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'सिने पहेली' में आज संवादों के स्वर...

सिने पहेली –99 'सिने पहेली' के सभी प्रतियोगियों व पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार! दोस्तों, आज 'सिने पहेली' का 99-वाँ अंक है और हम अपनी मंज़िल के बहुत ही करीब आ गये हैं। आज और अगली कड़ी के साथ दस सेगमेण्ट्स का यह सुहाना सफ़र समाप्त हो जायेगा और हमें मिल जायेंगे 'महाविजेता' बनने के महामुक़ाबले के पाँच महारथी। दोस्तों, इस महासफ़र में हमने आप से न जाने कितनी तरह की पहेलियाँ पूछीं हैं, और आप सब ने हर पहेली का समाधान ढूंढ ही निकाला, और यह साबित किया कि मेहनत, लगन और सूझ-बूझ से काम लें तो किसी भी पहेली को सुलझाया जा सकता है। इससे हमें अपनी ज़िन्दगी के लिए भी यही शिक्षा मिलती है कि मुश्किल की घड़ी में समझदारी, मेहनत और धैर्य से काम लेने पर हर उलझन, हर मुश्किल पर विजय प्राप्त किया जा सकता है। चलिए अब शुरू करते हैं आज की पहेली। आज की पहेली : सुरीले संवाद आज की पहेली में हम आप के सामने रखेंगे कुछ संवाद जिन्हें कलाकारों ने या तो गीतों के बीच कहे हैं, या फिर इन संवादों को कविता या महज़ संवादों के रूप में ह

आज विशेष प्रस्तुति दुर्गा महाअष्टमी पर

नवरात्रि पर्व पर विशेष प्रस्तुति   या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तस्यै , नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो नमः   प्रिय मित्रों, इन दिनों पूरे देश में नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। दस दिनों के इस महाउत्सव का आज आठवाँ दिन है। इस दिन की महत्ता का अनुभव करते हुए हम आज के निर्धारित स्तम्भ 'सिने पहेली' के स्थान पर यह विशेष अंक प्रस्तुत कर रहे हैं। 'सिने पहेली' का अगला अंक अब अगले शनिवार को प्रकाशित होगा। जिन प्रतियोगियों ने पिछली पहेली का अभी तक जवाब नहीं भेजा है, वो अपना जवाब हमें बृहस्पतिवार शाम 5 बजे तक भेज सकते हैं।  'सिने पहेली' के स्थान पर श्री श्री दुर्गा महाअष्टमी के पवित्र उपलक्ष्य पर आइए 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के आर्काइव से एक अनमोल पोस्ट का दोबारा स्वाद लें, जो 'ओल्ड इज़ गोल्ड शनिवार विशेष' के अन्तर्गत 16 दिसम्बर 2010 को प्रकाशित किया गया था। लावण्या शाह दोस्तों, हमने महान कवि, दार्शनिक और गीतकार पण्डित नरेन्द्र शर्मा जी की सुपुत्री श्रीमती लावण्या शाह जी से सम्पर्क किया कि वो अ

आज की 'सिने पहेली' लता जी के नाम...

सिने पहेली – 82     "मुझसे चलता है सर-ए-बज़्म सुखन का जादू चाँद ज़ुल्फ़ों के निकलते है मेरे सीने से, मैं दिखाता हूँ ख़यालात के चेहरे सब को सूरतें आती हैं बाहर मेरे आईने से। हाँ मगर आज मेरे तर्ज़-ए-बयां का यह हाल अजनबी कोई किसी बज़्म-ए-सुखन में जैसे, वो ख़यालों के सनम और वो अल्फ़ाज़ के चाँद बेवतन हो गए हों अपने ही वतन में जैसे। फिर भी क्या कम है, जहाँ रंग न ख़ुशबू है कोई तेरे होंठों से महक जाते हैं अफ़कार मेरे, मेरे लफ़्ज़ों को जो छू लेती है आवाज़ तेरी सरहदें तोड़ के उड़ जाते हैं अशार मेरे। तुझको मालूम नहीं, या तुझे मालूम भी हो वो सियाह बख़्त जिन्हें ग़म ने सताया बरसों, एक लम्हे को जो सुन लेते हैं तेरा नग़मा फिर उन्हें रहती है जीने की तमन्ना बरसों। जिस घड़ी डूब के आहंग में तू गाती है आयतें पढ़ती है साज़ों की सदा तेरे लिए, दम बदम ख़ैर मनाते हैं तेरी चंग-ओ-रबाब सीने नये से निकलती है दुआ तेरे लिए। नग़मा-ओ-साज़ के ज़ेवर से रहे तेरा सिंगार हो तेरी माँग में तेरी ही सुरों की अफ़शां, तेरी तानों से तेरी आँख में काजल की लकीर हाथ म

'सिने पहेली' में आज आप पर फेंक रहे हैं गीतों भरी गूगली

सिने पहेली – 81     'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, एक लम्बे अन्तराल के बाद मैं वापस 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के मंच पर उपस्थित हुआ हूँ, और 'सिने पहेली' में वापस आकर मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। सबसे पहले मैं अमित तिवारी जी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में 'सिने पहेली' के सफ़र को जारी तो रखा ही, इसके मिज़ाज को ज़रा सा भी ठंडा नहीं पड़ने दिया और इस मुकाबले की रोचकता को बनाये रखा। पिछले दिनों सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने के सुझाव पर मतभेद सामने आया है। अत: हमारे सम्पादक मण्डल ने सर्वसम्मति से सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। साथ ही यह निर्णय लिया है कि अब 'सिने पहेली' की समाप्ति तक इसके किसी भी नियम में न तो फेर-बदल किये जायेंगे और न ही कोई नया नियम लागू होगा। आशा है इस फ़ैसले का सभी प्रतियोगी समर्थन करेंगे। आइए सबसे पहले आपको बतायें पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों के सही जवाब...

सिने पहेली – 80 - गीत अपने धुन पराई

सिने पहेली – 80     दोस्तों सिने पहेली के आठवें सेगमेंट की अंतिम कड़ी में सभी प्रतियोगियों का स्वागत है.   हिन्दी संगीतकारों पर अकसर आरोप लगता है कि वो विदेशी गानों से धुनें चुरा कर संगीत रचते हैं. हिन्दी संगीतकार इसे प्रेरणा का नाम देते हैं.  आज की  पहेली इसी पर आधारित है. हम आपको कुछ विदेशी गाने सुनाएँगे. आपको  इन विदेशी गानों को  पहचानना है और साथ ही वह हिन्दी फ़िल्मी गीत जो इन गानों  से प्रेरित है.  विदेशी गाने के लिए 1 अंक और हिन्दी गाने के लिए 1 अंक. हर सवाल के 2 अंक हैं और इस तरह यह अंक 20 अंको का है.  इस बार के सरताज विजेता हैं प्रकाश गोविन्द जी. बहुत बहुत बधाई आपको. अभी तक  प्रकाश जी बढ़त बनाये हुए हैं लेकिन पंकज मुकेश जी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. अगले अंक में हमें इस सेगमेंट का विजेता मिल जायेगा.  आ ज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ। इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं। इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ देर नहीं हुई है

सिने पहेली – 79 - आशा भोसले पर आधारित

सिने पहेली – 79     साथियों 8  सितम्बर यानि कल गायिका आशा भोसले का जन्मदिवस है. सिने पहेली के 79   वें अंक में आज हम आपको उन्हीं के गाये कुछ युगल  गीतों  पर आधारित पहेली लेकर आये हैं। प्रथम तीन गीतांशों को सुन कर आपको उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने हैं। पिछले अंक में वापस विवाद खड़ा हुआ. कुछ लोगों का मानना है कि आयोजक किसी व्यक्ति विशेष को विजेता बनवाना चाहते हैं। अगर ऐसा होता तो शायद अभी तक कोई एक प्रतियोगी ही सारे सेगमेंट में बढत बनाये रहता। यहाँ किसी का कोई व्यकितगत हित नहीं है। हम लोग भी आप जैसे ही हैं और आप लोगों की तरह ही ये साईट भी हमारा शौक और जूनून है। आपकी आलोचनाओं से हमें कोइ शिकायत नहीं है बल्कि ये हमारे लिये कुछ बेहतर करने की प्रेरणा है। इस सेगमेंट में मिनेसोटा से दिनेश कृष्णजोएस जी जुड़े हैं। स्वागत है आपका। आ ज की पहेली के लिए आप सबको शुभकामनाएँ। इस बार के प्रतियोगियों के अंक आप सवालों के बाद देख सकते हैं। इस अंक से प्रतियोगिता में जुड़ने वाले नये खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए हम उन्हें यह भी बताना चाहेंगे कि अभी भी कुछ दे