'बोलती कहानियाँ' स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको हिन्दी में मौलिक व अनूदित नई पुरानी, रोचक कहानियाँ सुनवा रहे हैं। पिछली बार आपने हिन्दी के प्राख्यात साहित्यकार जयशंकर प्रसाद की मर्मस्पर्शी लघुकथा " खंडहर की लिपि " का पॉडकास्ट अर्चना चावजी के स्वर में सुना था। आज हम लेकर आये हैं अनुराग शर्मा की चुटीली लघुकथा " खान फ़िनॉमिनन ", लेखन और वाचन अनुराग शर्मा द्वारा। कहानी " खान फ़िनॉमिनन " का आलेख बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है। इस प्रस्तुति का कुल प्रसारण समय 5 मिनट 34 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो देर न करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमें admin@radioplaybackindia.com पर संपर्क करें। तानाशाहों की वैचारिकी उनके हथियारबंद गिरोहों द्वारा ज़बरदस्ती मनवा ली जाती है, विचारकों की तानाशाही को तो उनकी अपनी संतति भी घास नहीं डालती। ~ अनुराग शर्मा "बोलती कहानियाँ"...