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"अच्छा लगता है जब पब्लिक आपके काम को पसंद करती है" -बबली हक : एक मुलाकात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (15) संगीतकार बबली हक़  आ ज के एपिसोड में मिलिए उभरते हुए संगीतकार बबली हक से, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत "बेजुबान इश्क" नाम की फिल्म से की और अभी हाल ही में प्रदर्शित रणदीप हूडा और काजल अग्रवाल अभिनीत फिल्म "दो लफ़्ज़ों की कहानी" में इनका रचा गीत "जीना मरना" बेहद लोकप्रिय हो रहा है. मूलरूप से आसाम के बबली पिछले लगभग १२-१३ सालों से मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में सक्रीय हैं, मिलिए और जानिये इस प्रतिभावान कलाकार और भी करीब से...  एक मुलाकात ज़रूरी है इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड करके भी सुन सकते हैं, लिंक पर राईट क्लीक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

राग पीलू : SWARGOSHTHI – 274 : RAG PILU

स्वरगोष्ठी – 274 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 7 : मदन मोहन और लता का सुरीला संगम ‘मैंने रंग ली आज चुनरिया, सजना तोरे रंग में...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन दिनों हमारी श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ जारी है। श्रृंखला की सातवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का एक बार फिर हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का सहयोग लिया है। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की चर्चा और फिर उस राग की उदाहरण सहित जानकारी दे रहे हैं। श्रृंखला की सातवीं कड़ी में आज हम आपको राग पीलू के स्वरों में पिरोये गए 1966 में प्रदर्शित फिल्म ‘दुल्हन एक रात की’ से राग पीलू पर आधारित एक गीत का रसास्वादन कराएँगे। इस राग आधारि

’बेबी डॉल’ की गायिका कनिका कपूर के संघर्ष की मार्मिक दास्तान

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - 13   कनिका कपूर   ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि यह ज़िन्दगी एक पहेली है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। कब किसकी ज़िन्दगी में क्या घट जाए कोई नहीं कह सकता। लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटना घट जाती है या कोई ऐसी विपदा आन पड़ती है कि एक पल के लिए ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया। पर निरन्तर चलते रहना ही जीवन-धर्म का निचोड़ है। और जिसने इस बात को समझ लिया, उसी ने ज़िन्दगी का सही अर्थ समझा, और उसी के लिए ज़िन्दगी ख़ुद कहती है कि 'तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी'। इसी शीर्षक के अन्तर्गत इस नई श्रृंखला में हम ज़िक्र करेंगे उन फ़नकारों का जिन्होंने ज़िन्दगी के क्रूर प्रहारों को झेलते हुए जीवन में सफलता प्राप्त किये हैं, और हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं।  आज का यह अंक केन्द्रित है  इस ज़माने की जानी-मानी गायिका कनिका कपूर पर। "बे बी डॉल मैं सोने दी" गाने वाली गायिका कनिका कपूर की रातों रात कामयाबी को देख