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सोनू निगम ने सुर जोड़े 'सिंह साहेब' की ललकार में

स न्नी देओल निर्देशक अनिल शर्मा के साथ जोड़ीबद्ध होकर लौटे हैं एक बार फिर, जिनके साथ वो ग़दर -एक प्रेम कथा , और अपने जैसी हिट संगीतमयी फ़िल्में दे चुके हैं. सिंह साहेब द ग्रेट में अनिल ने चुना है सोनू निगम को जो इस फिल्म के साथ बतौर संगीतकार फिल्मों में अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं, पार्श्वगायन में अपने लिए एक खास मुकाम बना लेने के बाद सोनू ने हालाँकि अपनी एल्बम क्लासीकली माईल्ड में संगीत निर्देशन का जिम्मा उठाया था पर सिंह साहेब उनकी पहली फिल्म है इस नए जिम्मे के साथ. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोनू ने फिल्म जगत में कदम रखा था बतौर बाल कलाकार फिल्म बेताब से, जो कि सन्नी देओल की भी पहली फिल्म थी बतौर नायक. अब इसे नियति ही कहेंगें कि सोनू की इस नई कोशिश में भी उन्हें साथ मिला है सन्नी पाजी का. एल्बम में कुल ५ गीत हैं जिसमें एक गीत अतिथि संगीतकार आदेश श्रीवास्तव का रचा हुआ है, आईये एक नज़र डालें इस ताज़ा एल्बम में संकलित गीतों पर.  शीर्षक गीत में सोनू ने अपने 'कम्फर्ट ज़ोन' से बाहर आकर पंजाबी लोक गीतों के गायकों के भांति ऊंची पिच पर लेकर गाया है और उनका ये प्

शोभना चौरे की लघुकथा करवा चौथ

लोकप्रिय स्तम्भ "बोलती कहानियाँ" के अंतर्गत हम आपको सुनवा रहे हैं प्रसिद्ध कहानियाँ। पिछले सप्ताह आपने हरिकृष्ण देवसरे की कहानी " बकरी दो गाँव खा गई " का पॉडकास्ट अर्चना चावजी की आवाज़ में सुना था। आज हम आपकी सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं इंदौर निवासी कवयित्री व लेखिका शोभना चौरे की लघुकथा " करवा चौथ ", माधवी चारुदत्ता की आवाज़ में। शोभना चौरे की लघुकथा "करवा चौथ" का कुल प्रसारण समय 1 मिनट 56 सेकंड है। सुनें और बतायें कि हम अपने इस प्रयास में कितना सफल हुए हैं। यदि आप भी अपनी मनपसंद कहानियों, उपन्यासों, नाटकों, धारावाहिको, प्रहसनों, झलकियों, एकांकियों, लघुकथाओं को अपनी आवाज़ देना चाहते हैं तो अधिक जानकारी के लिए कृपया admin@radioplaybackindia.com पर सम्पर्क करें। वेदना तो हूँ पर संवेदना नहीं, सह तो हूँ पर अनुभूति नहीं, मौजूद तो हूँ पर एहसास नहीं, ज़िन्दगी तो हूँ पर जिंदादिल नहीं, मनुष्य तो हूँ पर मनुष्यता नहीं, विचार तो हूँ पर अभिव्यक्ति नहीं| हर सप्ताह यहीं पर सुनें एक नयी कहानी "चारो तरफ करवा चौथ की चकाचौंध मची है

‘भयभंजना वन्दना सुन हमारी...’ : राग मियाँ की मल्हार में भक्तिरस

    स्वरगोष्ठी – 143 में आज रागों में भक्तिरस – 11 मन्ना डे को भावांजलि अर्पित है उन्हीं के गाये गीत से  ‘ रेडियो प्लेबैक इण्डिया ’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘ स्वरगोष्ठी ’ के मंच पर जारी लघु श्रृंखला ‘ रागों में भक्तिरस ’ की ग्यारहवीं कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र , आप सब संगीतानुरागियों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मित्रों , जारी श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपसे भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला की आज की कड़ी में हम आपसे ऋतु प्रधान राग मियाँ की मल्हार में उपस्थित भक्तिरस पर चर्चा करेंगे। आपके समक्ष इस राग के भक्तिरस-पक्ष को स्पष्ट करने के लिए हम तीन भक्तिरस से पगी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे। सबसे पहले हम 1956 में प्रदर्शित फिल्म ‘ बसन्त बहार ’ का राग मियाँ की मल्हार पर आधारित एक वन्दना गीत सुर-गन्धर्व मन्ना डे की आवाज़ में प्रस्तुत कर उनकी स्मृतियों को भावांजली अर्पित करेंगे। आपको स्मरण ही होगा की बीते 24 अक्तूबर को बैंगलुरु में उनका निधन हो गया थ