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अभिनेता फ़ारूख़ शेख़ की पुण्य स्मृति को समर्पित है आज की 'सिने पहेली'

सिने पहेली –95 'सिने पहेली' के सभी चाहनेवालों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! और साथ ही नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें! दोस्तों, पिछले दिनों छुट्टियों का मौसम रहा। साल का अन्तिम सप्ताह पर्यटन का सप्ताह होता है, और आप भी ज़रूर कहीं न कहीं घूम आये होंगे। लेकिन साल के उस अन्तिम सप्ताह में अभिनेता फ़ारूख़ शेख़ के देहान्त का समाचार सुन कर दिल ग़मगीन हो गया। फ़ारूख़ शेख़ एक लाजवाब अभिनेता थे, उनका अपना ही एक अन्दाज़ था, जो सबसे अलग, सबसे जुदा था। अभिनय में इतनी सहजता थी कि उनके द्वारा निभाया हुआ कर किरदार बिल्कुल सच्चा लगता था। शारीरिक गठन, चेहरा और अभिनय, कुल मिला कर उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि उनके द्वारा निभाया किरदार हमारे परिवार का ही कोई सदस्य जैसा जान पड़ता था। और शायद यही वजह है कि फ़ारूख़ साहब हम सब के चहेते रहे। लगता ही नहीं कि वो आज हमारे बीच मौजूद नहीं हैं। आइए इस बेमिसाल फ़नकार की पुण्य स्मृति को समर्पित करते हैं आज की यह 'सिने पहेली'। 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' की तरफ़ से फ़ारूख़ शेख़ को हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि। आज की प

साल २०१३ के कुछ बहतरीन गीत रेडियो प्लेबैक की टीम द्वारा चुने हुए

रेडियो प्लेबैक इंडिया के टॉप २५ गीत एक साथ सुनें संज्ञा टंडन के साथ. एक बार फिर नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 

स्वागत 2014

‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के सभी पाठकों/श्रोताओं को  नववर्ष की मंगलकामनाएँ  मंगल ध्वनि : उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ : शहनाई : राग – वृन्दाबनी सारंग, एक ताल