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३० जनवरी- आज का गाना

गाना:  दे दी हमें आज़ादी चित्रपट: जागृति संगीतकार: हेमंत कुमार गीतकार:  कवि प्रदीप गायिका: आशा भोंसले दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल आँधी में भी जलती रही गाँधी तेरी मशाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... धरती पे लड़ी तूने अजब ढंग की लड़ाई दागी न कहीं तोप न बंदूक चलाई दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... रघुपति राघव राजा राम शतरंज बिछा कर यहाँ बैठा था ज़माना लगता था मुश्किल है फ़िरंगी को हराना टक्कर थी बड़े ज़ोर की दुश्मन भी था ताना पर तू भी था बापू बड़ा उस्ताद पुराना मारा वो कस के दांव के उलटी सभी की चाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे दी ... रघुपति राघव राजा राम जब जब तेरा बिगुल बजा जवान चल पड़े मज़दूर चल पड़े थे और किसान चल पड़े हिंदू और मुसलमान, सिख पठान चल पड़े कदमों में तेरी कोटि कोटि प्राण चल पड़े फूलों की सेज छोड़ के दौड़े जवाहरलाल साबरमती के सन्त तूने कर दिया कमाल दे द

पुण्य तिथि पर पण्डित विष्णु गोविन्द (वी.जी.) जोग को एक स्वरांजलि

स्वरगोष्ठी – ५५ में आज जुगल बन्दी के बादशाह वायलिन वादक पण्डित जोग   भारतीय संगीत के प्रातःकालीन रागों में एक बेहद मधुर और भक्तिरस से सराबोर राग है- अहीर भैरव। हिन्दी फिल्मों में इस राग का प्रयोग बहुत अधिक तो नहीं हुआ किन्तु जिन संगीतकारो ने इस राग का उपयोग किया , उन्होने फिल्म-संगीत-जगत को अपने सदाबहार गी तों से समृद्ध कर दिया। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सुप्रसिद्ध वायलिन वादक पण्डित वी.जी. (विष्णु गोविन्द) जोग का अत्यन्त प्रिय राग अहीर भैरव ही था। ३१ जनवरी को पण्डित जी की आठवीं पुण्यतिथि है। इस अवसर पर आज के अंक में हम उनके प्रिय राग ‘ अहीर भैरव ’ के माध्यम से उन्हें स्वरांजलि अर्पित कर रहे हैं।      आ ज ‘ स्वरगोष्ठी ’ में एक नए अंक के साथ मैं कृष्णमोहन मिश्र , आप सभी संगीत- प्रेमियों की बैठक में उपस्थित हुआ हूँ। दोस्तों , आज की बैठक में हम सुप्रसिद्ध वायलिन वादक पण्डित वी.जी. जोग के व्यक्तित्व और कृतित्व पर उनके प्रिय राग ‘ अहीर भैरव ’ के माध्यम से चर्चा करेंगे। परन्तु चर्चा की शुरुआत हम दो ऐसे फिल्मी गीत से करेंगे , जिन्हें राग ‘ अहीर भैरव ’ के स्वरों में पिरोया ग

२९ जनवरी- आज का गाना

गाना:  मिल गए मिल गए आज मेरे सनम चित्रपट: कन्यादान संगीतकार: शंकर जयकिशन गीतकार:  हसरत जयपुरी गायिका: लता मंगेशकर मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो ऐ नज़रों ज़रा काम इतना करो तुम मेरी मांग में आज मोती भरो तुम मेरी मांग में आज मोती भरो एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म एक उजाला हुआ ढल गई शाम-ए-ग़म आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी वो कहाँ छुप रहे थे मैं हैरान थी मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी मेरी सदियों से उनसे ही पहचान थी ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम ऐसे किस्से ज़माने में होते हैं कम आज मेरे ज़मीन पर नहीं हैं कदम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम मिल गए मिल गए आज मेरे सनम आज मेरे ज़मीन पर नह