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ऑडियो: तन्हाई (मनमोहन भाटिया)

इस साप्ताहिक स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको हिन्दी में मौलिक और अनूदित, नई और पुरानी, प्रसिद्ध कहानियाँ और छिपी हुई रोचक खोजें सुनवाते रहे हैं। पिछली बार आपने शीतल माहेश्वरी के स्वर में मधु चतुर्वेदी की कथा "अम्मा की खाट" का पाठ सुना था।

आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मनमोहन भाटिया की कथा तन्हाई जिसे स्वर दिया है पूजा अनिल ने।

कहानी "तन्हाई" का गद्य सेतु पत्रिका पर उपलब्ध है। इस कथा का कुल प्रसारण समय 7 मिनट 37 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।

दिल्ली प्रेस कहानी प्रतियोगिता 2006 तथा अभिव्यक्ति कथा महोत्सव 2008 में पुरस्कृत मनमोहन भाटिया (बीकॉम, एलएलबी) दिल्ली में रहते हैं। उनकी रचनायें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से छप रही हैं। उनका ब्लॉग कथासागर है।

हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी हिन्दी कहानी

"आइए अंदर बैठ कर बात करते हैं।"
 (मनमोहन भाटिया रचित "तन्हाई" से एक अंश)





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तन्हाई MP3

#Fifth Story, Tanhai: Manmohan Bhatia/Hindi Audio Book/2020/05. Voice: Pooja Anil

Comments

Anita said…
सुमधुर आवाज में प्यारी सी कहानी
Sheetal said…
तन्हाई कभी तनहा नहीं होती बस दोस्ती कर ली इससे तो इससे बढ़कर कोई दोस्त नहीं।
अच्छी कहानी । तुमने अच्छी पढ़ी पूजा।
अच्छी कहानी के साथ प्रभावी वाचन।
धन्यवाद।

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