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सिने पहेली # 39 - भगत सिंह विशेष

सिने-पहेली # 39  (29 सितंबर, 2012)  'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। दोस्तों, कल 28 सितंबर स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर का जनमदिन था, यह तो आप सभी ने याद रखा होगा। हमने भी 'सिने पहेली' में पिछले सप्ताह उनके गाये गीतों पर अपनी पहेली को केन्द्रित किया। पर क्या आपको पता है कि 28 सितंबर को शहीदे आज़म सरदार भगत सिंह की भी जयन्ती होती है। बहुत ही अफ़सोस की बात है कि बहुत कम लोगों को इस बात का पता है। आज के इस 'सिने पहेली' की शुरूआत हम शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए कर रहे हैं। और अब 'सिने पहेली' संबंधित कुछ ज़रूरी बातें। इस प्रतियोगिता के जवाब ई-मेल द्वारा प्राप्त किए जाने की वजह से कुछ प्रतियोगियों ने इसकी पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। जो प्रतियोगी भाग लेते हैं, उनके शारीरिक अस्तित्व को लेकर भी संदेह व्यक्त हुआ है। हालाँकि 'सिने पहेली' के प्रस्तुतकर्ता इसमें ख़ास कुछ कर नहीं सकते, पर आप सभी खिलाड़ियो

'सिने पहेली' आज स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर के नाम

सिने-पहेली # 38   (22 सितंबर, 2012)  'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। एक आवाज़ है जो पिछले सात दशकों से दुनिया की फ़िज़ाओं में गूंज रही है। यह वह स्वरगंगा है जिसमें जिसने भी डुबकी लगाई, उसने ही तृप्ति पायी। नाद की इस अधिष्ठात्री की आवाज़ में संगम की पवित्रता है जो हर मन को पवित्र कर देती है। इस स्वरधारा में कभी नदिया का अल्हड़पन है तो कभी झरने की चंचलता, और कभी उन्मुक्त व्योम में मन को लीन कर देने वाली शक्ति है इस आवाज़ में। यह स्वर एक ऐसा अतिथि है जिसे दुनिया के किसी भी घर में प्रवेश करने के लिए किसी के अनुमति की ज़रूरत नहीं पड़ती। यह स्वर एक साथ करोड़ों घरों में गूंजती है, हर रोज़। हम कितने ख़ुशनसीब हैं कि हमने अपने जीवन काल में इस आवाज़ का रस पान किया। अफ़सोस तो उन लोगों के लिए होता है जो इस आवाज़ के आने से पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके थे। अमृत पर तो केवल देवताओं का अधिकार है, पर इस स्वर का अमृत सभी के लिए है। जिसने भी इसका रस पान किया, मुग्ध हो

'सिने पहेली' में जारी है घमासान, प्रतियोगिता में आया एक रोचक मोड़

सिने-पहेली # 37 (15 सितम्बर, 2012)   'रे डियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। चौथे सेगमेण्ट के अंतिम चार कड़ियों में हम आ पहुँचे हैं। जैसा कि हमने पहले कहा था कि हर सेगमेण्ट की पहली पाँच कड़ियाँ आसान होंगी, और बाद की पाँच कड़ियाँ होंगी थोड़ी मुश्किल, पिछले सप्ताह की पहेली से आपको इस बात का अंदाज़ा लग गया होगा। पिछले सप्ताह अन्य सप्ताहों के मुकाबले हमें कम प्रतियोगियों ने जवाब भेजे हैं जिससे हमें निराशा हुई है। भले आपको सारे जवाब न आते हों, पर कम से कम जितने आते थे, उतने तो लिख भेज ही सकते थे न? यह ज़रूरी नहीं कि हर प्रतियोगी विजेता बने, यह संभव भी नहीं, पर जो बात विजेता बनने से ज़्यादा ज़रूरी है, वह है प्रतियोगिता में बने रहना, प्रतियोगिता में भाग लेना, एक खिलाड़ी की तरह मैदान में अंत तक डटे रहना। हम अपने सभी प्रतियोगियों से निवेदन करते हैं कि अगर सारे जवाब मालूम भी न हों तो कम से कम कोशिश तो करें, जितने जवाब आते हों, उन्हें तो कम से कम लिख भेजें। याद रहे

'सिने पहेली' में आइए आज मनायें आशा जी का जनमदिन....

सिने-पहेली # 36  (8 सितंबर, 2012)  'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का आपके मनपसंद स्तंभ 'सिने पहेली' में। आज 8 सितंबर है। आम लोगों के लिए शायद यह दिन स्मरणीय न हो, पर फ़िल्म-संगीत के जानकारों के लिए आज के दिन की अहमियत बहुत है। आज है पार्श्वगायिका आशा भोसले का जनमदिन। इसलिए आज की सिने पहेली आशा जी के नाम। दिल की गहराई में उतरने वाली, हर भाव, हर रंग को उजागर करने वाली आवाज़ है आशा जी की। उनकी आवाज़ की अगर हम तारीफ़ करें तो शायद शब्द भी फीके पड़ जाये उनकी आवाज़ की चमक के सामने। और यह चमक दिन-ब-दिन बढ़ती चली गई है अलग-अलग रंग बदलकर, ठीक वैसे जैसे कोई चित्रकार अलग-अलग रंगों से अपने चित्र को सुंदरता प्रदान करता चला जा रहा हो। आशा जी की आवाज़ ऐसी है कि कभी शराब और सुरूर की मादकता है तो कभी माँ की लोरी की ममता। वेदना और उदासी भरे गीतों में भी जान डाल देती है उनकी आवाज़। उनके पुराने गानों में भावों की गहराई को उन्होंने ऐसी सुंदरता से व्यक्त किया है कि उनकी आवाज़ के भोलेपन से सहसा विश्वास

आज की 'सिने-पहेली' में है नंबरों का खेल....

सिने-पहेली # 35 (1 सितम्बर, 2012) 'रे डियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'सिने पहेली' स्तंभ में। दोस्तों, इस सप्ताह 'सिने पहेली' परिवार के साथ जुड़े हैं बीकानेर, राजस्थान से महेंद्र कुमार रंगा । महेंद्र जी, आपका हार्दिक स्वागत है इस प्रतियोगिता में और निवेदन है कि आगे भी नियमित रूप से 'सिने पहेली' में भाग लें और अन्य खिलाड़ियों को अच्छी टक्कर देकर प्रतियोगिता को और रोचक बनाएँ। तो इस तरह से बीकानेर से कुल तीन प्रतियोगी जुड़ चुके हैं इस प्रतियोगिता में, अन्य दो खिलाड़ी हैं गौतम केवलिया और विजय कुमार व्यास। दोस्तों, आज 1 सितंबर है, यानी कि साल के आख़िर के चार महीने शुरू हो गए हैं। और इस तरह से 'सिने पहेली' के सफ़र में हम और आप, एक साथ आठ महीने चलते चले आ रहे हैं। आपका और हमारा साथ यूं ही बना रहे, आप यूं ही हमारी पहेलियों को सुलझाते रहें, इस खेल को यूं ही मज़ेदार और ज्ञानवर्धक बनाये रखें, यही आप सब से हमारा निवेदन है। 'सिने पहेली' में हम हमेशा ही कोशिश करते रहे हैं विविध

अमरीका और यू.ए.ई के बाद अब 'सिने पहेली' के प्रतियोगी रूस से भी...

सिने-पहेली # 34 (25 अगस्त, 2012)  'रे डियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'सिने पहेली' स्तंभ में। दोस्तों, इस सप्ताह 'सिने पहेली' परिवार के साथ जुड़े हैं दो नए खिलाड़ी - आप हैं मॉस्को, रूस से शुभदीप चौधरी और कोल्हापुर, महाराष्ट्र से मंदार नारायण । आप दोनों का हार्दिक स्वागत है इस प्रतियोगिता में और निवेदन है कि आगे भी नियमित रूप से 'सिने पहेली' में भाग लें और अन्य खिलाड़ियों को अच्छी टक्कर देकर प्रतियोगिता को और रोचक बनाएँ।  दोस्तों, 'सिने पहेली' से मनोरंजन तो होता ही है, साथ में ज्ञान भी बढ़ता है। पर आप यह न समझिए कि सिर्फ़ पाठकों या फिर प्रतियोगियों का ज्ञान बढ़ता है, बल्कि 'सिने पहेली' के संचालक दल का, और ख़ास तौर से मेरा ज्ञान भी बढ़ता है, और कई बार तो प्रतियोगियों के माध्यम से भी। अब देखिए न, पिछले अंक में मैंने एक सवाल पूछा था कि किस गायक के साथ किशोर कुमार ने गीत गाया है। यह सवाल मैंने अभिजीत को ध्यान में रख कर किया था; विकल्पों में अभिजीत के अलावा कुमार

जुड़िये 'सिने पहेली' से, और जीतिये 5000 रुपये का नकद इनाम...

सिने-पहेली # 33 (18 अगस्त, 2012)  'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार, और स्वागत है आप सभी का 'सिने पहेली' स्तंभ में। दोस्तों, एक और सप्ताह का समापन हुआ चाहता है। आजकल अधिकतर दफ़्तरों में शनिवार को छुट्टी होती है, पिछले पाँच दिनों की भागादौड़ी के बाद दो दिन मिलता है अपने लिए, अपने शौक पूरे करने के लिए, मनोरंजन के लिए। और तभी तो हम शनिवार की सुबह आपके लिए लेकर आते हैं 'सिने पहेली' का यह मज़ेदार खेल। हाँ, यह सच है कि इसमें ज़रा दिमाग़ पे ज़ोर डालना पड़ता है, पर इसमें भी एक मज़ा है और यकीनन इन पहेलियों को सुलझाते हुए आप रोज़-मर्रा के तनाव को थोड़ा कम कर पाते होंगे, ऐसा मेरा अनुमान है। 'सिने पहेली' का चौथा सेगमेण्ट जारी है, और इस सेगमेण्ट की तीसरी कड़ी है, अर्थात् 'सिने पहेली' की 33-वीं कड़ी। आज की पहेलियों को फेंकने से पहले हम दोहरा देते हैं कि किस तरह से आप बन सकते हैं 'सिने पहेली' के महाविजेता। कैसे बना जाए 'सिने पहेली महाविजेता? 1. सिने पहेली प्रतियोगिता में होंगे कुल 100