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नसीब अपना अपना

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की मार्मिक सामयिक कहानी " बांधों को तोड़ दो " का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं अनुराग शर्मा की एक कहानी " नसीब अपना अपना ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी "नसीब अपना अपना" का कुल प्रसारण समय 3 मिनट 31 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। इस कथा का टेक्स्ट बर्ग वार्ता ब्लॉग पर उपलब्ध है। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पतझड़ में पत्ते गिरैं, मन आकुल हो जाय। गिरा हुआ पत्ता कभी, फ़िर वापस ना आय।। ~ अनुराग शर्मा हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी "दफ्तर के साथी शाम को हाइवे पर एक चाय भजिया के ठेले पर बैठ कर अड्डेबाजी करते थे।" ( अनुराग शर्मा की "नसीब अपना अपना" से एक अंश )

सुनो कहानी - एक कवि पत्नी का संलाप: सत्ता संवाद

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में विष्णु प्रभाकर की कहानी "पानी की जाति" का पॉडकास्ट सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं प्रसिद्ध लेखिका सुधा अरोड़ा की कहानी " एक कवि पत्नी का संलाप: सत्ता संवाद ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 10 मिनट 24 सेकंड। सुधा अरोड़ा की कथा अन्नपूर्णा मंडल की आखिरी चिट्ठी को आप पहले ही प्रीति सागर की आवाज़ में सुन चुके हैं। उन्हीं की लिखित "रहोगी तुम वही" को आपने सुना था रंगमंच, दूरदर्शन और सार्थक सिनेमा के प्रसिद्ध कलाकार राजेन्द्र गुप्ता की आवाज़ में। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। आत्माएं कभी नहीं मरतीं। इस विराट व्योम में, शून्य में, वे तैरती रहती हैं - परम शान्त होकर। ~ सुधा

भारतेंदु हरिश्चंद्र की सच्चा घोड़ा - अनुराग शर्मा के स्वर में

सुनो कहानी: भारतेंदु हरिश्चंद्र की सच्चा घोड़ा 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने राजेन्द्र गुप्ता की आवाज़ में प्रसिद्ध लेखिका सुधा अरोड़ा की बहुचर्चित कहानी "रहोगी तुम वही" का अंतिम भाग सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं भारतेंदु हरिश्चंद्र की कहानी " सच्चा घोड़ा ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 1 मिनट 3 सेकंड। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। ~ भारतेंदु हरिश्चंद्र (१८५०-१८८५) हर शनिवार को सुनें एक नई कहानी - आवाज़ पर हुजूर, यह जानवर गजब का सच्चा है। ( भारतेंदु हरिश्चंद्र की "सच्चा घोड़ा" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, क

सुनो कहानी का सौवाँ अंक: सुधा अरोड़ा की "रहोगी तुम वही"

सुनो कहानी के शतकांक पर आवाज़ की टीम की ओर से सभी श्रोताओं का हार्दिक आभार! 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में कृश्न चन्दर की कहानी "एक गधे की वापसी" का अंतिम भाग सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम लेकर आये हैं शतकांक की विशेष प्रस्तुति - प्रसिद्ध लेखिका सुधा अरोड़ा की बहुचर्चित कहानी " रहोगी तुम वही ", जिसको स्वर दिया है रंगमंच, दूरदर्शन और सार्थक सिनेमा के प्रसिद्ध कलाकार राजेन्द्र गुप्ता ने। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। कहानी का कुल प्रसारण समय है: 11 मिनट 9 सेकंड। सुधा अरोड़ा की कथा अन्नपूर्णा मंडल की आखिरी चिट्ठी को आप पहले ही प्रीति सागर की आवाज़ में सुन चुके हैं। रहोगी तुम वही में पति का एकालाप, ज़ाहिरा तौर पर पत्नी से मुखातिब है। पति के पास, पत्नी से शिक़ायतों का अन्तहीन भन्डार है, जिन्हें वह मुखर हो कर पत्नी पर ज़ाहिर कर रहा है। रोज़मर्रा की आम बातें हैं। उसे पत्नी के हर रूप से शिक़ायत है; और ये रूप अनेक है। वह उन्हें स्वीकारना नहीं चाहता;

सुनो कहानी: चार बेटे - हरिशंकर परसाई

सुनो कहानी: चार बेटे - हरिशंकर परसाई 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा लिखित रचना " मैं एक भारतीय " का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य " चार बेटे ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "चार बेटे" का कुल प्रसारण समय मात्र 8 मिनट 44 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। । ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी गृहस्थ धर्म की एक ज़रूरी रस्म पत्नी को पीटने की भी होती है। ( हरिशंकर परसाई के व्यंग्य "चार बेटे" से एक अंश )

झूठ बराबर तप नहीं - गोपाल प्रसाद व्यास

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में उनका ही व्यंग्य संस्कृति के रखवाले सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं गोपाल प्रसाद व्यास का व्यंग्य " झूठ बराबर तप नहीं ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "झूठ बराबर तप नहीं" का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 36 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। जब मैं सात वर्ष का हुआ तो भगवान् कृष्ण की तरह गोवर्धन पर्वत की तलहटी छोड़कर मथुरा आ गया। ~ गोपाल प्रसाद व्यास हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी जिस आदमी को अपनी नाक का ख्याल नहीं वह भी भला कोई आदमी है? ( गोपाल प्रसाद व्यास की "झूठ बराबर तप नहीं" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क्लिक करें, कंट्रोल सक्रिय करें फ़िर 'प्ले' प

सुनो कहानी:पंडित माधवराव सप्रे की "एक टोकरी भर मिट्टी"

आवाज़ के सभी श्रोताओं को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ! 'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य रचना " नया साल " का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं पंडित माधवराव सप्रे लिखित प्रेरणा-कथा " एक टोकरी भर मिट्टी ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। "एक टोकरी भर मिट्टी" का कुल प्रसारण समय मात्र 4 मिनट 15 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पं. माधवराव सप्रे (1878-1926) स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी नायकों में से एक पंडित माधवराव सप्रे ने भारत में राजनैतिक चेतना जगाने के साथ-साथ साहित्य जगत में भी अपना योगदान दिया था. हिन्दी केसरी और छत्तीसगढ़ मित्र नामक पत्रिकाएं शुरू करने के अतिरिक्त उन्होंने सन १९०५ मे

सुनो कहानी: पंडित सुदर्शन की कालजयी रचना हार की जीत

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिशंकर परसाई की कहानी " ग्रीटिंग कार्ड और राशन कार्ड " का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं पंडित सुदर्शन की कालजयी रचना " हार की जीत ", जिसको स्वर दिया है शरद तैलंग ने। हार की जीत का टेक्स्ट यहाँ पढ़ा जा सकता है । कहानी का कुल प्रसारण समय 9 मिनट 3 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। पंडित सुदर्शन (मूल नाम: पं. बद्रीनाथ भट्ट) (1895-1967) सुनो कहानी के २००९ के अंतिम अंक में शरद जी के स्वर में हार की जीत प्रस्तुत करते हुए मैं बहुत प्रसन्न हूँ। मैंने जम्मू में पांचवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में पहली बार "हार का जीत" पढी थी। तब से ही इसके लेखक के बारे में जानने की उत्सु

सुनो कहानी: हरिशंकर परसाई की 'ग्रीटिंग कार्ड और राशन कार्ड'

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने मुंशी प्रेमचंद की कहानी " नमक का दरोगा " का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य "ग्रीटिंग कार्ड और राशन कार्ड" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय मात्र 5 मिनट 3 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। । ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी हम एक मरे हुए आदमी के नाम से जाली राशन कार्ड बनवाकर भेज रहे हैं। ( हरिशंकर परसाई के व्यंग्य "ग्रीटिंग कार्ड और राशन कार्ड" से एक अंश ) नीचे के प्ल

सुनो कहानी: मुंशी प्रेमचन्द की "नमक का दरोगा"

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिशंकर परसाई लिखित व्यंग्य " खेती " का पॉडकास्ट अनुराग शर्मा की आवाज़ में सुना था। आवाज़ की ओर से आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की कहानी "नमक का दरोगा" , जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय मात्र 21 मिनट 31 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मैं एक निर्धन अध्यापक हूँ...मेरे जीवन मैं ऐसा क्या ख़ास है जो मैं किसी से कहूं ~ मुंशी प्रेमचंद (१८८०-१९३६) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनिए प्रेमचंद की एक नयी कहानी वेतन मनुष्य देता है, इसी से उसमें वृध्दि नहीं होती। ऊपरी आमदनी ईश्वर देता है, इसी से उसकी बरकत होती हैं। ( प्रेमचंद की "नमक का दारोगा" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क

सुनो कहानी: हरिशंकर परसाई का व्यंग्य "खेती

'सुनो कहानी' इस स्तम्भ के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने अनुराग शर्मा की कहानी " ह्त्या की राजनीति " का पॉडकास्ट उन्हीं की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं हरिशंकर परसाई का लघु व्यंग्य " खेती ", जिसको स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। कहानी का कुल प्रसारण समय मात्र 2 मिनट 24 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं हमसे संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ देखें। मेरी जन्म-तारीख 22 अगस्त 1924 छपती है। यह भूल है। तारीख ठीक है। सन् गलत है। सही सन् 1922 है। । ~ हरिशंकर परसाई (1922-1995) हर शनिवार को आवाज़ पर सुनें एक नयी कहानी हुज़ूर, हम किसानों को आप ज़मीन, पानी और बीज दिला दीजिये और अपने अफसरों से हमारी रक्षा कीजिये। ( हरिशंकर परसाई के व्यंग्य "खेती" से एक अंश ) नीचे के प्लेयर से सुनें. (प्लेयर पर एक बार क