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राग गुजरी तोड़ी : SWARGOSHTHI – 497 : RAG GUJARI TODI

   स्वरगोष्ठी – 497 में आज   देशभक्ति गीतों में शास्त्रीय राग – 2   "वतन पे जो फ़िदा होगा, अमर वो नौजवाँ होगा"... देशभक्ति के करुण स्वर, राग गुजरी तोड़ी में “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ "स्वरगोष्ठी" के मंच पर मैं सुजॉय चटर्जी, आप सब संगीत प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। जब देशभक्ति गीतों की बात चलती है, तब सबसे पहले ऐसे जोशीले गाने याद आते हैं जो हमारे अन्दर देशभक्ति का जस्बा पैदा करते हैं, जिन्हें सुनते हुए हमारा ख़ून गर्म हो जाता है। पर बहुत से देशभक्ति गीत ऐसे भी हैं जो तीव्र लय वाले जोशीले रंग के नहीं, बल्कि ऐसे दिल को छू लेने वाली धुनों से सजे हैं कि जिन्हें सुनते हुए ना केवल देशभक्ति की लहर हमारी रगों में उमड़ने लगती हैं बल्कि इन गीतों के करुण पक्ष की वजह से ये हमारी आँखें भी नम कर जाती हैं। देशभक्ति के सुमधुर सुरों में ढले ऐसे कई गीत हैं जो शास्त्रीय रागों पर आधारित हैं। और ऐसे ही राग आधारित देशभक्ति गीतों से सजी है ’स्वरगोष्ठी’ की वर्तमान श्रृंखला -  ’देशभक्ति गीतों में शास्त्रीय राग’। इस श्रृंखला की पहली कड़ी में हमने चर्चा की थी राग आसावरी

राग आसावरी : SWARGOSHTHI – 496 : RAG ASAVARI

  स्वरगोष्ठी – 496 में आज   देशभक्ति गीतों में शास्त्रीय राग – 1   जब सी. रामचन्द्र ने "ऐ मेरे वतन के लोगों" के लिए चुना राग आसावरी को  कवि प्रदीप, लता मंगेशकर, सी. रामचन्द्र “रेडियो प्लेबैक इण्डिया” के साप्ताहिक स्तम्भ "स्वरगोष्ठी" के मंच पर मैं सुजॉय चटर्जी, आप सब संगीत प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। आज मुझे यह अंक लिखते हुए प्रसन्नता कम और दु:ख अधिक हो रहा है। हम सब के चहेते कृष्णमोहन जी के अचानक चले जाने के बाद जैसे ’स्वरगोष्ठी’ का स्वर ही मूक हो गया है। समूचे हिन्दी ब्लॉग जगत में कृष्णमोहन मिश्र जी जैसा शास्त्रीय, उपशास्त्रीय और लोक संगीत विषयों पर नियमित स्तम्भ लिखने वाला और कोई दूसरा मौजूद नहीं रहा। उनकी इसी बेजोड़ प्रतिभा, नियमितता, लगन और अनुशासन की वजह से ’स्वरगोष्ठी’ का स्तर दिन प्रतिदिन ऊँचा उठता चला गया। आज उनके जाने के बाद यहाँ कोई नहीं जो उनके जैसे स्तर का लेख लिख सके। इसी कारण से ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ की टीम ने यह निर्णय लिया था कि कृष्णमोहन जी के साथ ’स्वरगोष्ठी’ का सफ़र भी समाप्त कर दिया जाए। पर हमें बार-बार कृष्णमोहन जी के साथ वह अन्तिम टे

कृष्णमोहन जी द्वारा लिखा अन्तिम ब्लॉगपोस्ट - "सभी पाठकों और श्रोताओं का नववर्ष 2021 के प्रथम अंक में अभिनन्दन महाविजेताओं की प्रस्तुतियों के साथ"

  ख़ामोश हुआ ’स्वरगोष्ठी’ का स्वर, नहीं रहे कृष्णमोहन मिश्र जी अत्यन्त दु:ख और भारी मन के साथ हम ’स्वरगोष्ठी’ के श्रोता-पाठकों को यह सूचित कर रहे हैं कि हम सब के अत्यन्त प्रिय साथी और ’स्वरगोष्ठी’ के वाहक कृष्णमोहन मिश्र जी अब हमारे बीच नहीं रहे। गत 31 दिसम्बर की रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया है। रेडियो प्लेबैक इण्डिया के लिए कृष्णमोहन जी का योगदान अत्यन्त सराहनीय और अद्वितीय रहा है। उनके इस तरह अचानक चले जाने से हम सभी को गहरा सदमा पहुँचा है। शास्त्रीय संगीत पर आधारित इस एकमात्र स्तम्भ के वाहक के रूप में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। हम ईश्वर से कृष्णमोहन जी की आत्मा-शान्ति की प्रार्थना करते हैं। ’रेडियो प्लेबैक इन्डिया’ के संस्थापक सदस्य, श्री  कृष्णमोहन मिश्र जी को श्रद्धांजलि स्वरूप, सहयोगी सदस्य रीतेश खरे ’सब्र’ की क़लम से निकले चन्द अलफ़ाज़: हम में से हर कोई, कल दूर हो जायेगा कोई फ़लक का तारा बन, मशहूर हो जायेगा एक दूसरे से दिल, इतना भी न तुम लगाओ कल तड़प उठोगे जब कोई बड़ी दूर हो जायेगा हर ख़्वाब तो, कहते हैं, होता नहीं मुक़म्मल पर एक तो सच, हक़ीक़त ज़रूर हो जायेगा आज जब हमने र