी

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "कातिल" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने भीष्म साहनी के जन्मदिन पर अनुराग शर्मा की आवाज़ में विशेष कहानी "चीफ़ की दावत" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की स्वाधीनता संग्राम की पृष्ठभूमि में लिखी गयी देशभक्त माँ-बेटे की द्वंद्वात्मक और मार्मिक कथा " कातिल ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 28 मिनट 16 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष प्रस्तुति यह विधवा बड़ी सच

रसिक संपादक - प्रेमचंद

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सर्वेश तिवारी "श्रीमुख" की लघुकथा " दंगा " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी रसिक संपादक जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत कथा का गद्य " हिन्दी समय " पर उपलब्ध है। " रसिक संपादक " का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 55 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं  ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "क्या तुम समझते हो मुझे छोड़कर भाग जाओगे?”  ( मुंशी प्रेमचंद कृत "रसिक

सुनो कहानीः प्रेमचंद की कहानी अमृत का पॉडकास्ट

प्रेमचंद की उर्दू कहानी 'अमृत' का प्रसारण 'सुनो कहानी' के स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की ही आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट। मूलतः उर्दू में लिखी गयी यह कहानी ‘प्रेम पचीसी’ से ली गयी है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाउनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें। #Fifth Story, Amrit: Munsi Premchand/

प्रेमचंद की कहानी 'अनाथ लड़की' का पॉडकास्ट

सुनो कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'अनाथ लड़की' का पॉडकास्ट 'सुनो कहानी' के स्तम्भ के तहत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह आपने सुना था अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी 'अंधेर' का पॉडकास्ट। आज हम लेकर आये हैं अनुराग की ही आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी 'अनाथ लड़की' का पॉडकास्ट। सुनें और बतायें कि कहाँ क्या कमी रह गई? आपको अच्छा लगा तो कितान और बुरा लगा तो कितना? नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं, तो यहाँ देखें। #Second Story, Anath Ladaki: Munsi Premchand/Hindi Audio Book/2008/03. Voice: Anuraag Sharma

19वाँ विश्व पुस्तक मेला में होगा आवाज़ महोत्सव, ज़रूर पधारें

हिन्द-युग्म साहित्य को कला की हर विधा से जोड़ने का पक्षधर है। इसलिए हम अपने आवाज़ मंच पर तमाम गतिविधियों के साथ-साथ साहित्य को आवाज़ की विभिन्न परम्पराओं से भी जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में हमने प्रेमचंद की कहानियों को 'सुनो कहानी' स्तम्भ के माध्यम से पॉडकास्ट करना शुरू किया ताकि उन्हें इस माध्यम से भी संग्रहित किया जा सके। 19वाँ विश्व पुस्तक मेला जो प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 30 जनवरी से 7 फरवरी 2010 के मध्य आयोजित हो रहा है, में हिन्द-युग्म प्रेमचंद की 15 कहानियों के एल्बम 'सुनो कहानी' को जारी करेगा। इसी कार्यक्रम में जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर, मैथिलीशरण गुप्त की प्रतिनिधि कविताओं के संगीतबद्ध एल्बम ‘काव्यनाद’ का लोकार्पण भी होगा। उल्लेखनीय है कि 18वें विश्व पुस्तक मेला में भी हिन्द-युग्म ने इंटरनेट की हिन्दी दुनिया का प्रतिनिधित्व किया था और अपने पहला उत्पाद के तौर पर कविताओं और संगीतबद्ध गीतों के एल्बम 'पहला सुर' को जारी किया था। सन् 2008 में इंटरनेट पर हिन्दी का जितना बड़ा संसार

बूढ़ी काकी - प्रेमचंद

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचंद की "बूढी काकी" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में मुंशी प्रेमचन्द की कहानी "कातिल" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द की मार्मिक कथा " बूढ़ी काकी ", जिसको स्वर दिया है नीलम मिश्रा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 12 मिनट 28 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) स्वतन्त्रता दिवस पर विशेष प्रस्तुति ( प्रेमचंद की "बूढ़ी काकी" से एक अंश ) बूढ़ी काकी की कल्पना में पूड़ियों की तस्वीर नाचने लगी। ख़ूब लाल-लाल, फूली-फूली, नरम-नरम होंगीं। रूपा ने भली-भाँति

प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट

सुनो कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट आवाज़ पर 'सुनो कहानी' के इस नियमित स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह शिक्षक दिवस के अवसर पर आपने सुना था शोभा महेन्द्रू, शिवानी सिंह एवं अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी ' प्रेरणा' का पॉडकास्ट। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) (Broadband कनैक्शन वालों के लिए) (Dial-Up कनैक्शन वालों के लिए) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवा

निर्वासन (बोलती कहानियाँ सीज़न 1) पॉडकास्ट # 13

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ ' बोलती कहानियाँ ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। बोलती कहानियाँ (सीज़न 1) केे पॉडकास्ट # 13 में आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक मर्मस्पर्शी कथा " निर्वासन ", अर्चना चावजी और अनुराग शर्मा के स्वर में। हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "पहले यह बताओ तुम इतने दिनों से कहाँ रहीं, किसके साथ रहीं, किस तरह रहीं और फिर यहाँ किसके साथ आयीं?" ( मुंशी प्रेमचंद की "निर्वासन" से एक अंश ) यूट्यूब पर जियो सावन एंकर पर सुनिये ऐपल पॉडकास्ट स्पॉटिफ़ाइ पर सुनिये एमेज़ॉन म्यूज़िक प्राइम गूगल पॉडकास्ट पर सुनिये एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्र

मुंशी प्रेमचंद स्त्री और पुरुष

इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में मुनीश शर्मा की कथा " लघु बोधकथा " सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी स्त्री और पुरुष जिसे स्वर दिया है माधवी चारुदत्ता ने। प्रस्तुत व्यंग्य का गद्य " भारत डिस्कवरी " पर उपलब्ध है। " स्त्री और पुरुष " का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 26 सेकंड है। सुनिए और बताइये कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं  ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी "उन्होंने उस सुंदरी की कल्पना करनी शुरू की जो उनके हृदय की रानी होगी; उसम

मुंशी प्रेमचंद की कहानी "खून सफ़ेद"

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में शोभा रस्तोगी "शोभा" की लघुकथा " कत्ल किसका " का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "खून सफ़ेद" जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी "खून सफ़ेद" का कुल प्रसारण समय 30 मिनट 33 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी पादरी मोहनदास खेमे से बाहर निकले तो साधो उन्हें खड़ा दिखाई दिया ( मुंशी प्रेमचंद की कहानी "खून सफ़ेद" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाऊनलोड कर लें: खून सफ

सुनो कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'पर्वत-यात्रा'

प्रेमचंद की कहानी 'पर्वत-यात्रा' का पॉडकास्ट 'सुनो कहानी' के स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियों का पॉडकास्ट। अभी पिछले सप्ताह ईद के अवसर पर आपने सुना था अनुराग शर्मा की आवाज़ में प्रेमचंद की कहानी ' ईदगाह ' का पॉडकास्ट। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की आवाज़ में उपन्यास सम्राट प्रेमचंद की कहानी ' पर्वत-यात्रा ' का पॉडकास्ट। यह रचना सन १९२९ के अप्रैल महीने में माधुरी में प्रकाशित हुई थी। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' पर क्लिक करें।) (Broadband कनैक्शन वालों के लिए) (Dial-Up कनैक्शन वालों के लिए) यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंकों से डाऊनलोड कर लें (ऑडियो फ़ाइल तीन अलग-अलग फ़ॉरमेट में है, अपनी सुविधानुसार कोई एक फ़ॉरमेट चुनें) VBR MP3 64Kbps MP3 Ogg Vorbis आज भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अ

मुंशी प्रेमचंद की मर्मस्पर्शी कहानी कायर

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में सुदर्शन प्रियदर्शिनी की कहानी " देशांतर " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की मर्मस्पर्शी कहानी कायर  जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी "कायर" का कुल प्रसारण समय 27 मिनट 9 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी “न जाने कहाँ से यह कुलच्छीनी मेरे कोख में आई।”  ( मुंशी प्रेमचंद रचित "कायर" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर

ऑडियो: मुंशी प्रेमचन्द की निर्वासन

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में घुघूतीबासूती के व्यंग्य ओह! का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मुंशी प्रेमचंद की हृदयविदारक कहानी "निर्वासन" , जिसको स्वर दिया है अर्चना चावजी और अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 14 मिनट 20 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा का टेक्स्ट सत्यार्थमित्र ब्लॉग पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी "तुम इतने दिनों कहाँ रहीं, किसके साथ रहीं, किस तरह रहीं और फिर यहाँ किसके साथ आयीं?"  ( प्रेमचंद की "निर्वासन" से एक अंश ) न

सुनो कहानी: इस्तीफा

मुंशी प्रेमचन्द की "इस्तीफा" 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की कहानी फ़र्क का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "इस्तीफा" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय 21 मिनट 00 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी बेचारे दफ्तर के बाबू को आप चाहे ऑंखे दिखायें, डॉँट बतायें, दुत्कारें या ठोकरें मारों, उसक माथे पर बल न आयेगा। उसे अपने विकारों पर जो अधिपत्य होता हे, वह शायद किसी संयमी साधु में भी न हो। संतोष का पुतला, सब्र की

मुंशी प्रेमचंद की अमर रचना दो बैलों की कथा

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा के स्वर में पुरुषोत्तम पाण्डेय की कहानी " लातों का देव " का पाठ सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी दो बैलों की कथा जिसे स्वर दिया है अर्चना चावजी ने। कहानी "दो बैलों की कथा" का गद्य भारत डिस्कवरी पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 26 मिनट 50 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ ... मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी “गधा सचमुच बेवकूफ है या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका