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ऑडियो: अपना अपना भाग्य (जैनेंद्र कुमार)

रेडियो प्लेबैक इंडिया के साप्ताहिक स्तम्भ 'बोलती कहानियाँ' के अंतर्गत हम आपको सुनवाते हैं हिन्दी की नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की आवाज़ में हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार से रा यात्री की कथा 'अवांतर प्रसंग' का पॉडकास्ट सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं प्रसिद्ध साहित्यकार जैनेंद्र कुमार की कहानी अपना अपना भाग्यअनुराग शर्मा के स्वर में।

कहानी "अपना अपना भाग्य" का कुल प्रसारण समय 15 मिनट 5 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं।

यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें।


साहित्य अकादमी पुरस्कार, हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार, हस्तीमल डालमिया पुरस्कार, तथा पद्म भूषण से सम्मानित साहित्यकार श्री जैनेंद्र कुमार का वास्तविक नाम आनंदी लाल था। उपन्यास, कहानी, तथा निबंध लेखन के अतिरिक्त उन्होंने सम्पादन कार्य भी किया है।
(जन्म: 2 जनवरी 1905 - देहांत: 24 दिसंबर 1988)

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कुहरे की सफेदी में कुछ ही हाथ दूर से एक काली-सी मूर्ति हमारी तरफ आ रही थी। मैंने कहा - "होगा कोई"
(जैनेंद्र कुमार की "अपना अपना भाग्य" से एक अंश)



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यदि आप इस पॉडकास्ट को नहीं सुन पा रहे हैं तो नीचे दिये गये लिंक से डाउनलोड कर लें:
अपना अपना भाग्य MP3

#Sixth Story, Apna Apna Bhagya: Jainendra Kumar/Hindi Audio Book/2019/6. Voice: Anurag Sharma

Comments

Anita said…
मार्मिक कहानी, आज भी न जाने कितने बालक बड़े-छोटे शहरों में आकर खो जाते होंगे..
Smart Indian said…
आभार!

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