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बॉलीवुड के लेजेन्ड्स : जब रफ़ी साहेब ने गीत सुनाये बच्चों को : मेरे ये गीत याद रखना

यूं  तो रफ़ी साहब का हर गीत दिल के तार झनझना जाता है. पर उनके नन्हें मुन्ने बच्चों को संबोधित कर गाये हुए गीतों को सुनकर तो लगता है जैसे बचपन लौट आया हो. तो आईये आधे घंटे के लिए अपनी दौड़ भाग वाली ज़िन्दगी को ज़रा सा थाम कर बचपन की गलियों में फेरा लगा आईये, रफ़ी साहब की आवाज़ के साथ. यक़ीनन आप अच्छा महसूस करेगें. स्किप्ट है सजीव सारथी की और प्रस्तुति है विवेक श्रीवास्तव की 

राग ललित : SWARGOSHTHI – 261 : RAG LALIT

स्वरगोष्ठी – 261 में आज दोनों मध्यम स्वर वाले राग – 9 : राग ललित उस्ताद फ़ैयाज़ खाँ और मदन मोहन का राग ललित ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर जारी श्रृंखला – ‘दोनों मध्यम स्वर वाले राग’ की नौवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र आप सब संगीत-प्रेमियों का एक बार पुनः हार्दिक स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला में हम भारतीय संगीत के कुछ ऐसे रागों की चर्चा कर रहे हैं, जिनमें दोनों मध्यम स्वरों का प्रयोग किया जाता है। संगीत के सात स्वरों में ‘मध्यम’ एक महत्त्वपूर्ण स्वर होता है। हमारे संगीत में मध्यम स्वर के दो रूप प्रयोग किये जाते हैं। स्वर का पहला रूप शुद्ध मध्यम कहलाता है। 22 श्रुतियों में दसवाँ श्रुति स्थान शुद्ध मध्यम का होता है। मध्यम का दूसरा रूप तीव्र या विकृत मध्यम कहलाता है, जिसका स्थान बारहवीं श्रुति पर होता है। शास्त्रकारों ने रागों के समय-निर्धारण के लिए कुछ सिद्धान्त निश्चित किये हैं। इन्हीं में से एक सिद्धान्त है, “अध्वदर्शक स्वर”। इस सिद्धान्त के अनुसार राग का मध्यम स्वर महत्त्वपूर्ण हो जाता है। अध्वदर्शक स्वर

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - 10: दुर्गा खोटे

तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी - 10   दुर्गा खोटे   ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी दोस्तों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार। दोस्तों, किसी ने सच ही कहा है कि यह ज़िन्दगी एक पहेली है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। कब किसकी ज़िन्दगी में क्या घट जाए कोई नहीं कह सकता। लेकिन कभी-कभी कुछ लोगों के जीवन में ऐसी दुर्घटना घट जाती है या कोई ऐसी विपदा आन पड़ती है कि एक पल के लिए ऐसा लगता है कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया। पर निरन्तर चलते रहना ही जीवन-धर्म का निचोड़ है। और जिसने इस बात को समझ लिया, उसी ने ज़िन्दगी का सही अर्थ समझा, और उसी के लिए ज़िन्दगी ख़ुद कहती है कि 'तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी'। इसी शीर्षक के अन्तर्गत इस नई श्रृंखला में हम ज़िक्र करेंगे उन फ़नकारों का जिन्होंने ज़िन्दगी के क्रूर प्रहारों को झेलते हुए जीवन में सफलता प्राप्त किये हैं, और हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं।  आज का यह अंक केन्द्रित है भारतीय सिनेमा में महिलाओं की मार्ग निर्माता व सशक्त अभिनेत्री दुर्गा खोटे पर।    भारतीय सिनेमा में महिलाओं में अग्रदूत, अभिनेत्री दुर्