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१४ फरवरी - आज का गाना

गाना:  तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है चित्रपट: आप तो ऐसे न थे संगीतकार: उषा खन्ना गीतकार: निदा फाज़ली स्वर: हेमलता, मनहर, रफ़ी तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है जहाँ भी जाऊँ ये लगता है, तेरी महफ़िल है ये आसमान ये बादल ये रास्ते ये हवा हर एक चीज़ है अपनी जगह ठिकाने पे कई दिनों से शिकायत नहीं ज़माने से ये ज़िंदगी है सफ़र तू सफ़र कि मंज़िल है, जहाँ भी ... हर एक फूल किसी याद सा महकता है तेरे खयाल से जागी हुई फ़िज़ाएं हैं ये सब्ज़ पेड़ हैं या प्यार की दुआएं हैं तू पास हो कि नहीं फिर भी तू मुकाबिल है, जहाँ भी ... हर एक शय है मुहब्बत के नूर से रोशन ये रोशनी जो ना हो ज़िंदगी अधूरी है राह\-ए\-वफ़ा में कोई हमसफ़र ज़रूरी है ये रास्ता कहीं तनहा कटे तो मुश्किल है, जहाँ भी ... तेरे बगैर जहाँ में कोई कमी सी थी भटक रही थी जवानी अंधेरी राहों में सुकून दिल को मिला आ के तेरी बाहों में मैं एक खोई हुई मौज हूँ तू साहिल है, जहाँ भी ... तेरे जमाल से रोशन है कायनात मेरी मेरी तलाश तेरी दिलकशी रहे बाकी खुदा करे की ये दीवानगी रहे बाकी तेरी वफ़ा ही मेरी हर

सिने-पहेली # 7

सिने-पहेली # 7 (13 फ़रवरी 2012) रेडियो प्लेबैक इण्डिया के सभी श्रोता-पाठकों को सुजॉय चटर्जी का सप्रेम नमस्कार! दोस्तों, 'सिने-पहेली' की सातवीं कड़ी लेकर मैं हाज़िर हूँ। दोस्तों, 'सिने पहेली' के महाविजेता बनने की जो हमने योजना रखी है, उसमे थोड़ी तबदीली की ज़रूरत है, ऐसा हम सब महसूस कर रहे हैं। दरसल बात ऐसी है कि महाविजेता वही बनेगा जो ५०-वें अंक तक सबसे ज़्यादा अंक अर्जित करेगा। पर ज़रा सोचिए उन प्रतियोगियों का क्या जो २० या ४०-वे अंक से जुड़ने वाले होंगे। अब वो भला औरों के साथ कैसे कम्पीट करें? यानी कि ५० अंकों का जो सफ़र है महाविजेता बनने का, यह बहुत लम्बा है। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि १० - १० अंकों में इस प्रतियोगिता को विभाजित कर दस अंकों के सेगमेण्ट्स बनाया जाए, और हर दसवें अंक के बाद उस सेगमेण्ट का विजेता घोषित कर दिया जाये। इस तरह से १००-वें अंक तक जो प्रतियोगी सबसे ज़्यादा सेगमेण्ट विजेता बना होगा, वही होगा 'सिने पहेली' का महाविजेता। आज सातवीं कड़ी है, देखते हैं दसवी कड़ी के बाद कौन बनता है इस पहले सेगमेण्ट का विनर? देखते हैं किसमे है दस का दम? च

१३ फरवरी - आज का गाना

गाना:  झूम झूम के नाचो आज गाओ आज गाओ खुशी के गीत हो चित्रपट: अंदाज़ संगीतकार: नौशाद अली गीतकार: मजरूह सुलतान पुरी गायक: मुकेश झूम झूम के नाचो आज गाओ आज गाओ खुशी के गीत हो गाओ खुशी के गीत आज किसी की हार हुई है, आज किसी की जीत हो गाओ खुशी के गीत झूम झूम के ... कोई किसी किसी की, आँख का तारा जीवन साथी, साजन प्यारा और कोई तक़दीर का मारा ढूँढ रहा है दिल का सहारा किसी को दिल का दर्द मिला है, किसी को मन का मीत हो गाओ खुशी के गीत झूम झूम के ... देखो तो कितना, खुश है ज़माना दिल में तरंगे लब पे तराना बन्द आँख आँसू न बहाना ये तो यहाँ का ढंग पुराना इसको मिटाना उसको बनाना, इस नगरी की रीत हो गाओ खुशी के गीत झूम झूम के ...