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"संगीत से जुड़े सभी लोग एक बड़े परिवार के जैसे हैं" -श्रध्दा भिलावे : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (18) फि ल्म संगीत जगत में महिलाओं का दखल अधिकतर पार्श्व गायन तक ही सीमित है. गीतकार और संगीतकार श्रेणी में मात्र गिनती की इतनी ही महिलायें हैं, जितनी हम उँगलियों पे गिन सके. ऐसे में एक युवा कवियित्री का गीत लेखन की दुनिया में आना एक शुभ संकेत है. लीजिये आज मिलिए गीतकारा श्रध्दा भिलावे से, जिन्होंने हाल ही में प्रदर्शित फिल्म "सेवन अवर्स टू गो" से गीत लेखन की शुरुआत की है. मिलिए श्रध्दा भिलावे से और जानिये उनकी इस पहली फिल्म का अनुभव.  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

"कुछ भी पाने के लिए अपने मकसद के प्रति एक नशा, एक पागलपन, एक जूनून होना चाहिए" -सलीम दीवान : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (17) Actor Salim Diwan  दो स्तों इस कार्यक्रम अब तक हमने आपकी मुलाकात अधिकतर संगीत पक्ष से जुड़े कलाकारों से करवाई है, मगर आज हम आपको फिल्म के बेहद महत्वपूर्ण पक्ष यानी अभिनय से जुड़े एक प्रतिभावान कलाकार से मिलवाने जा रहे हैं. "बॉलीवुड डायरिस" से अभिनय जगत में प्रवेश करने वाले अभिनेता सलीम दीवान हैं हमारे आज के ख़ास मेहमान. तो मिलते हैं सलीम दीवान से और जानते हैं उनके जीवन और अब तक के करियर से जुडी कुछ ख़ास बातें.... एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

"हमारे देश में बहुत सारा टेलेंट है और उन्हें मौके मिलने चाहिए" -सिद्धार्थ बसरूर : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (16) Siddharth Basrur हौं टड ३, कट्टी बट्टी, फोबिया, हैप्पी एंडिंग, और अभी हाल ही में रमन राघव २.० में पर्व्श्गायन कर गायक सिद्धार्थ बसरूर में गायन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बना ली है. राम संपत, शंकर एहसान लोय, और सचिन जिगर जैसे बड़े संगीतकारों के साथ काम  कर चुके सिद्धार्थ है हमारे आज के ख़ास मेहमान, मिलिए इस उभरते हुए गायक से "एक मुलाकात ज़रूरी है" के आज के एपिसोड में.  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप  यहाँ  से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

"अच्छा लगता है जब पब्लिक आपके काम को पसंद करती है" -बबली हक : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (15) संगीतकार बबली हक़  आ ज के एपिसोड में मिलिए उभरते हुए संगीतकार बबली हक से, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत "बेजुबान इश्क" नाम की फिल्म से की और अभी हाल ही में प्रदर्शित रणदीप हूडा और काजल अग्रवाल अभिनीत फिल्म "दो लफ़्ज़ों की कहानी" में इनका रचा गीत "जीना मरना" बेहद लोकप्रिय हो रहा है. मूलरूप से आसाम के बबली पिछले लगभग १२-१३ सालों से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में सक्रीय हैं, मिलिए और जानिये इस प्रतिभावान कलाकार और भी करीब से...  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

"संगीत से जुडी हर बात मुझे आकर्षित करती है" - आश्विन भंडारे : एक मुलाक़ात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (14) आ ज के एपिसोड में मिलिए गायक, गीतकार और संगीत निर्देशक आश्विन भंडारे से, जिनके संगीत से सजी मराठी फिल्म "वाल्या टू वाल्मीकि" जल्द ही रिलीस होने वाली है, साथ ही बतौर गीतकार इन्होने गीत भी लिखे हैं जल्द ही प्रदर्शित होने जा रही फिल्म "लव यू अलिया" के लिए, जिसमें दक्षिण के सुप्रसिद्ध संगीतकार जास्सी गिफ्ट ने संगीत दिया है. मिलिए आश्विन से जानिये उनके जीवन और संगीत से जुड़े कुछ खट्टे मीठे अनुभव  एक मुलाक़ात ज़रूरी है के इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

"हिमेश जी एक अच्छे संगीतकार ही नहीं एक बहुत नेकदिल इंसान भी है" - संगीतकार आर्व

एक मुलाक़ात ज़रूरी है (13) ए क मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड में मिलये उभरते हुए बेहद प्रतिभवान संगीतकार आशीष विश्वकर्मा उर्फ़ आर्व से....जल्दी ही प्रदर्शित होने वाली फिल्म "खेल तो अब शुरू होगा" का शीर्षक गीत इन्होने स्वरबद्ध किया है, इसके आलावा आर्व बतौर स्वतंत्र संगीतकार अब तक चार फ़िल्में कर चुके हैं. लीजिये सुनिए सजीव सारथी के साथ इस युवा संगीतकार की दिलचस्प बातचीत .   एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस का विकल्प चुने.

"चंद रोज गीत मेरे घर पे ही रिकॉर्ड हुआ था पल्लवी जोशी की आवाज़ में" - संगीतकार रोहित शर्मा

एक मुलाकात ज़रूरी है (12) शि प ऑफ़ थिसियस और बुद्धा इन ए ट्रेफिक जैम जैसी फिल्मों के संगीतकार, और स्वांग ग्रुप के सदस्य रोहित शर्मा हैं आज के हमारे ख़ास मेहमान, कार्यक्रम एक मुलाकात ज़रूरी है में. फैज़ एहमद फैज़ की कालजयी रचना "चंद रोज़ और मेरी जान फ़कत चंद ही रोज़" और "ये गलियों के आवारा बेकार कुत्ते" जैसे गीतों के रचेता रोहित एक लिविंग लेजेंड हैं हमारे बीच. सुनिए ये ख़ास बातचीत और आनंद लें उनके स्वरबद्ध किये इन गीतों का... एक मुलाकात ज़रूरी है के इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस का विकल्प चुनें

"फिल्म का पार्श्व संगीत रचना एक नया मगर दिलचस्प अनुभव रहा"- अमानो मनीष

एक मुलाकात ज़रूरी है (11) दो स्तों आज के हमारे मेहमान है, संगीत साधक अमानो मनीष, मंजे हुए स्लाईड गिटार वादक अमानो ने अभी हाल ही में ओशो के शुरूआती जीवन पर आधारित फिल्म "रेबेलियस फ्लावर" में बतौर संगीत निर्देशक काम किया है. जानिये आज की मुलकात में कि क्यों अमानो ने बहुत युवा उम्र में ही ओशो आश्रम में जाने का निर्णय लिया था, क्यों रहा रेबेलियस फ्लावर उनके लिए एक अनूठा मगर रोचक अनुभव. क्यों वो अध्यात्म और संगीत में बीच खुद को मानते हैं एक सच्चा साधक. और भी बहुत सी रोचक बातें हैं "एक मुलकात ज़रूरी है" के इस एपिसोड में सजीव सारथी के साथ. सुनिए और सुनाईये .... एक मुलाकात ज़रूरी है का ये एपिसोड आप यहाँ से डाउनलोड भी करके सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस चुनें.

"प्रीतम दा के साथ काम करना मेरे लिए कोई 'इतनी सी बात' नहीं" - गीतकार मनोज यादव

एक मुलाकात ज़रूरी है (10) व र्ष २०१६ के पहले ४ महीने में ही "हुआ है आज पहली बार", "मुर्रब्बा" और "इतनी सी बात है" जैसे हिट गीतों के रचनाकार मनोज यादव है आज के हमारे ख़ास मेहमान, कार्यक्रम एक मुलाकात ज़रूरी है में. सुनिए और जानिए क्या है मनोज यादव की कहानी इस सफलता के पीछे की, क्यों बचपन में मनोज हर फूल की चड्डी ढूंढें करते थे, क्यों रहा प्रीतम दा के साथ काम करना उनके लिए इतना ख़ास, और किन संगीतकारों के साथ काम करने के लिए लालायित हैं आज मनोज. आप इस एपिसोड को यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं.

अँखियाँ नूं चैन न आवे...बाबा नुसरत की रूहानी आवाज़ आज महफ़िल ए कहकशां में

महफ़िल ए कहकशां  4 नुसरत फ़तेह अली खान दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, "महफिल ए कहकशां" के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए नुसरत फ़तेह अली खान साहब के रूहानी स्वर में एक जुदाई गीत. मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

"मुझे दो सालों तक राजेश रोशन से मिलने नहीं दिया गया" - गीतकार इब्राहीम अश्क

एक मुलाकात ज़रूरी है (9)  इब्राहीम अश्क  आ ज के हमारे मेहमान एक मशहूर शायर, एक लोकप्रिय गीतकार होने के साथ साथ एक अच्छे खासे अभिनेता भी हैं. सुपर स्टार ह्रितिक रोशन के सुपर स्टारडम में इनके गीतों का बेहद महत्वपूर्ण स्थान रहा है. "कहो न प्यार है". "क्यों चलती है पवन", "सितारों की महफ़िल में", "जादू जादू", "इट्स मेजिक" जैसे ढेर सारे सुपर डुपर हिट गीतों के रचेयता इब्राहीम अश्क साहब पधारे हैं आज हमारी बज़्म में. आईये उन्हीं से जानते हैं कि क्यों उन्होंने अपना तक्कलुस "अश्क" रखा, क्यों उन्हें दो सालों तक संगीतकार राजेश रोशन से मिलने से महरूम रहना पड़ा, क्यों ग़ालिब के किरदार को मंच पर जीवंत करने में उन्हें अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ी, और क्यों अपने "मोहब्बत इनायत" जैसे कामियाब गीत के बावजूद उन्हें एक स्टार गीतकार बनने के लिए ९ सालों का इंतज़ार करना पड़ा.

"गॉड इस ग्रेट, बस इतना ही कहा रहमान जी ने" - हेमा सरदेसाई

एक मुलाकात ज़रूरी है (8) "हि न्दुस्तानी गुडिया" और "पिया से मिलके आये नैन" जैसी एलबम्स से करियर की शुरुआत करने वाली बेहद चुलबुली और अनूठी आवाज़ की मालकिन हेमा सरदेसाई हैं आज की हमारी ख़ास मेहमान कार्यक्रम "एक मुलाकात ज़रूरी है" में. रहमान के संगीत निर्देशन में "आवारा भंवरे" गीत गाने के बाद तो हेमा का नाम घर घर में गूंजने लगा था. अपने दौर के लगभग सभी बड़े संगीतकारों के साथ हेमा ने एक के बाद एक हिट गीत गाये. आईये मिलते हैं हेमा सरदेसाई से और रूबरू होते हैं उनके संगीत सफ़र की दिलचस्प दास्ताँ के कुछ और पहलुओं से.... एक मुलाकात ज़रूरी है कार्यक्रम का ये एपिसोड You Tube पर भी उपलब्ध है...

महफ़िल ए कहकशां - 3 - बम बम बम भोला..! रसन पिया अपनी रचना में गा कर सुनाते हैं शिव पार्वती विवाह वृत्तान्त के समय किस तरह नाग को देख पंडित तक काँप जाते हैं।

महफिले कहकशां (३) उस्ताद अब्दुल रशीद साहब  दो स्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, महफिले कहकशां के रूप में पूजा अनिल और रीतेश खरे  के साथ।  अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए उस्ताद अब्दुल रशीद खान उर्फ़ रसन पिया को श्रद्धांजलि उन्ही की गाई एक बंदिश से।   मुख्य स्वर - पूजा अनिल एवं रीतेश खरे  स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजॉय चटर्जी

"मैं आसाम के एक छोटे शहर से मुंबई आया संगीतकार बनने का सपना लेकर" - बिस्वजीत भट्टाचार्जी

एक मुलाकात ज़रूरी है (7) उ भरते हुए युवा संगीतकार बिस्वजीत भट्टाचार्जी उर्फ़ बिबो हैं आज के हमारे ख़ास मेहमान कार्यक्रम "एक मुलाकात ज़रूरी है" में. अभी हाल ही में आपके संगीत से सजी फिल्म "मुरारी -द मैड जेंटलमैन" प्रदर्शित हुई है. आईये मिलते हैं इस बेहद प्रतिभावान गायक संगीतकार से आज सजीव सारथी के साथ,

एक फिल्म का निर्माण यानी ५ शादियों का काम, जहाँ ५ नहीं सैकड़ों दामादों की फ़ौज हो जिम्मे - हर्षवर्धन ओझा

एक मुलाकात ज़रूरी है (6) हालिया प्रदर्शित "ग्लोबल बाबा" नाम की फिल्म से सफलता के झंडे गाढ़ने वाले एक्सिक्यूटिव प्रोड्यूसर हर्षवर्धन ओझा जी है हमारे आज के ख़ास मेहमान "एक मुलाकात ज़रूरी है" कार्यक्रम में. आईये जानते है उनसे फिल्म निर्माण सम्बन्धी कुछ पहलुओं पर उनके विचार....

अमित कुमार - आर्टिस्ट प्रोफाईल - मेरे ये गीत याद रखना

मेरे ये गीत याद रखना  आज जाने पार्श्व गायक अमित कुमार के सफ़र की दास्ताँ, और सुनें उनके कुछ यादगार गीत, आपके प्रिय आर जे विवेक श्रीवास्तव के साथ

महफ़िल ए कहकशां - 2 रंग वो जिसमे रंगी थी राधा, रंगी थी जिसमे मीरा...

मन्ना डे  महफिले कहकशां - 02 दोस्तों सुजोय और विश्व दीपक द्वारा संचालित "कहकशां" और "महफिले ग़ज़ल" का ऑडियो स्वरुप लेकर हम हाज़िर हैं, महफिले कहकशां के रूप में. पूजा अनिल के साथ अदब और शायरी की इस महफ़िल में आज सुनिए प्रबोध चन्द्र डे के प्राइवेट एल्बम से एक मन रंग देने वाला प्यारा सा गीत. मुख्य स्वर - पूजा अनिल स्क्रिप्ट - विश्व दीपक एवं सुजोई चट्टर्जी 

आखिर मैंने संगीत के लिए सब कुछ छोड़ दिया - रफीक शेख - एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाक़ात ज़रूरी है (४) गा यक संगीतकार रफीक शेख से हमारे पुराने श्रोता भली भाति परिचित है, अभी हाल ही में रिलीस हुई है, रफीक के आवाज़ और संगीत से सजी ग़ज़ल एल्बम "हमनफस". इसके आलावा रफीक बतौर संगीतकार कुछ मराठी फ़िल्में भी कर रहे हैं. आज के "एक मुलाक़ात ज़रूरी है" कार्यक्रम में आईये कुछ और करीब से महसूस करें रफीक के अब तक के संगीत सफ़र की दिलचस्प दास्तान 

मेलोडी की नयी बहार लाये हैं युवा संगीतकार अनुराग गोडबोले : एक मुलाक़ात ज़रूरी है

एक मुलाक़ात ज़रूरी है (3)  संगीतकार गायक अनुराग गोडबोले  म राठी फिल्मों से हिंदी फिल्म संगीत जगत में कदम रखा है युवा संगीतकार अनुराग गोडबोले ने अपने साथी चिन्मय के साथ, अपनी पहली फिल्म "१९८२ अ लव मैरिज" के साथ. कार्यक्रम एक मुलाकात ज़रूरी है में आज हम आपको मिलवा रहे हैं इसी युवा संगीतकार से. सुनिए और एन्जॉय करें इस संवाद को और साथ ही सुनें इस ताज़ा फिल्म के कुछ सुरीले गीत भी.

हिंदी फिल्म इतिहास का वो साल : सन १९५६ : मेरे ये गीत याद रखना

सा ल १९५६, कैसा था हिंदी फिल्म के इतिहास का, किन गीतों ने मचाई धूम, किन संगीतकारों का रहा दबदबा, किन गीतकारों ने चलाया कलम का जादू, वो कौन सी आवाजें थी जिन्होंने श्रोताओं के दिलों पर राज़ किया, जानिए इस साल की कहानी कार्यक्रम "मेरे ये गीत याद रखना" के इस एपिसोड में, आपके प्रिय विवेक श्रीवास्तव के साथ