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‘प्रभु तेरो नाम जो ध्याये फल पाए...’

    स्वरगोष्ठी – 138 में आज रागों में भक्तिरस – 6 राग धानी का रंग : लता मंगेशकर और लक्ष्मी शंकर के संग ‘रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ के साप्ताहिक स्तम्भ ‘स्वरगोष्ठी’ के मंच पर इन दिनों जारी लघु श्रृंखला ‘रागों में भक्तिरस’ की छठी कड़ी में मैं कृष्णमोहन मिश्र, एक बार पुनः आप सब संगीत-रसिकों का स्वागत करता हूँ। इस श्रृंखला के अन्तर्गत हम आपके लिए भारतीय संगीत के कुछ भक्तिरस प्रधान राग और उनमें निबद्ध रचनाएँ प्रस्तुत कर रहे हैं। साथ ही उस राग पर आधारित फिल्म संगीत के उदाहरण भी आपको सुनवा रहे हैं। श्रृंखला के आज के अंक में हम आपसे संगीत के शास्त्रीय मंचों पर कम प्रचलित राग धानी पर चर्चा करेंगे। आज हम आपको इस राग में निबद्ध सुप्रसिद्ध गायिका लक्ष्मी शंकर के स्वरों में एक खयाल सुनवाएँगे। साथ ही इस राग पर आधारित, 1961 में प्रदर्शित फिल्म ‘हम दोनों’ से एक बेहद लोकप्रिय भक्तिगीत विख्यात पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की आवाज़ में प्रस्तुत करेंगे। आपको याद ही होगा कि आगामी 28 सितम्बर को कोकिलकंठी गायिका लता मंगेशकर का जन्मदिवस है। इस अवसर के लिए हमने पिछले अंक में और आज के अंक

'सिने पहेली' में आज आप पर फेंक रहे हैं गीतों भरी गूगली

सिने पहेली – 81     'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के सभी पाठकों और श्रोताओं को सुजॉय चटर्जी का प्यार भरा नमस्कार। दोस्तों, एक लम्बे अन्तराल के बाद मैं वापस 'रेडियो प्लेबैक इण्डिया' के मंच पर उपस्थित हुआ हूँ, और 'सिने पहेली' में वापस आकर मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है। सबसे पहले मैं अमित तिवारी जी का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ कि उन्होंने मेरी अनुपस्थिति में 'सिने पहेली' के सफ़र को जारी तो रखा ही, इसके मिज़ाज को ज़रा सा भी ठंडा नहीं पड़ने दिया और इस मुकाबले की रोचकता को बनाये रखा। पिछले दिनों सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने के सुझाव पर मतभेद सामने आया है। अत: हमारे सम्पादक मण्डल ने सर्वसम्मति से सरताज प्रतियोगी को एक अंक दिये जाने का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। साथ ही यह निर्णय लिया है कि अब 'सिने पहेली' की समाप्ति तक इसके किसी भी नियम में न तो फेर-बदल किये जायेंगे और न ही कोई नया नियम लागू होगा। आशा है इस फ़ैसले का सभी प्रतियोगी समर्थन करेंगे। आइए सबसे पहले आपको बतायें पिछले सप्ताह पूछे गए सवालों के सही जवाब...

लव की घंटी बजा रहे हैं ललित कुछ 'बेशरम' होकर

90 के दशक की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में इस जोड़ी का संगीत था, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे , कुछ कुछ होता है, जो जीता वही सिकंदर  जैसी फिल्मों के नाम जुबाँ पे आते ही याद आते हैं जतिन ललित. फना   के बाद दोनों भाईयों ने अलग अलग काम करने का फैसला लिया, और अब एक लंबे अरसे बाद ललित लौटे हैं रणबीर कपूर अभिनीत बेशरम   के साथ. देखें क्या ललित अकेले दम पर वही पुराना सुरीला जादू फिर से पैदा कर पाए हैं या नहीं.     जैसा कि हम बता चुके हैं कि ललित फिल्म के प्रमुख संगीतकार हैं पर यहाँ एक अतिथि संगीतकार के रूप में इश्क बेक्टर भी मौजूद हैं और इन्हीं का है शीर्षक गीत बेशरम . धुन कैची है, शब्द बेतरतीब हैं, ८० के दशक जैसा टेम्पो है गीत का, और फिल्म के शीर्षक गीत के रूप में एकदम सटीक है. रणबीर पर फिल्माए ताजा हिट गीत दिल्ली वाली गर्ल फ्रेंड   की तर्ज पर ही लगता है हम लुट गए रे पिया आके तेरे मोहल्ले   गीत भी. तेज रिदम पर ममता शर्म और एश्वर्या निगम की दिलफेंक गायकी गीत को एक चार्टबस्टर बनाने में पूरी तरह समर्थ है. किशोर कुमार के चुलबले गीतों का अंदाज़ झलकता है लव की घंटी    गीत में. सुजीत शेट्टी