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ऑडियो: शेर और कवया (उदयन वाजपेयी) - उषा छाबड़ा

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा  के स्वर में   प्रियांकी मिश्रा  के संस्मरण " मेघ " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है उदयन वाजपेयी की रोचक बालकथा ' शेर और कवया ', जिसे स्वर दिया है उषा छाबड़ा ने। यह कहानी तक्षशिला प्रकाशन की पत्रिका साइकिल में प्रकाशित हुई थी। इसका कुल प्रसारण समय 9 मिनट 4 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितने सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। विचारक, अनुवादक, पत्रकार, और साहित्यकार उदयन वाजपेयी का जन्म 04 जनवरी 1960 को सागर (मध्य प्रदेश) में हुआ था। कम-से-कम भारत में राष्ट्रवाद के उभरने के पीछे हमारा आधुनिकता की अन्ध-स्वीकृति और अपनी पारम्परिक दृष्टियों का उतना

वर्ष के महाविजेता - 2 : SWARGOSHTHI – 402 : MAHAVIJETA OF THE YEAR

स्वरगोष्ठी – 402 में आज महाविजेताओं की प्रस्तुतियाँ – 2 संगीत पहेली के महाविजेताओं क्षिति, हरिणा और प्रफुल्ल का उन्हीं की प्रस्तुतियों से अभिनन्दन क्षिति तिवारी डी.हरिणा माधवी "रेडियो प्लेबैक इण्डिया" के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर सभी संगीत-प्रेमियों का नए वर्ष के दूसरे अंक में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। पिछले अंक में हमने आपसे ‘स्वरगोष्ठी’ स्तम्भ के बीते वर्ष की कुछ विशेष गतिविधियों की चर्चा की थी। साथ ही पहेली के दूसरे, तीसरे और चौथे महाविजेता डॉ. किरीट छाया, विजया राजकोटिया और शुभा खाण्डेकर से आपको परिचित कराया था और उनकी प्रस्तुतियों को भी सुनवाया था। इस अंक में भी हम गत वर्ष की कुछ अन्य गतिविधियों का उल्लेख करने के साथ ही संगीत पहेली के एक प्रथम और दो द्वितीय महाविजेताओं की घोषणा कर रहे हैं और उनका सम्मान भी कर रहे हैं। ‘स्वरगोष्ठी’ के पाठक और श्रोता जानते हैं कि इस स्तम्भ के प्रत्येक अंक में संगीत पहेली के माध्यम से हम हर सप्ताह भारतीय संगीत से जुड़े तीन प्रश्न देकर पूर

ऑडियो संस्मरण: मेघ (प्रियांकी मिश्रा)

लोकप्रिय स्तम्भ " बोलती कहानियाँ " के अंतर्गत हम हर सप्ताह आपको सुनवाते रहे हैं नई, पुरानी, अनजान, प्रसिद्ध, मौलिक और अनूदित, यानि के हर प्रकार की कहानियाँ। पिछली बार आपने पूजा अनिल  के स्वर में  मिन्नी मिश्रा  की लघुकथा " रील बनाम रीयल " का वाचन सुना था। आज प्रस्तुत है प्रियांकी मिश्रा  का मर्मस्पर्शी संस्मरण मेघ , जिसे स्वर दिया है अनुराग शर्मा ने। प्रस्तुत संस्मरण " मेघ " का गद्य कला और साहित्य के द्वैभाषिक मासिक सेतु के दिसम्बर 2018 अंक में उपलब्ध है। इसका कुल प्रसारण समय 8 मिनट 21 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितने सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिकों, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं आदि को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। डॉ. प्रियांकी मिश्रा एम जी एम मेडिकल कॉलेज,जमशेदपुर में प्राध्यापक हैं। हिन्दी और अंग्रेजी में लेखन, अंग्रेजी उपन्यास "Whatsoever you do" प्रकाशित। वस्तुतः मैं ल