इस लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवाते रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछली बार आपने अनुराग शर्मा की कहानी यारी है ईमान उन्हीं के स्वर में सुनी थी। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं मुंशी प्रेमचंद की एक भावमय कथा शूद्रा जिसे स्वर दिया है समीर गोस्वामी ने। प्रवासी विमर्श से बहुत पहले लिखी गयी इस कथा में गोरे व्यापारियों द्वारा बहला फुसलाकर मॉरिशस ले जाये गये गिरमिटिया श्रमिकों का एक हृदयस्पर्शी चित्रण है। एक शताब्दी से हिन्दी (एवं उर्दू) साहित्य जगत में मुंशी प्रेमचंद का नाम एक सूर्य की तरह चमक रहा है। विशेषकर, ज़मीन से जुड़े एक कथाकार के रूप में उनकी अलग ही पहचान है। उनके पात्रों और कथाओं का क्षेत्र काफी विस्तृत है फिर भी उनकी अनेक कथाएँ भारत के ग्रामीण मानस का चित्रण करती हैं। उनका वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे उर्दू में नवाब राय और हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखते रहे। आम आदमी की बेबसी हो या हृदयहीनों की अय्याशी, बचपन का आनंद हो या बुढ़ापे की जरावस्था, उनकी कहानियों में सभी अवस्थाएँ मिलेंगी और सभी भाव भी। उनकी कहानियों पर फिल्म