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अजय नावरिया की कहानी इतिहास

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा के स्वर में अशोक भाटिया की लघुकथा " पापा जब बच्चे थे " का वाचन सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, अजय नावरिया की मननशील कथा इतिहास , अनुराग शर्मा के स्वर में। सामाजिक पुनर्गठन से गुज़रते एक वैविध्यपूर्ण समाज की उलझनों को सुलझाते हुए एक आधुनिक परिवार और उनके मित्रों के सम्वाद के माध्यम से अजय ने वर्तमान भारतीय परिदृश्य का बहुत सुंदर चित्रण किया है। इस कहानी इतिहास का मूल गद्य द्वैभाषिक मासिक पत्रिका सेतु पर उपलब्ध है। कथा का कुल प्रसारण समय 25 मिनट 23 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। 6 जून 1972 को दिल्ली में

'कथापाठ- एक विमर्श' कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग

सुनिए गौरव सोलंकी, तेजेन्द्र शर्मा, असग़र वजाहत और श्याम सखा का कहानीपाठ १५ जनवरी २००९ को हिन्द-युग्म ने गाँधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में 'कथापाठ-एक विमर्श' कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें लंदन के वरिष्ठ हिन्दी कहानीकार तेजेन्द्र शर्मा और भारत के युवा कथाकार गौरव सोलंकी का कहानीपाठ हुआ। संचालन हरियाणा के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम' ने किया। प्रसिद्ध कहानीकार असग़र वजाहत मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित थे। युवा कहानीकार अजय नावरिया और अभिषेक कश्यप ने कहानी और कहानीपाठ पर अपने विचार रखे। जैसाकि हिन्द-युग्म टीम ने उदय प्रकाश की कहानीपाठ और उसपर नामवर सिंह के वक्तव्य के कार्यक्रम को रिकॉर्ड करके सुनवाया था और यह वादा किया था कि इस तरह के कार्यक्रमों को लेकर उपस्थित होता रहेगा, ताकि वे हिन्दी प्रेमी भी लाभांवित हो सकें, जो किन्हीं कारणों से ऐसे कार्यक्रमों में सम्मिलित नहीं हो पाते। तो सुनिए और खुद तय करिए कि हिन्द-युग्म द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम कैसा रहा?