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चित्रकथा - 49: फ़िल्मी गीतों में मुहावरों का प्रयोग

अंक - 49 फ़िल्मी गीतों में मुहावरों का प्रयोग "ये मुँह और मसूर की दाल..."  भाषा को सुन्दर बनाने के लिए, उसे अलंकृत करने के लिए कई उपाय हैं। विभिन्न अलंकारों, उपमाओं, कहावतों और मुहावरों से भाषा, काव्य और साहित्य की सुन्दरता बढ़ती है। इनसे हमारे फ़िल्मी गीत भी बच नहीं सके। ’चित्रकथा’ के पुराने एक अंक में हमने गुलज़ार के लिखे गीतों में विरोधाभास अलंकार की चर्चा की थी। आज हम लेकर आए हैं उन फ़िल्मी गीतों की बातें जिनमें हिन्दी के मुहावरों का प्रयोग हुआ है। हम यह दावा नहीं करते कि हमने सभी मुहावरों वाले गीतों को खोज निकाला है, पर हाँ, कोशिश ज़रूर की है ज़्यादा से ज़्यादा मुहावरों को चुनने की जिन्हें फ़िल्मी गीतों में जगह मिली है। और हमारे इस लेख को समृद्ध करने में सराहनीय योगदान मिला है श्री प्रकाश गोविन्द के ब्लॉग से, जिसमें इस तरह के मुहावरे वाले गीतों की एक फ़ेहरिस्त उन्होंने तैयार की है श्रीमती अल्पना वर्मा और श्रीमती इन्दु पुरी गोस्वामी के सहयोग से। तो प्रस्तुत है आज के ’चित्रकथा’ में लेख - ’फ़िल्मी गीतों में मुहावरों का प्रयोग’।

फिल्मी चक्र समीर गोस्वामी के साथ || एपिसोड 18 || रविन्द्र जैन

Filmy Chakra With Sameer Goswami  Episode 18 Ravindra Jain फ़िल्मी चक्र कार्यक्रम में आप सुनते हैं मशहूर फिल्म और संगीत से जुडी शख्सियतों के जीवन और फ़िल्मी सफ़र से जुडी दिलचस्प कहानियां समीर गोस्वामी के साथ, लीजिये आज इस कार्यक्रम के 18 वें एपिसोड में सुनिए कहानी रविन्द्र जैन की...प्ले पर क्लिक करें और सुनें.... फिल्मी चक्र में सुनिए इन महान कलाकारों के सफ़र की कहानियां भी - किशोर कुमार शैलेन्द्र  संजीव कुमार  आनंद बक्षी सलिल चौधरी  नूतन  हृषिकेश मुखर्जी  मजरूह सुल्तानपुरी साधना  एस डी बर्मन राजेंद्र कुमार  शकील बदायुनी  जयकिशन गीता दत्त  चित्रगुप्त  आर डी बर्मन  मन्ना डे  

ठुमरी भैरवी : SWARGOSHTHI – 347 : THUMARI BHAIRAVI : चुनरी रंग डारी श्याम...

स्वरगोष्ठी – 347 में आज फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व – 4 : ठुमरी भैरवी “बाट चलत नई चुनरी रंग डारी श्याम...” – पछाही ठुमरी का एक उत्कृष्ट उदाहरण गीता दत्त  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” की इस चौथी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली श्रृंखला में हमने आपके लिए फिल्मों में पारम्परिक ठुमरी के साथ-साथ उसके फिल्मी प्रयोग को भी रेखांकित किया था। इस श्रृंखला में भी हम केवल फिल्मी ठुमरियों की चर्चा कर रहे हैं, किन्तु ये ठुमरियाँ पारम्परिक हों, यह आवश्यक नहीं हैं। इन ठुमरी गीतों को फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकारों ने लिखा है और संगीतकारों ने इन्हें विभिन्न रागों में बाँध कर ठुमरी गायकी के तत्वों से अभिसिंचित किया है। हमारी इस श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” के शीर्षक से ही यह अनुमान हो गया होगा कि इस श्रृंखला का विषय फिल्मों में शामिल किये गए ऐसे गीत हैं जिनमे राग, भाव और रस की दृष्टि से उपशास्त्रीय गायन शैली

चित्रकथा - 48: 2017 के जुलाई - अगस्त में प्रदर्शित फ़िल्मों का संगीत

अंक - 48 2017 के जुलाई - अगस्त में प्रदर्शित फ़िल्मों का संगीत "हँस मत पगली प्यार हो जाएगा..."  ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। समूचे विश्व में मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम सिनेमा रहा है और भारत कोई व्यतिक्रम नहीं है। बीसवीं सदी के चौथे दशक से सवाक् फ़िल्मों की जो परम्परा शुरु हुई थी, वह आज तक जारी है और इसकी लोकप्रियता निरन्तर बढ़ती ही चली जा रही है। और हमारे यहाँ सिनेमा के साथ-साथ सिने-संगीत भी ताल से ताल मिला कर फलती-फूलती चली आई है। सिनेमा और सिने-संगीत, दोनो ही आज हमारी ज़िन्दगी के अभिन्न अंग बन चुके हैं। हमारी दिलचस्पी का आलम ऐसा है कि हम केवल फ़िल्में देख कर या गाने सुनने तक ही अपने आप को सीमित नहीं रखते, बल्कि फ़िल्म संबंधित हर तरह की जानकारियाँ बटोरने का प्रयत्न करते रहते हैं। इसी दिशा में आपके हमसफ़र बन कर हम आ रहे हैं हर शनिवार ’चित्रकथा’ लेकर। ’चित्रकथा’ एक ऐसा स्तंभ है जिसमें बातें होंगी चित्रपट की और चित्रपट-संगीत की। फ़िल्म और फ़िल्म-संगीत से जुड़े विषयों से सुसज्जित इस पाठ्य स्

फिल्मी चक्र समीर गोस्वामी के साथ || एपिसोड 17 || मन्ना डे

Filmy Chakra With Sameer Goswami  Episode 17 Manna Dey फ़िल्मी चक्र कार्यक्रम में आप सुनते हैं मशहूर फिल्म और संगीत से जुडी शख्सियतों के जीवन और फ़िल्मी सफ़र से जुडी दिलचस्प कहानियां समीर गोस्वामी के साथ, लीजिये आज इस कार्यक्रम के 17 वें एपिसोड में सुनिए कहानी मन्ना डे की...प्ले पर क्लिक करें और सुनें.... 1 फिल्मी चक्र में सुनिए इन महान कलाकारों के सफ़र की कहानियां भी - किशोर कुमार शैलेन्द्र  संजीव कुमार  आनंद बक्षी सलिल चौधरी  नूतन  हृषिकेश मुखर्जी  मजरूह सुल्तानपुरी साधना  एस डी बर्मन राजेंद्र कुमार  शकील बदायुनी  जयकिशन गीता दत्त  चित्रगुप्त  आर डी बर्मन 

ठुमरी पीलू : SWARGOSHTHI – 346 : THUMARI PILU : गायिका राजकुमारी के स्वर

स्वरगोष्ठी – 346 में आज फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व – 3 : गायिका राजकुमारी के स्वर राग पीलू में नायक को रोकने के लिए नायिका की कोशिश – “चले जइयो बेदर्दा मैं रोय मरूँगी...” गायिका  राजकुमारी  ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी हमारी नई श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” की इस तीसरी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली श्रृंखला में हमने आपके लिए फिल्मों में पारम्परिक ठुमरी के साथ-साथ उसके फिल्मी प्रयोग को भी रेखांकित किया था। इस श्रृंखला में भी हम फिल्मी ठुमरियों की चर्चा कर रहे हैं, किन्तु ये ठुमरियाँ पारम्परिक नहीं हैं। इन ठुमरी गीतों को फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकारों ने लिखा है और संगीतकारों ने इन्हें विभिन्न रागों में बाँध कर ठुमरी गायकी के तत्वों से अभिसिंचित किया है। हमारी इस श्रृंखला “फिल्मी गीतों में ठुमरी के तत्व” के शीर्षक से ही यह अनुमान हो गया होगा कि इस श्रृंखला का विषय फिल्मों में शामिल किये गए ऐसे गीत हैं जिनमे राग, भाव और रस की दृष्टि से