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नाज़ था खुद पर मगर ऐसा न था...... 'कहकशाँ’ में आज छाया की माया

कहकशाँ - 11 छाया गांगुली, इब्राहिम अश्क़, भूपेन्द्र सिंह   "नाज़ था खुद पर मगर ऐसा न था..." ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को हमारा सलाम! दोस्तों, शेर-ओ-शायरी, नज़्मों, नगमों, ग़ज़लों, क़व्वालियों की रवायत सदियों की है। हर दौर में शायरों ने, गुलुकारों ने, क़व्वालों ने इस अदबी रवायत को बरकरार रखने की पूरी कोशिशें की हैं। और यही वजह है कि आज हमारे पास एक बेश-कीमती ख़ज़ाना है इन सुरीले फ़नकारों के फ़न का। यह वह कहकशाँ है जिसके सितारों की चमक कभी फ़ीकी नहीं पड़ती और ता-उम्र इनकी रोशनी इस दुनिया के लोगों के दिल-ओ-दिमाग़ को सुकून पहुँचाती चली आ रही है। पर वक्त की रफ़्तार के साथ बहुत से ऐसे नगीने मिट्टी-तले दब जाते हैं। बेशक़ उनका हक़ बनता है कि हम उन्हें जानें, पहचानें और हमारा भी हक़ बनता है कि हम उन नगीनों से नावाकिफ़ नहीं रहें। बस इसी फ़ायदे के लिए इस ख़ज़ाने में से हम चुन कर लाएँगे आपके लिए कुछ कीमती नगीने हर हफ़्ते और बताएँगे कुछ दिलचस्प बातें इन फ़नकारों के बारे में। तो पेश-ए-ख़िदमत है नगमों, नज़्मों, ग़ज़लों और क़व्वालियों की एक अदबी महफ़िल

"संगीत से जुडी हर बात मुझे आकर्षित करती है" - आश्विन भंडारे : एक मुलाक़ात ज़रूरी है

एक मुलाकात ज़रूरी है (14) आ ज के एपिसोड में मिलिए गायक, गीतकार और संगीत निर्देशक आश्विन भंडारे से, जिनके संगीत से सजी मराठी फिल्म "वाल्या टू वाल्मीकि" जल्द ही रिलीस होने वाली है, साथ ही बतौर गीतकार इन्होने गीत भी लिखे हैं जल्द ही प्रदर्शित होने जा रही फिल्म "लव यू अलिया" के लिए, जिसमें दक्षिण के सुप्रसिद्ध संगीतकार जास्सी गिफ्ट ने संगीत दिया है. मिलिए आश्विन से जानिये उनके जीवन और संगीत से जुड़े कुछ खट्टे मीठे अनुभव  एक मुलाक़ात ज़रूरी है के इस एपिसोड को आप यहाँ से डाउनलोड भी कर सकते हैं, लिंक पर राईट क्लिक करें और सेव एस का विकल्प चुनें 

राग पहाड़ी : SWARGOSHTHI – 273 : RAG PAHADI

स्वरगोष्ठी – 273 में आज मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन – 6 : पहली फिल्म का पहला राग आधारित गीत ‘मोरी अटरिया पे कागा बोले...’ ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन दिनों हमारी श्रृंखला – ‘मदन मोहन के गीतों में राग-दर्शन’ जारी है। श्रृंखला की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र अपने साथी सुजॉय चटर्जी के साथ आप सभी संगीत-प्रेमियों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। यह श्रृंखला आप तक पहुँचाने के लिए हमने फिल्म संगीत के सुपरिचित इतिहासकार और ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के स्तम्भकार सुजॉय चटर्जी का सहयोग लिया है। हमारी यह श्रृंखला फिल्म जगत के चर्चित संगीतकार मदन मोहन के राग आधारित गीतों पर केन्द्रित है। श्रृंखला के प्रत्येक अंक में हम मदन मोहन के स्वरबद्ध किसी राग आधारित गीत की चर्चा और फिर उस राग की उदाहरण सहित जानकारी दे रहे हैं। श्रृंखला की छठी कड़ी में आज हम आपको राग पहाड़ी के स्वरों में पिरोये गए 1950 में प्रदर्शित फिल्म ‘आँखें’ के एक गीत का रसास्वादन कराएँगे। इस राग आधारित गीत को स्वर दिया है, तत्कालीन पार्श्वगायिका मीना कपूर ने। सं